अंतर विद्यालयीन चित्रकला स्पर्धा: विश्वविद्यालय के आयोजन में सैकड़ों प्रतिभागी हुए शामिल

शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन एंड स्टार्टअप फाउंडेशन एवं कला अर्चनाआर्ट स्टूडियो का आयोजन किया गया
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हस्तशिल्प एवं कला मेला का आयोजन 

शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन एंड स्टार्टअप फाउंडेशन एवं कला अर्चनाआर्ट स्टूडियो द्वारा तीन दिवसीय हस्तशिल्प एवं कला मेला का आयोजन किया गया।

अनिल सामंत- जगदलपुर। शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन एंड स्टार्टअप फाउंडेशन एवं कला अर्चना आर्ट स्टूडियो द्वारा तीन दिवसीय हस्तशिल्प एवं कला मेला का वृहद आयोजन किया गया है। 'बस्तर मेरी नजर से' थीम पर दलपत सागर के पास बस्तर आर्ट गैलरी में लगा यह मेला शनिवार शाम तक चलेगा।

इस आयोजन में युवा कलाकारों ने इनोवेशन, स्टार्टअप एवं उद्यमिता के उद्देश्य से हस्तकला एवं शिल्प से जुड़े प्रोडक्ट के कई आकर्षक स्टॉल भी लगाए हैं। लोग कला के नए क्रिएटिव प्रोडक्टों की सराहना कर रहे हैं। आयोजन में आईआईटी, भिलाई टीम की विशेष उपस्थिति रही। शुक्रवार को शहर के विभिन्न स्कूलों के 400 से अधिक बच्चों ने बस्तर को लेकर अपनी कल्पनाओं और आसपास देखे प्राकृतिक व दैनिक गतिविधियों को अपने कूचियों, पेंसिलों और स्कैच पेन से कागज पर जीवंत किया।

ट्राइबल कल्चर ही भारतीय कल्चर- मुख्य अतिथि
इससे पहले गुरूवार शाम हस्तकला व शिल्प मेले के शुभारंभ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर प्रो. राजीव प्रकाश ने कहा कि हमें भारतीय कला में जो विज्ञान छिपे हैं और उसमें जो मैसेज छिपे हैं उसे समझने का प्रयास करना है। बस्तर के कला के क्षेत्र में काम किए जाने की कई संभावनाएं हैं। हमें हर काम को अब नए ढ़ंग से करने की जरूरत है। प्रो. राजीव ने कहा कि हमें सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्रोसेस को जनजातीय समाज से सीखना चाहिए। ट्राइबल कल्चर ही भारतीय कल्चर है। बस्तर क्षेत्र की तारीफ करते हुए प्रो राजीव ने कहा कि बस्तर सभी को भाने लायक है।


विश्वविद्यालय को पांच करोड़ फंडिग कराई जाएगी उपलब्ध
उन्होंने आगे कहा कि स्थान के नाम से आईआईटी भिलाई कहा जाता है पर इसे आप आईआईटी छत्तीसगढ़ समझें। यह संस्था सभी क्षेत्र के लिए कार्य करने को संकल्पित है। आईआईटी भिलाई द्वारा बस्तर क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। बस्तर क्षेत्र के युवा आईआईटी भिलाई और शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय से कभी भी जुड़ सकते हैं। इससे पहले प्रो राजीव ने फैकल्टी और विद्यार्थियों से चर्चा करते हुए अच्छे विजन के प्रोजेक्ट के लिए शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय को पांच करोड़ फंडिग उपलब्ध कराने की बात कही।

टक्नोलॉजी के सहारे समाज को नई राह दिखाने का प्रयास- कुलपति
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि देश में हर वर्ष करीब सवा करोड़ वर्किंग फोर्स जुड़ रहे हैं। सभी को काम की जरूरत है। इसके लिए हमें स्किलफुल यूथ बनाने की जरूरत है। आज टेक्नोलॉजिस्ट भी समाज के प्रति संवेदनशील हुए है। वे टक्नोलॉजी के सहारे समाज को नई राह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।

टेक्नोलॉजी के सहारे कला की कीमतों को स्टैंडराईज करने में मिलेगी मदद- तमन्ना जैन
कला अर्चना आर्ट स्टूडियो की प्रमुख तमन्ना जैन ने कहा कि, आर्ट और स्टार्टअप एक समान हो गए हैं। कई युवा कला से ही जीवन चलाना चाहते हैं। बस्तर में रहने की सुखानुभूति युरोप में रहने से बेहतर है। कार्यक्रम को आईआईटी भिलाई के विशेषज्ञ प्रो. संतोष बिश्वास, डॉ. सौरादयुति पॉल, डॉ. विष्णु वैभव त्रिवेदी ने भी संबोधित किया। इन सभी ने कहा कि अन्य क्षेत्र की तरह बस्तर में अपॉरच्यूनिटी के साथ चैलेंजेज भी हैं। हमें बस्तर के डिस्एडवांटेज को एडवांटेज में बदलने का प्रयास करना है। टेक्नोलॉजी के सहारे हमें कला की कीमतों को स्टैंडराईज करने में मदद मिलेगी। आज आईआईटी नेशनल लेवल के प्राब्लम सॉल्व करने के साथ- साथ सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के जीवन में सुधार लाने और उनके विकास के लिए काम कर रहा है। कुलसचिव राजेश लालवानी ने कहा कि बस्तर में असीमित संभावनाएं हैं। हम प्रकृति के साथ न्याय करेंगे तभी मानव कहलाएंगे।


बस्तर आर्ट से दुनिया में बस्तर का नाम रौशन- आईसीएसी संस्थापक
आईसीएसी के संस्थापक रविन्द्र मरड़िया ने कहा कि कई कलाएं विलुप्त हो रही हैं जिसे संरक्षण की जरूरत है। बस्तर आर्ट से दुनिया में बस्तर का नाम रौशन हो सकता है। रिचा तिरथानी ने कहा कि बस्तर एक जगह का नाम मात्र नहीं है। प्राकृतिक खूबसूरती,लोगों का अपनापन भाव और यहां की मनमोहक परंपराओं ने बस्तर को जीवंत कहानी में बदल दिया है। कार्यक्रम का संचालन डॉ रश्मि देवांगन और आभार उद्बोधन प्रो शरद नेमा ने दिया।

बस्तर आर्ट गैलरी में लगा बाल कलाकारों का मोहक मेला
शुक्रवार शाम बस्तर आर्ट गैलरी में बाल कलाकारों का मोहक मेला लगा। उनके लिए अंतरमहाविद्यालयीन चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें चार सौ से अधिक स्कूली बच्चों ने बस्तर की कला, संस्कृति और प्रकृति को लेकर चित्र उकेरे। कइयों ने प्रसिद्ध चित्रकारों की तरह सजीव जैसे पेंटिंग बनाये। बच्चों के कला प्रयासों को परखने डॉ शांति, मूवी जैन और गिरीश निर्णायक के रूप में उपस्थित रहे। जानकारी के अनुसार शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे से बस्तर आर्ट परिसर में स्टार्टअप के अवसर और चुनौतियां विषय पर उद्यमी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसी दिन शाम पांच बजे से ओपन माइक कार्यक्रम और पुरस्कार वितरण समारोह होंगे।

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