किसानों पर मूसलाधार मुसीबत: डेढ़ लाख हेक्टेयर की सब्जियों की फसल चौपट, बीज तक नष्ट हो गए

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धमतरी / भिलाई। राज्य के बड़े इलाके में लगातार हो रही जमकर बारिश ने सब्जियों की फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है। कहा जा रहा है कि टमाटर उत्पादक इलाकों में तकरीबन डेढ़ लाख हेक्टेयर की फसल चौपट हो चुकी है। दूसरी सब्जियों के खेत भी पानी में डूबे हुए हैं, जिसकी वजह से बीज सड़ गए। दोबारा बोनी या तीसरी बार बीज डालने से खेती में विलंब होगा, जाहिर है इससे पैदावार भी प्रभावित होगा।
धमतरी में लगातार बारिश से सब्जी की फसल चौपट हो गई है। कई किसान बारिश के चलते दो बार बोनी कर चुके हैं। ज्यादा पानी से दूसरी बार भी बीज सड़ गया। अब वे तीसरी बार बोनी की तैयारी कर रहे हैं। जिन किसानों की फसल तैयार है, उन किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। धमतरी में कोलियारी, करेठा सहित नदी किनारे कई गांवों में सब्जी की खेती की जाती है। इसके अतिरिक्त देमार, आमदी सहित अन्य गांवों और शहर में सब्जियों की कई बाड़ी है, जहां पर किसान सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं।
बारिश से सब्जियों की नर्सरी हो रही चौपट
बारिश से सब्जियों की नर्सरी हो रही चौपट प्रभावित किसानों ने बताया कि , बारिश की वजह से सब्जियों की नर्सरी चौपट हो रही है। खासकर टमाटर, गोमी, भिंडी, परवल, धनिया, मिर्ची, सेम आदि सब्जियां सितंबर महीने से निकलने लगेगी। अभी से इतनी बारिश हो गई है कि नर्सरी खराब हो रही है। इससे सब्जियों की पैदावारी प्रभावित होगी और सब्जियां आने वाले दिनों में भी मंहगी हो सकती है। प्रभावित किसानों को 6-4 के तहत भुगतान प्रदेश सरकार ने सब्जी फसलों के लिए भी बीमा योजना लागू किया है। पूरे प्रदेशभर में इस योजना के तहत किसानों को बीमा करवाने के प्रेरित किया गया है। इसलिए जिन किसानों की फसल बारिश से खराब हुई है, उन्हे बीमा के हिसाब से लाभ मिलेगा। जिन किसानों का बीमा नहीं है, उन्हे राज्य सरकार द्वारा सर्वे और आंकलन के आधार पर प्राकृतिक आपदा 6-4 के तहत भुगतान होता रहा है।
टमाटर, गोभी, परवल, भिंडी के भाव 80 रुपए किलो
इन दिनों बारिश में टमाटर, गोभी, भिंडी, परवल जैसी सब्जियों के दाम 80 रुपए किलो पहुंच गए हैं। ये सब्जियां इन दिनों लोकल बाड़ियों से आना बंद हो गई है। करीब 25 प्रतिशत फसल दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, धमतरी सहित अन्य जिलों की लोकल बाड़ियों में बची हुई है। किसान बतातें हैं कि इन सब्जियों को दीगर राज्यों से यहां की मंडियों में मंगवाई जा रही है। इसलिए सब्जियों के दाम इतनी ज्यादा पहुंच गई है।
75 प्रतिशत बीज सड़ गए
इस बारिश में इन किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। किसान वीरांगन साहू, कमलेश पटेल, ओंकार देवांगन ने बताया कि लगातार बारिश से सब्जी की बाड़ी में पानी भर गया है। वीरांगन ने बताया कि इस साल वे दो बार बरबटी, करेला, लाल भाजी, चेचभाजी आदि की बोनी कर चुके हैं। बाड़ी में ज्यादा पानी होने के कारण 75 प्रतिशत बीज सड़ गया है। उनके बाड़ी के बगल में सगे भाई की बाड़ी है, उनकी फसल की भी यही स्थिति है। उन्होंने बताया कि बीज की व्यवस्था कर वे फिर से बोनी करने की तैयारी कर रहे हैं। ओंकार देवांगन ने बताया कि उन्होंने बारिश से पहले ही मिडी, बरबटी सहित अन्य प्रकार की सब्जी लगाई थी। पौधे तैयार हैं, लेकिन बाड़ी में पानी भर जाने से फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।
झड़ गए फूल
फूलों के झड़ने से उत्पादन 60 प्रतिशत तक कम हो गया है। सब्जी की क्वालिटी भी प्रभावित हुई है। खेतों में पानी भर जाने से पौधों की जड़ें सड़ रही हैं। फूल और फल नष्ट हो रहे हैं। ज्यादा नमी के कारण फंगस संक्रमण का खतरा बना हुआ है। दाम आसमान परबारिश से सब्जियों की आवक प्रभावित हुई है। लोकल बाड़ियों से नहीं के बराबर सब्जियां आ रही हैं। इसके चलते सब्जियों के दाम आसमान पर है। सब्जी उत्पादक कमलेश पटेल ने बताया कि अधिकांश किसान अभी नई सब्जी लगा रहे हैं। कुछ किसानों का उत्पादन शुरू भी हो गया है लेकिन बारिश के चलते सब्जी उत्पादन कम हो गया है, जिसके चलते दाम बढ़े हुए हैं। फिलहाल दाम में कमी के आसार नहीं है।
टमाटर व सब्जियों की 30 फीसदी फसल खराब
प्रदेशभर में पिछले कुछ दिनों की बारिश से टमाटर सहित सब्जियों को 30 प्रतिशत क्षति पहुंची है। खासकर नदी किनारे के 80 प्रतिशत गावों की नर्सरी में पानी भर गया है और इससे फसल बर्बाद हो गई है। प्रदेभर में 4.99 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सब्जियों की पैदावारी होती हैं। इसमें करीब 1.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल की फसलों को क्षति पहुंची है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए जिला उद्यानिकी अधिकारियों ने फसल क्षति की जानकारी मंगवाई है।
इन मामलों से समझिए क्षति की स्थिति
केस 01
डोमा पथरिया निवासी संदीप सोलंकी ने 10 एकड़ क्षेत्रफल में टमाटर की नर्सरी लगाई है। गोभी की फसल भी 4 एकड़ क्षेत्रफल में लगी है। भारी बारिश की वजह से उनके खेतों में पूरा पानी भर गया है। ये फसलें डूब गई है। लगातार बारिश की वजह से पानी निकासी की व्यवस्था भी नहीं कर पा रहे हैं।
केस 02
धमधा के किसान नेतराम ने 8 एकड़ में टमाटर व भिंडी की फसल ली है। मिर्ची 6 एकड़ क्षेत्रफल में लगाई है। शिवनाथ नदी का पानी उनके खेतों तक पहुंच गया है। जिसकी वजह से पूरी फसल पानी में डूबी हुई है। दो दिन और बारिश होगी तो पानी निकलेगा नहीं और फसल खराब हो जाएगी।
केस 03
कन्हारपुरी के किसान पोखराज अपने 30 एकड़ में टमाटर, गोभी, पालक, लाल भाजी और अन्य सब्जी उगाई है। पानी पूरे क्षेत्र में भर गया है। जिसकी वजह से फसलें खराब होने लगी है। पानी और लगातार गिरेगा तो पूरी फसल खराब हो सकती है। दोपहर बाद पानी थोड़ा थमने से पानी निकासी की व्यवस्था की है।
सब्जियों की क्षति की जानकारी मंगवाई
उद्यानिकी उप संचालक सुरेश ठाकुर ने बताया कि, पिछले दो दिनों की भारी बारिश की वजह से सब्जियों की क्षति पहुंच सकती है। हमने अपने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं कि यदि किसी भी किसान की फसल को क्षति पहुंची है, तो उसकी जानकारी विभाग को दें। इससे हमें सर्वे करवाने में सुविधा होगी।
फसल क्षति का सर्वे जरूरी
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के महासचिव झबेन्द्रभूषण वैष्णव ने बताया कि,जिस हिसाब से भारी बारिश हुई है, उससे कई गांवों में सब्जियों की खेती को नुकसान पहुंचने की खबर आ रही है। ऐसी स्थिति में पूरे प्रदेशभर में उद्यानिकी फसल क्षति का सर्वे करना जरूरी हो गया है।
