कांकेर में सर्वाधिक 596 विद्यालय होंगे मर्ज: बीजापुर में मात्र 68, जशपुर में है 500 मीटर के दायरे में रिकॉर्ड स्कूल

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लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा युक्तियुक्तकरण को लेकर आदेश जारी किए जाने के बाद प्रदेश में सर्वाधिक प्रभावित जिला कांकेर होगा।

रायपुर। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा युक्तियुक्तकरण को लेकर आदेश जारी किए जाने के बाद प्रदेश में सर्वाधिक प्रभावित जिला कांकेर होगा। यहां सर्वाधिक 596 विद्यालय मर्ज होंगे। इनमें से 591 स्कूल ऐसे हैं, जो एक ही परिसर में संचालित होने के कारण मर्ज किए जा रहे हैं, जबकि 5 स्कूल ऐसे हैं जो एक किमी से कम अंतराल में स्थित होने के कारण मर्ज किए जा रहे हैं । रायपुर में 389 स्कूल मर्ज हो रहे हैं। इनमें से 4 स्कूलों को दूरी के आधार पर मर्ज किया गया है, जबकि शेष को एक ही परिसर में संचालित होने के कारण एक किया गया है।

प्रदेश में सबसे कम प्रभाव बीजापुर में पड़ेगा। यहां मात्र 68 विद्यालय ही युक्तियुक्तकरण की श्रेणी में आ रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में शालाओं का युक्तियुक्तकरण दो विधियों से हो रहा है। प्रथम विधि के अंतर्गत ऐसे विद्यालयों को आपस में मर्ज किया जा रहा है जो एक ही परिसर में संचालित हो रहे हैं। अर्थात यदि किसी कैंपस में प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल या हायरसेकंडरी की कक्षाएं संचालित हो रही हैं तो उन्हें अलग-अलग ना गिनकर एक ही स्कूल माना जाएगा। दूसरी विधि के अंतर्गत दूरी को पैमाना बनाया गया है। इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 500 मीटर तथा शहर क्षेत्रों में एक किमी के दायरे में स्थित स्कूलों को आपस में मर्ज कर दिया जाएगा अर्थात गांव में 500 मीटर तथा शहर में 1 किमी के दायरे में एक ही स्कूल होंगे

प्रदेश में शून्य दर्ज संख्या वाली 211 शालाएं, फिर भी तैनात हैं शिक्षक
वहीं छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तुत युक्तियुक्तकरण रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में कुल 211 शासकीय विद्यालय ऐसे हैं जहां एक भी विद्यार्थी नहीं है, जबकि इन विद्यालयों में शिक्षक तैनात हैं। जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड की शासकीय प्राथमिक शाला साजाभवना और हर्राटिकरा इसका उदाहरण हैं। साजाभवना स्कूल में एक भी छात्र नहीं है, फिर भी एक सहायक शिक्षक यहां कार्यरत हैं। वहीं हर्राटिकरा स्कूल में शून्य दर्ज संख्या के बावजूद एक प्रधान पाठक एवं दो सहायक शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षा विभाग का कहना है कि ऐसे विद्यालयों की प्रासंगिकता समाप्त हो चुकी है और यहां पदस्थ शिक्षकों को आवश्यकता वाले विद्यालयों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत शुरू कर दी गई है।

जिलों में सारे विद्यालय एक किमी से बाहर
प्रदेश में 6 जिले ऐसे भी हैं, जहां के ग्रामीण क्षेत्र में 500 मीटर तथा शहरी क्षेत्र में एक किमी के दायरे में सिर्फ एक ही स्कूल हैं। इसके कारण दूरी के आधार पर यहां किसी भी विद्यालय का युक्तियुक्तकरण नहीं किया गया है। इन जिलों में नारायणपुर, कबीरधाम, बेमेतरा, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कोरिया तथा मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर शामिल है। दूरी के आधार पर जशपुर जिले में सर्वाधिक स्कूल मर्ज हुए हैं। यहां के ग्रामीण क्षेत्र में 27 विद्यालय अन्य शासकीय विद्यालयों से 500 मीटर से कम अंतराल में हैं, जबकि शहरी क्षेत्र में एक स्कूल ऐसा है जो दूसरे सरकारी स्कूल के एक किमी के दायरे में है। इन्हें समीपस्थ शासकीय स्कूल में मर्ज किया गया है।

जानिए किस जिले में कितने स्कूल होंगे मर्ज

जिला

एक ही परिसर में

दूरी के कारण

बस्तर

272

2

कोंडागांव

394

3

कांकेर

591

5

नारायणपुर

80

0

बीजापुर

58

10

दंतेवाड़ा

74

2

सुकमा

132

6

धमतरी

410

5

गरियाबंद

419

1

बलौदाबाजार

403

3

महासमुंद

432

8

कबीरधाम

375

0

राजनांदगांव

347

2

बालोद

353

1

दुर्ग

349

3

बेमेतरा

360

0

खैरागढ़-छुईखदान-गुंडई

156

1

मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी

210

0

बिलासपुर

429

2

मुंगेली

336

1

कोरबा

464

5

जांजगीर-चांपा

354

12

रायगढ

550

7

सक्ती

321

21

सारंगगढ़ बिलाईगढ़

359

19

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही

199

6

जशपुर

304

28

कोरिया

75

0

सूरजपुर

276

2

सरगुजा

223

4

बलरामपुर-रामानुजगंज

411

3

मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर

196

0

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