6 साल से बंद इमर्सिव डोम: अब शुरू करने में एक से डेढ़ करोड़ का खर्च, इसलिए एनआरडीए ने भी खींचा हाथ

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रायपुर। नया रायपुर में दस करोड़ से अधिक लागत से बनाया गया 5-डी इमर्सिव डोम पिछले 6 साल से बंद पड़ा हुआ है। इस डोम में जादुई लघु फिल्में दिखाई जाती हैं, जिसे देखकर लोग भी अभिभूत रहते थे, लेकिन पिछले करीब 6 साल से यह डोम बंद पड़ा हुआ है, जिसके कारण यह अब खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। इधर सूत्रों के अनुसार इस इमर्सिव डोम में फिर से 5-डी जादुई फिल्मों का शो दिखाने के लिए बड़ी राशि की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि डोम में लगे स्क्रीन, महंगे उपकरण सहित कई चीजें खराब हो चुकी हैं। इन चीजों पर लगभग एक से डेढ़ करोड़ रुपए की राशि खर्च होनी है। इसे देखते हुए एनआरडीए भी इमर्सिव डोम को दोबारा चालू कराने में कोई रुचि नहीं ले रहा है। इस तरह इमर्सिव डोम के निर्माण में किए गए करोड़ों रुपये भी बर्बाद होता नजर आ रहा है।
2016 में बने इमर्सिव डोम में लोगों ने 2018 तक देखी जादुई फिल्में
इमर्सिव डोम को वर्ष 2016 में बनाया गया। इसके बाद लगातार वर्ष 2018 तक इस इमर्सिव डोम में 5-डी जादुई फिल्में देखने के लिए लोगों की भीड़ भी पहुंचती रही। हर दिन डोम में दो शो होते थे, लेकिन इसके बाद अचानक तकनीकी खराबी के कारण जादुई फिल्मों के शो दिखाना बंद कर दिया गया। इसके बाद तकनीकी खराबी को सुधारना छोड़ डोम में ताला लगा दिया गया।
बंद पड़े डोम में धीरे-धीरे स्क्रीन, प्रोजेक्टर, उपकरण खराब होकर कंडम हो गए
इमर्सिव डोम में ताला लगने के बाद से थियेटर में लगी स्क्रीन, प्रोजेक्टर सहित अन्य उपकरण भी खराब होकर कंडम हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार स्क्रीन की कीमत ही 25 लाख रुपए के करीब बताई जा रही है, वहीं प्रोजेक्टर, साउंड सिस्टम, लाइटें, इनपुट डिवाइस सहित अन्य चीजें भी काफी महंगी हैं। इन चीजों पर लगभग एक से डेढ़ करोड़ रुपए खर्च आएगा।
साइंस सेंटर को हैंडओवर करने संबंधी प्रस्ताव रिजेक्ट
सड्डू स्थित साइंस सेंटर ने करीब डेड़ साल पहले एनआरडीए को इमर्सिव डोम को उन्हें हैंडओवर करने संबंधी प्रस्ताव भेजा था। यह प्रस्ताव साइंस सेंटर के डी वैज्ञानिक इंजी. अमित मेश्राम द्वारा भेजा गया था। इस प्रस्ताव पर एनआरडीए रुचि भी ले रहा था, लेकिन कुछ महीने बाद अचानक प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया गया। इसके बाद से इमर्सिव डोम को शुरू करने में एनआरडीए भी रुचि नहीं ले रहा है।
बंद होने की बड़ी वजह बिजली बिल भी नहीं निकल पा रहा था शो से
इमर्सिव डोम को बंद करने के पीछे बड़ी वजन यही मानी जा रही है कि इस शो से एनआरडीए को हर महीने लाखों रुपए का नुकसान हो रहा था। डोम के मेंटनेंस में हर माह 7 से 8 लाख रुपए खर्च हो रहे थे, वहीं फिल्म शो का टिकट 10 रुपए होने के कारण महीने में एक लाख रुपए की आय नहीं हो पा रही थी। इस तरह शो से डोम के बिजली बिल की राशि भी निकल नहीं पा रही थी।
दूसरी कंपनी नहीं कर पाई मेंटेनेंस
इमर्सिव डोम के संचालन का ठेका सबसे पहले बेंगलुरु की कंपनी को दिया गया था। इस कंपनी ने वर्ष 2018 तक इसका संचालन किया। इसके बाद दूसरी कंपनी को संचालन करने का ठेका दिया गया। यह कंपनी मेंटेनेंस नहीं कर पाई और तकनीकी खराबी आने के बाद डोम ही बंद हो गया।
एक फिल्म 18 से 20 लाख की
इमर्सिव डोम में दिखाई जानी वाली 5-डी फिल्म की कीमत 18 से 20 लाख रुपए थी। इस फिल्म को विदेशी कंपनी से क्रय किया जाता था। सूत्रों के अनुसार 5-डी फिल्म विदेश में ही बनती हैं, इसलिए इन फिल्मों के एवज में बड़ी राशि का भुगतान करना पड़ता था।