निजी स्कूलों का निरीक्षण: अधिकारी 5 मिनट से अधिक नहीं उठा सके बैग, छात्र ने बताया-9 किलो है वजन

अधिकारी भी 5 मिनट से अधिक नहीं उठा सके बै
रायपुर। बस्ते का बोझ जांचने जिले के निजी स्कूल पहुंचे अधिकारी छात्रों के उस बैग को पांच मिनट भी नहीं उठा सके, जिसे लेकर बच्चे रोजना कई किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा स्कूली बच्चों के बस्तों के बोझ को कम करने विशेष टीम बनाई गई है। यह टीम स्कूलों में जाकर, रास्ते में अथवा ऑटो-बस में स्कूली छात्रों के बस्तों की जांच करेगी। यदि बस्ते का वजन तय मानक से अधिक पाया गया, तो स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अभियान के पहले चरण में कई निजी स्कूलों में टीम पहुंची। यहां उन्होंने छात्रों के बस्तों की जांच की। लगभग प्रत्येक स्कूल में बस्ते का वजन तय मानकों से अधिक पाया गया। टीम ने माता सुंदरी पब्लिक स्कूल, खालसा उच्चतर माध्यमिक शाला, पूर्णिमा इंग्लिश मीडियम स्कूल, सालेम इंग्लिश मीडियम स्कूल तथा सालेम कन्या हिन्दी मीडियम स्कूल का का दौरा किया गया। निरीक्षण के दौरान प्राचार्यों और शिक्षकों से इस संदर्भ में चर्चा भी की गई। शाला प्रबंधन को निर्धारित अवधि में छात्रों के बस्तों का बोझ कम करने हिदायत दी गई है।
हमने तौले हैं अपने बस्ते
जांच टीम धरसींवा विकासखंड के बीईओ अमित तिवारी के नेतृत्व में गठित की गई है। इस दल में व्यायाम शिक्षकों को शामिल किया गया है ताकि वे बच्चों की शारीरिक स्थिति को उचित रूप से समझ सकें और उन्हें टिप्स दे सकें। जांच के दौरान 7वीं कक्षा के एक छात्र ने स्वयं ही अधिकारी को बताया कि उसने अपना बस्ता तौला है और इसका वजन 9 किलो है। स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि बैग में चार से अधिक कॉपी और पुस्तकें नहीं होनी चाहिए, लेकिन सभी छात्रों के बस्ते में इससे अधिक विषयों की कॉपी-किताबें मिली। विद्यार्थी 2 लीटर की क्षमता वाले पानी की बोतल के साथ पहुंच रहे हैं। स्कूलों को इसका ध्यान रखने और बोतल रीफिल करने पानी उपलब्ध कराने निर्देश दिए गए।
मानक से अधिक वजन
धरसींवा बीईओ अमित तिवारी ने बताया कि, सभी छात्रों के बस्तों का वजन तय मानक से अधिक रहा। सभी स्कूलों को समझाइश दी गई है। व्यवस्था में सुधार नहीं होता को कार्रवाई की जाएगी।
