उच्च शिक्षा में ऊंची गफलत: पदोन्नति सूची में बरसों पहले दिवंगत हो चुके और सेवानिवृत्त प्रोफेसर भी

मंत्रालय भवन (फाइल फोटो)
रायपुर। उच्च शिक्षा विभाग ने प्राध्यापकों की पदोन्नति सूची जारी की है, जिसमें बड़ी खामियां नजर आ रही है। विभाग ने बरसों पूर्व गुजर चुके 2 प्रोफेसर्स सहित सेवानिवृत्ति हो चुके 2 प्रोफेसर्स को भी पदोनत्ति दे डाली। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा द्वारा जारी किए गए पदोन्नति संबंधित इस आदेश के बाद प्रदेशभर के महाविद्यालयों के प्राध्यापक अचंभे में हैं। यह आदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गुरुवार देर शाम जारी किया गया।
इस आदेश के माध्यम से प्रदेशभर के 302 सहायक प्राध्यापकों को प्राध्यापक पद सहायक प्राध्यापकों को प्राध्यापक पद पर पदोन्नत किया गया। जारी सूची में दो नाम ऐसे हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी हैं। दिवंगत के अलावा सूची में तीन नाम ऐसे भी हैं, जो रिटायर हो गए है और विभाग ने उन्हें पदोन्नत कर दिया। जारी किए गए आदेश में उच्च शिक्षा विभाग ने लिखा है, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पुनरीक्षित विभागीय पदोन्नति समिति की अनुशंसा के उपरांत सहायक प्राध्यापकों को पदोन्नत प्राध्यापक के पद पर पदोन्नत किया जाता है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि सहायक प्राध्यापकों और प्राध्यापकों की सूची लंबे समय तक अपडेट नहीं होती है। पदोन्नत करने के वक्त पुरानी सूची निकालकर जारी कर दी जाती है। इस कारण यह विसंगति हुई है।
उच्च शिक्षा विभाग ने ये कहा
उच्च शिक्षा विभाग के सचिव एस. भारतीदासन ने इस संबंध में बताया कि सहायक प्राध्यापक से प्राध्यापक पद के लिए 2016 में डीपीसी की बैठक हुई थी। इसके बाद उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में इस डीपीसी की रिव्यू डीपीसी की बैठक 2025 में की गई। जिन लोगों को पदोन्नित मिली वो रिव्यू डीपीसी में उपयुक्त पाए गए। उन 366 लोगों में 297 वर्तमान में कार्यरत हैं। जो 366 लोग पदोन्नति के लिए उपयुक्त पाए गए उनमें से 63 सेवानिवृत्त हुए हैं। जो सेवानिवृत्त हुए हैं उनमें से 2 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और चार पर डीई चल रही है। जिनकी मृत्यु या सेवानिवृत्ति हो गई है, इनका पदोन्नति आदेश इस शर्त पर जारी किया जाएगा कि पेंशन के निर्धारण के लिए ये पदोन्नति पद वेतन निर्धारण से संबंधित है, यह केवल पेंशन प्रयोजन के लिए होगा।
बीते वर्ष चंद दिनों में दी थी नई पदास्थापना
पिछले वर्ष भी उच्च शिक्षा विभाग का एक आदेश विवादों में रहा था। प्राध्यापकों की पदोन्नति और तबादले संबंधित आदेश विभाग ने जारी किए थे। आदेश जारी करने के कुछ दिनों के अंतराल में ही दोबारा आदेश जारी कर प्राध्यापकों के स्थानांनतरण स्थल को परिवर्तित कर दिया गया था। कई प्राध्यापक जिन्हें पूर्व में ग्रामीण अंचल अथवा दूरस्थ क्षेत्रों में भेजा गया था, उनकी शहरी क्षेत्रों में वापसी करा दी गई थी। इस पर विभाग का कहना था कि जिन प्राध्यापकों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं थीं, उनका ही तबादला चंद दिनों के अंतराल में किया गया है।
इन नामों को लेकर चर्चा
- डॉ. भगत सिंह ढीढी बरसों पहले दिवंगत हो चुके हैं। वे राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक थे। भाटापारा के शासकीय महाविद्यालय के बाद रायपुर के छत्तीगसढ़ महाविद्यालय में अपनी सेवाएं दी थी।
- डॉ. प्रेमलता मिश्र आठ साल पूर्व स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुकी हैं। वे भी राजनीति विज्ञान की प्राध्यापक हैं। दुर्ग जिले के शासकीय महाविद्यालय उतई में उन्होंने सेवाएं दी हैं।
- डॉक्टर स्मृति अग्रवाल ने भौतिक शास्त्र के प्रोफेसर के तौर पर सेवाएं दी थी। वे भी कुछ वर्ष पूर्व स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुकी हैं। शासकीय महाविद्यालय वैशाली नगर, दुर्ग में कार्यरत थीं।
- डॉ. शकीला गायकवाड़ भी दिवंगत हो चुकी हैं। वे भी राजनीति विज्ञान की प्राध्यापिका थीं। शासकीय महाविद्यालय धमधा में उन्होंने सेवाएं दी थी।
