हेल्थ कानक्लेव: हरिभूमि-आईएनएच का आयुष्मान भवः आयोजन, सम्मानित होंगे सामाजिक सरोकार से जुड़े डॉक्टर

हेल्थ कानक्लेव : हरिभूमि-आईएनएच का आयुष्मान भवः का आयोजन, सम्मानित होंगे सामाजिक सरोकार से जुड़े डॉक्टर
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हरिभूमि-आईएनएच का आयुष्मान भवः हेल्थ कानक्लेव-2025

रायपुर हरिभूमि-आईएनएच का आयुष्मान भवः हेल्थ कानक्लेव-2025 का आयोजन रविवार 18 मई को होटल बेबीलोन केपिटल, वीआईपी चौक में किया जाएगा।

रायपुर। हरिभूमि-आईएनएच का आयुष्मान भवः हेल्थ कानक्लेव-2025 का आयोजन रविवार 18 मई को होटल बेबीलोन केपिटल, वीआईपी चौक में किया जाएगा। इस अवसर चिकित्सकीय सेवा के साथ सामाजिक सरोकार के लिए कार्य करने वाले चिकित्सकों का सम्मान भी किया जाएगा। कार्यक्रम में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर महत्वपूर्ण चर्चा की जाएगी।

प्रदेश का स्वास्थ्य भविष्य में कैसे बेहतर हो, इस पर मंथन होगा। वरिष्ठ चिकित्सक भविष्य की आवश्यकताओं के आधार पर अपना सुझाव भी देंगे।कार्यक्रम में मौजूद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल इस दौरान सामने आने वाले जिज्ञासाओं का निराकरण करेंगे। कार्यक्रम के दौरान उन सात चिकित्सकों का सम्मान भी किया जाएगा जिन्होंने अपने पेशे के अलावा सामाजिक सरोकारों में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

यह होंगे सम्मानित
सम्मानित होने वालों में पंडित जवाहर लाल नेहरु स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ.विवेक चौधरी, राजधानी के वरिष्ठ ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. राकेश गुप्ता, कैशलेस सत्यसाईं संजीवनी हास्पिटल में सेवा देने वाली पीडियाट्रिक हार्ट सर्जन डॉ. रागिनी पांडे, आँबेडकर अस्पताल के कार्डियोलॉजी प्रमुख डॉ.स्मित श्रीवास्तव, प्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ डॉ. दिनेश मिश्रा, डीकेएस सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल के उप अधीक्षक डॉ.हेमंत शर्मा एवं अबूझमाड़ में सेवा देने वाले डॉ. बृजनंदन बनपुरिया का सम्मान किया जाएगा। कार्यक्रम में दो वरिष्ठ चिकित्सकों को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी दिया जाएगा।

कार्यक्रम में शामिल होंगे बतौर अतिथि
हरिभूमि-आईएनएच के आयुष्मान भवः हेल्थ कानक्लेव-2025 के मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल होंगे। कार्यक्रम के अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में सांसद बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव एवं श्री शंकराचार्य ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन एंड श्री शंकराचार्य मेडिकल कालेज के चेयरमेन आईपी मिश्रा शामिल होंगे।


सरकारी अस्पताल को डॉ. स्मित ने दिलाई अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान
हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज की सुविधा सरकारी अस्पताल में मिलने के सपने को वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने साकार किया। आंबेडकर अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग प्रमुख के रूप में उन्होंने ऐसे-ऐसे दुर्लभ प्रोसिजर किया की सरकारी अस्पताल को अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। गंभीर स्थिति में आने वाले मरीजों के इलाज के लिए चौबीस घंटे और सातों दिन उपलब्ध रहने वाले डॉ. श्रीवास्तव ने अब तक 15 हजार न्य से ज्यादा कार्डियक प्रोसीजर कर लोगों को नया जीवन दिलाया है। निजी अस्पतालों की तुलना में सबसे ज्यादा कार्डियक प्रोसीजर करने के साथ उनके द्वारा ऐसी समस्याओं का समाधान किया जिस पर देश के कई हार्ट सेंटर हाथ खड़े कर चुके थे। उन्होंने तकायसु धमनीशोध का उपचार लेजर पद्धति से किया जो देश में पहली प्रक्रिया थी। उनके द्वारा कार्डियोलॉजी से संबंधित महत्वपूर्ण शोध का प्रकाशन हुआ है।

कई चुनौतियां के बीच छत्तीसगढ़ में लेकर आए क्षेत्रीय कैंसर, संस्थान
प्रदेश में कैंसर की बड़ी समस्या से निपटने और उपचार की सुविधाओं के विस्तार की आवश्यकता थी। क्षेत्रीय कैंसर संस्थान की स्थापना के लिए बड़ी चुनौतियां थी जिसका सामना आंबेडकर अस्पताल के कैंसर विभागाध्यक्ष रहते डॉ.विवेक चौधरी ने किया और सफलता मिली। यहां हर साल प्रदेश के साथ दूसरे राज्यों के कैंसर पीड़ितों मरीजों को उपचार का लाभ मिल रहा है। डॉ.चौधरी ने आंबेडकर अस्पताल अधीक्षक के रूप में 13 साल तक सेवा दी। इस दौरान उपचार सुविधाएं जुटाई गई जिससे मरीजों का विश्वास आंबेडकर अस्पताल के प्रति बढ़ा। रेडियएशन आंकोलॉजी में एमडी स्वीटजरलैंड से फैलोशिप लेने वाले डॉ.विवेक चौधरी के नाम पर कैंसर से संबंधित की शोध का प्रकाशन हुआ। वर्तमान में डॉ.चौधरी शासकीय मेडिकल कालेज रायपुर के अधिष्ठाता के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं।

आंखों के इलाज के साथ अंधविश्वास दूर करने का बीड़ा उठा रहे डॉ. दिनेश मिश्रा

शरीर में सबसे नाजुक अंग आंख होता है और समाज में सबसे खतरनाक अंधविश्वास का जहर होता है। डॉ.दिनेश मिश्रा दोनों बीमारियों का इलाज करने के लिए अपना दायित्व निभा रहे हैं। वरिष्ठ चिकित्सक के साथ व्यवहार कुशल डॉ.मिश्रा दिवाली और होली के दौरान निशुल्क शिविर में नेत्र पीड़ा के साथ आने वाले मरीजों का उपचार करते हैं। उन्होंने राजधानी के अलावा गुजरात महाराष्ट्र और प्रदेश के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में भी अपनी सेवा दी है। सामाजिक कुरीतियों और फैले अंधविश्वास को दूर करने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी लोगों को समझाने का अभियान सालों से चला रहे हैं। चमत्कार, टोनही जैसे मुद्दों पर इनके व्याख्यान से समाज को नयी दिशा मिली है। अपने सामाजिक सरोकार वाले दायित्वों के निर्वहन के लिए उन्हें राज्य के राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी किया जा चुका है।

विकलांग बच्चों को खोजकर सर्जरी करवा रहे डॉ. हेमंत शर्मा
डीकेएस सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट के रूप में कार्यरत डॉ. हेमंत शर्मा अपनी टीम के साथ दूरस्थ इलाकों में सेरिब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चों को खोजकर विकलांगता से छुटकारा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। 19 वर्षों से चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर एवं डीकेएस हॉस्पिटल में बस्तर एवं सरगुजा अंचल के जरूरतमंद एवं ग़रीब मरीजों को बेहतर उपचार सुविधा उपलब्ध कराने में उनका बड़ा योगदान रहा है। उनके द्वारा सहयोगी चिकित्सकों की टीम के साथ दूरवर्ती जिलों में शिविर लगाकर स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराई गई है। चिकित्सकीय पेशे के साथ वंचित वर्ग के बच्चों में शिक्षा का अलख जगाने के लिए भी उनके द्वारा कार्य किया जा रहा है और इसके लिए एक सामाजिक संस्था के मदद से ऐसे बच्चों का काउंसिलिंग करने की सामाजिक जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं।


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