मोबाईल नेटवर्क की समस्या से जूझ रहे दर्जनों गांव: शिकायतों के बाद भी नहीं हो रहा समस्याओं का निराकरण

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फाइल फोटो 

जशपुर जिले के फरसाबहार ब्लाक के बारो, भरोगा, बिरहीपानी सराईटोला, तुमला, भेलवा, चिकलीपारा, डुमरीजोल के अलवा दर्जनों गांव नेटवर्क की समस्या से जूझ रहे हैं।

जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के फरसाबहार के अंदरुनी इलाकों में मोबाईल की नेटवर्क की समस्या बनी हुई हैं। इलाके के लोगों ने इस समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों को शिकायत के माध्यम से अवगत भी करवाया, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो पाया। फरसाबहार ब्लाक के बारो, भरोगा, बिरहीपानी सराईटोला, तुमला, भेलवा, चिकलीपारा, डुमरीजोल के अलवा दर्जनों गांव नेटवर्क की समस्या से जूझ रहे हैं।

मोबाइल नेटवर्क की समस्या एक प्रमुख मुद्दा
बस्तर क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क की समस्या एक प्रमुख मुद्दा है, खासकर सुकमा जैसे धुर नक्सल प्रभावित जिलों में कई इलाकों में अभी भी मोबाइल नेटवर्क की पहुंच नहीं है, जिससे लोगों को संचार में कठिनाई हो रही है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में नेटवर्क की स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन अभी भी कई गांव ऐसे हैं जहां नेटवर्क की समस्या बनी हुई है।

मोबाइल नेटवर्क जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे लोग
वहीं केशकाल के बड़ेराजपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत पीढ़ापाल के कुल्डाडिही के ग्रामीण आज भी मोबाइल नेटवर्क जैसी बुनियादी सुविधा के लिए तरस रहे हैं। यह क्षेत्र विगत 15 वर्षों से संचार व्यवस्था की गंभीर समस्या से जूझ रहा है, जहां अब तक कोई मोबाइल टावर स्थापित नहीं किया गया है। गांव के कुल 11 वार्डों में रहने वाले किसान, विद्यार्थी, शिक्षक और आम ग्रामीणों को दैनिक जीवन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है, क्योंकि डिजिटल शिक्षा के इस दौर में इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क की भूमिका अत्यंत आवश्यक हो गई है।

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