एंबुलेंस ड्राइवर बने निजी हॉस्पिटल के एजेंट: मेकाहारा रेफर किए गए घायल आदिवासी युवक से ठगी, इलाज भी नहीं हुआ

patient
X

ठगी का शिकार होने वाला आदिवासी युवक 

बलौदा बाजार जिले के एक मरीज से निजी अस्पताल के डॉक्टर ने इलाज के बदले पैसे वसूले। पैसा ठगने के बाद भी मरीज को झांसा देकर घुमाते रहे और इलाज करने से मना कर दिया।

कुश अग्रवाल- बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले से सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिला अस्पताल से रायपुर मेकाहारा रेफर किए गए एक घायल मरीज को रास्ते में निजी अस्पताल मोड़ दिया गया और भर्ती के नाम पर 10 हजार रुपये वसूल लिए गए। इसके बाद भी इलाज शुरू ही नहीं किया गया।

पलारी ब्लॉक के ग्राम सीतापार निवासी राजा ध्रुव रविवार को आदिवासी समाज के जिला स्तरीय कार्यक्रम से लौट रहे थे। रास्ते में उनका सड़क हादसा हुआ, जिसमें हाथ टूट गया और सिर व चेहरे पर गंभीर चोटें आईं। परिजनों ने तत्काल उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया। परिजनों के अनुसार, डॉ. वसीम ने कह दिया - यहां इलाज नहीं होगा, कहीं और ले जाइए। इसके बाद मरीज को रायपुर मेकाहारा रेफर किया गया।

झांसा देकर प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया
रायपुर ले जाते वक्त एंबुलेंस ड्राइवर ने परिजनों को समझाया मेकाहारा में भीड़ ज्यादा है, देर होगी। ओंकार अस्पताल चलिए, वहां जल्दी और अच्छा इलाज मिलेगा। घबराए परिजन झांसे में आ गए और मरीज को बलौदा बाजार के ओंकार निजी अस्पताल ले आए।

पैसे लेने के बाद भी नहीं किया इलाज
परिजनों ने बताया कि, अस्पताल ने भर्ती के नाम पर 10 हजार रुपये ले लिए। लेकिन इलाज शुरू नहीं किया गया। मीडिया के पहुंचते ही अस्पताल प्रबंधन ने दरवाजे बंद कर दिए और डॉक्टर राबिया ने पत्रकारों को धमकाया। डॉ. राबिया ने साफ कहा कि, उनके ऊपरी संपर्क बड़े मीडिया संस्थानों और वकीलों तक हैं और मामले को दबाने की कोशिश की।


मेकाहारा किया गया था रेफर
सिविल सर्जन डॉ. अशोक वर्मा ने कहा- 24 तारीख को राजा ध्रुव को जिला अस्पताल लाया गया था। हाथ में चोट थी प्राइमरी ट्रीटमेंट के बाद मेकाहारा रेफर किया गया। परिजनों का आरोप है कि, जिला अस्पताल के डॉक्टर वसीम का निजी अस्पताल से जुड़ाव है, तो उन्होंने कहा- ये जानकारी नहीं है। मैं पता कराऊंगा। मरीज के पिता महेश ध्रुव ने आरोप लगाते हुए कहा- जिला अस्पताल में डॉक्टर वसीम ने कहा यहां इलाज नहीं होगा।

इलाज के लिए 15 हजार की डिमांड
मरीज के पिता ने बताया, ओंकार अस्पताल पहुंचे तो वहीं डॉक्टर बैठा था।बोला 15 हजार लगेगा, बाकी आयुष्मान कार्ड से काट लेंगे। हमने कहा गरीब आदमी हैं, इतना नहीं दे सकते। तब बोला- 10 हजार दो, तभी डिस्चार्ज मिलेगा।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story