सरकार का फैसला: कॉलोनियों को गीला कचरे और सीवरेज के पानी का खुद करना होगा ट्रीटमेंट

सरकार का फैसला : कॉलोनियों को गीला कचरे और सीवरेज के पानी का खुद करना होगा ट्रीटमेंट
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कॉलोनियों को गीला कचरे और सीवरेज के पानी का खुद करना होगा ट्रीटमेंट

राज्य शासन ने निकायों के लिए नया फरमान जारी किया है। इसके अंतर्गत कॉलोनियों को अब निकलने वाले कचरे की प्रोसेसिंग खुद करनी पड़ेगी।

दुर्ग। राज्य शासन ने निकायों के लिए नया फरमान जारी किया है। इसके अंतर्गत कॉलोनियों को अब निकलने वाले कचरे की प्रोसेसिंग खुद करनी पड़ेगी। इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी निकायों की होगी। इस आदेश का सख्ती का पालन करने के निर्देश जारी किए गए हैं। बता दें कि दुर्ग शहर में ऐसी 32 से ज्यादा कॉलोनियां हैं। अब इन कॉलोनियों में गीला कचरा और सीवरेज के पानी का ट्रीटमेंट खुद करना होगा। इसके बाद इसे नालियों के रास्ते छोड़ा जा सकेगा।

सूखे कचरे के प्रोसेस के लिए निगम मदद करेगा। इस आदेश के बाद दुर्ग निगम के ऐसी सारी कॉलोनियों में सर्वे शुरू कर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम 2016 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार कॉलोनी में ही अपशिष्ट प्रबंधन किया जाना है। वर्तमान में नालियों की सफाई, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम निगम कर रहा है, जहां से गीला-सूखा कचरा लिया जा रहा है। उसे एसएलआरएम सेंटर पहुंचाया जा रहा है।

आदेश का नहीं हो रहा था पालन
बता दें शासन द्वारा जारी आदेशों का अब तक पालन नहीं हो रहा है। अब कहा गया है कि कॉलोनाइजर, बिल्डर द्वारा निर्मित आवासीय व्यावसायिक परिसरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं उपयोगित जल के संग्रहण, उपचार एवं पुनर्चक्रण की समुचित व्यवस्था की संपूर्ण जिम्मेदारी संबंधित कॉलोनाइजर बिल्डर तथा हैण्डओवर की स्थिति में रहवासी कल्याण संघ की है। ऐसा नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी।

शासन से जारी आदेश का करेंगे अवलोकन
दुर्ग नगर निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल ने बताया कि, शासन ने इसे लेकर आदेश जारी किया है। आदेश का अवलोकन किया जाएगा। इसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। शहर में इस समय 32 से ज्यादा कॉलोनियां हैं, जहां से हम डोरटूडोर कचरा कलेक्ट कर रहे हैं। सीवरेज को लेकर शासन की पहले ही गाइडलाइन तय है। जांच के बाद नियमतः कार्रवाई की जाएगी।

कॉलोनियों को दी जाएगी ट्रेनिंग, खर्च स्वयं उठाना होगा
अधिकारियों ने बताया कि, कॉलोनियों में गीला कचरा प्रोसेसिंग और सीवरेज पानी का ट्रीटमेंट के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद लगाए गए प्लांट और अन्य का खर्चा कॉलोनी को वहन करना होगा। उन्हें अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा कॉलोनी का सूखा कचरा निकाय ही कलेक्ट करेगा। इसके लिए यूजर चार्ज की वसूली निर्धारित दरों से की जाएगी। इसके अलावा जिन कॉलोनियों को निगम में समाहित किया जा चुका है।

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