फेसबुक पर अमर्यादित पोस्ट: पीएचडी छात्र हॉस्टल से निष्कासित, आधी रात तक हंगामा

फेसबुक पर अमर्यादित पोस्ट : पीएचडी छात्र हॉस्टल से निष्कासित, आधी रात तक हंगामा
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इंदिरा गांधी कृषि विवि में एक पीएचडी छात्र को हॉस्टल से बाहर निकाले जाने के बाद प्रशासन और विद्यार्थियों का एक समूह आमने-सामने हो गया है।

रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विवि में एक पीएचडी छात्र को हॉस्टल से बाहर निकाले जाने के बाद प्रशासन और विद्यार्थियों का एक समूह आमने-सामने हो गया है। बुधवार को आदेश जारी होने के बाद देर रात तक छात्रों का विरोध-प्रदर्शन जारी रहा और विवि में गहमागहमी की स्थिति बनी रही। विवि प्रशासन का कहना है कि छात्र का आचरण अमर्यादित है।

सोशल साइट्स पर कुलपति सहित प्राध्यापकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए पोस्ट उक्त छात्र द्वारा किए जाते रहे हैं। वहीं विवि से निष्कासित छात्र सुजीत सुमेर का कहना है कि यह निष्कासन छात्रहित की आवाज उठाने और जातिगत भेदभाव के विरुद्ध मुखर होने के कारण किया गया है। वह अपने संवैधानिक अधिकारों की बहाली और छात्रावास में पुनः प्रवेश की मांग को लेकर संघर्षरत है। निष्कासित पीएचडी छात्र के समर्थन में एनएसयूआई भी आ गई है। निष्कासित छात्र स्वयं भी एनएसयूआई कार्यकर्ता है।

पालकों को किया गया था सूचित
विवि प्रशासन के अनुसार, छात्र द्वारा नियमित रूप से तथ्यरहित पोस्ट फेसबुक सहित अन्य सोशल साइट्स पर किए जाते रहे हैं। इसे लेकर उसे कई बार नोटिस भी दिया जा चुका है। इसके अलावा पालकों को भी सूचित किया जा चुका है। हर बार माफी मांगने के बाद छात्र द्वारा पुनः अमर्यादित टिप्पणियां प्रारंभ कर दी जाती रही है। अनुशासन समिति की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। धर, एनएसयूआई द्वारा बुधवार शाम से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया गया है। खबर लिखे जाने तक निष्कासन के विरोध में छात्र बिस्तर सहित कुलपति कार्यालय के बाहर डेरा जमाए बैठे रहे। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष शांतनु झा ने कहा, छात्र द्वारा सोशल मीडिया में कुलपति पर की गई टिप्पणी अनुचित है, लेकिन वह मानसिक दबाव में था। किसी भी छात्र को घबराहट की स्थिति में की गई गलती के लिए जीवनभर की सजा न दी जाए।

अनुशासनात्मक कार्रवाई
छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. संजय शर्मा ने बताया कि , छात्र पर की गई कार्रवाई पूर्ण रूप से अनुशासनात्मक है। पीएचडी छात्र को केवल 6 सेमेस्टर तक छात्रावास में रहने का अधिकार है। छात्र को इससे अधिक समय हो चुका है। इसके अलावा उक्त छात्र का आचरण अमर्यादित है।

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