कर्रेगुट्टा हिल्स में जाने पर रोक: ऑपरेशन समाप्त होने के बाद भी पहाड़ के आस-पास मौजूद हैं सैकड़ों आईईडी

करेंगुट्टा हिल्स में जाने पर रोक : ऑपरेशन समाप्त होने के बाद भी पहाड़ के आस-पास मौजूद हैं सैकड़ों आईईडी
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करेंगुट्टा हिल्स

ऑपरेशन समाप्त होने के बाद भी ग्रामीणों को कर्रेगुट्टा हिल्स पहाड़ की ओर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। कर्रेगुट्टा हिल्स में सैकड़ों आईईडी मौजूद।

राजेश दास - जगदलपुर। नक्सलियों के खिलाफ फोर्स द्वारा चलाए गए अब तक के सबसे बड़े एंटी नक्सल ऑपरेशन से घबराए नक्सलियों ने कर्रेगुट्टा हिल्स में शरण लेने के लिए हजारों की संख्या में आईईडी प्लांट कर पिछले कुछ वर्षों में पूरे पहाड़ पर कब्जा कर लिया था। वहीं क्षेत्र के दर्जनभर से अधिक गांव के लिए फरमान जारी कर पहाड़ की ओर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। 21 अप्रैल से 11 मई 2025 के बीच 21 दिन तक नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया गया। फोर्स के प्रति ग्रामीणों में चलाया गया। फोर्स के प्रति ग्रामीणों में विश्वास बढ़ा है।

इस आपरेशन के समाप्त होने के बावजूद अब भी क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा प्लांट किए गए सैकड़ों की संख्या में आईईडी लगे हुए हैं। ग्रामीण इस इलाके में न तो आखेट के लिए जा पा रहे है और न ही वनोपज सग्रह के लिए। एक तरह से आपरेशन समाप्त होने के बाद भी करेंगुट्टा हिल्स ग्रामीणों के लिए प्रतिबधिंत क्षेत्र है। लेकिन यह अधिक दिनों तक नहीं रह सकेगा। पूरे इलाके को आईईडी मुक्त करने के बाद ग्रामीण पुनः इस इलाके में आखेट व वनोपज सग्रह के लिए जा सकेगें। करेंगुट्टा हिल्स के करीब छग के बीजापुर जिले का पुजारी काकेंर, गलगम, उदलापल्ली, चिनाउटलापल्ली, भीमारग, मल्लेपेट्टा, गुंजेपाल के अलावा तेलगांना के आधा दर्जन गांव आते हैं।


12 सौ वर्ग किमी की सर्चिग पूरी, जारी रहेगा ऑपरेशन
नक्सलियों के खिलाफ कर्रेगुट्टा हिल्स में चलाए गए अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन के दौरान 12 सौ वर्ग किमी की सर्चिग पूरी कर ली गई है। इस दौरान 450 से अधिक आईईडी व 818 नग बीजीएल सेल बरामद कर नष्ट किया जा चुका है। हम दावा नहीं कर रहे है कि पूरी तरह इलाके को आईईडी व नक्सलमुक्त कर लिया गया है। लेकिन आगे भी हमारी नियमित प्रक्रिया और इलाके में ऑपरेशन व सर्चिग जारी रहेगी। जल्द ही पूरे इलाके को माओवादियों से मुक्त कर लिया जाएगा। इसके लिए हम प्रयासरत है। बहुत जल्द क्षेत्र के ग्रामीण पूर्व की तरह इन इलाकों में वनोपज सग्रह व आखेट के लिए आ जा सकेंगे।

नम्बी व नीलम सराय वॉटरफॉल ग्रामीणों के लिए आस्था का प्रतीक
करेंगुट्टा हिल्स से लगा नम्बी व नीलम सराय वॉटरफॉल क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा है। नक्सलियों के शरणस्थली बनने से पूर्व तक पर्यटक भी इस वॉटरफॉल में आने जाने लगे थे। नक्सलियों कर्की शरणस्थली बनने के बाद इन वॉटरफॉल में भी ग्रहण लग गया है। अब ग्रामीणों को इंतजार है कि कब नक्सलियों के कब्जे से पूरे इलाके को आईईडी मुक्त कर लिया जाएगा। जिसके बाद पूर्व की तरह पर्यटक व ग्रामीण इन इलाकों में जा सकेगें। अब तक सुरक्षाबलों ने करेंगुट्टा हिल्स से माओवादियों की 4 तकनीकी इकाइयों को नष्ट किया है जिनका उपयोग नक्सलियों द्वारा बीजीएल सेल, देशी हथियार, आईईडी और अन्य घातक हथियारों के निर्माण के लिए किया जा रहा था।

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