‘मुख्यमंत्री सुशासन संवाद’ कार्यक्रम: सीएम साय ने IIM रायपुर के सुशासन फेलोशिप छात्रों से साझा किए अपने अनुभव

‘मुख्यमंत्री सुशासन संवाद’ कार्यक्रम
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मुख्यमंत्री सुशासन संवाद’ कार्यक्रम 

रायपुर के आईआईएम में ‘मुख्यमंत्री सुशासन संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सीएम साय ने विद्यार्थियों को सुशासन की बारीकियों से अवगत कराया।

रायपुर। रायपुर के मंत्रालय महानदी भवन के पंचम तल में स्थित सभागार में आयोजित ‘मुख्यमंत्री सुशासन संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन आईआईएम रायपुर में अध्ययनरत मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप के विद्यार्थियों के साथ हुआ। सीएम साय ने उन्हें सुशासन की बारीकियों से अवगत कराया।

सीएम साय ने इस कार्यक्रम में बताया कि, छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने सुशासन एवं अभिसरण विभाग की स्थापना की है। प्रदेश में ई-ऑफिस प्रणाली लागू की गई है, जिससे सभी फाइलें डिजिटलीकृत हो रही हैं। इससे शासन की कार्यप्रणाली पारदर्शी बनी है और फाइलों की ट्रैकिंग भी सहज हुई है। उन्होंने कहा कि, सरकार की मंशा भ्रष्टाचार के सभी मार्गों को बंद करने की है। ईमानदारी और निष्ठा से निभाई गई जिम्मेदारी हमेशा सकारात्मक परिणाम देती है। जनसेवा में ईमानदारी और समर्पण के साथ लगे रहने पर जनता का स्नेह और आशीर्वाद अवश्य ही प्राप्त हुआ।


जनता को योजनाओं का लाभ मिले यही असली सुशासन है- सीएम साय
जनता को शासन की योजनाओं का वास्तविक लाभ मिले, यही असली सुशासन है। योजनाएं सोच-समझकर बननी चाहिए, क्योंकि इसके पीछे जनता की गाढ़ी कमाई लगती है। जब योजनाएं जमीनी स्तर तक प्रभावी रूप से क्रियान्वित होती हैं, तभी आमजन को उसका सीधा लाभ मिलता है। सुशासन फेलोशिप के विद्यार्थियों से संवाद के दौरान उनके जिज्ञासु सवालों के बेझिझक और प्रेरणाप्रद उत्तर दिए।

जो भी जिम्मेदारी मिली, उसे पूरी निष्ठा से निभाया- सीएम साय
आरंग के फेलो हर्षवर्धन ने जब मुख्यमंत्री से उनके ग्राम बगिया के पंच से लेकर मुख्यमंत्री बनने के सफर की सबसे महत्वपूर्ण सीख पूछी, तो सीएम साय ने अपने राजनीतिक और पारिवारिक संघर्षों को साझा करते हुए कहा कि, बहुत कम उम्र में पिता के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी मेरे कंधों पर आ गई। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि मैं पंच भी बनूंगा, लेकिन जो भी जिम्मेदारी मिली, उसे पूरी निष्ठा से निभाया। ईमानदारी और निष्ठा से जब कार्य करते हैं, तो सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। मैंने कभी कर्तव्यपथ नहीं छोड़ा, और जनसेवा को जीवन का लक्ष्य बनाया। जनता ने मुझे पंच, सरपंच, विधायक, सांसद, राज्य मंत्री और अब मुख्यमंत्री तक का दायित्व सौंपा।


विकसित छत्तीसगढ़ के लिए ‘विजन डॉक्यूमेंट’ तैयार की- सीएम साय
बिलासपुर के फेलो मनु पांडेय ने जब यह पूछा कि, 2047 तक विकसित भारत के सपने में छत्तीसगढ़ की क्या भूमिका होगी, तो मुख्यमंत्री ने बताया कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का जो संकल्प लिया है, उसमें छत्तीसगढ़ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। 2014 से पहले भारत अर्थव्यवस्था में दसवें स्थान पर था, जो अब चौथे स्थान पर पहुंच गया है। हमने भी विकसित छत्तीसगढ़ के लिए ‘विजन डॉक्यूमेंट’ तैयार किया है। वर्तमान में हमारी जीएसडीपी 5 लाख करोड़ रुपये है, जिसे 2047 तक 75 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य है। यह लक्ष्य कोई कल्पना नहीं, बल्कि एक ठोस योजना है, जिसे हम अवश्य प्राप्त करेंगे।

सीएम साय ने युवाओं को किया प्रेरित
सीएम साय ने कहा किं छत्तीसगढ़ एक सम्पन्न राज्य है। यहां लोहा, टिन, लिथियम, बॉक्साइट, सोना और हीरे जैसे बहुमूल्य खनिजों के भंडार हैं। राज्य का 44% भूभाग वनों से आच्छादित है, जहां सैकड़ों प्रकार के लघु वनोपज हैं। यहां की उर्वरा मिट्टी और मेहनतकश लोग ही छत्तीसगढ़ की असली ताकत हैं। मुख्यमंत्री ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा किं, आप जैसे युवाओं के संकल्प और कौशल से हम विकसित छत्तीसगढ़ जरूर बनाएंगे।

फेलोशिप का उद्देश्य-भविष्य के उत्तरदायी सुशासक तैयार करना
कार्यक्रम में सुशासन एवं अभिसरण विभाग के सचिव राहुल भगत ने फेलोशिप योजना की रूपरेखा पर पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि, मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप का उद्देश्य राज्य के प्रतिभाशाली युवाओं को गवर्नेंस की उच्च स्तरीय शिक्षा और व्यावहारिक अनुभव प्रदान कर एक दक्ष एवं उत्तरदायी प्रशासनिक पीढ़ी तैयार करना है। इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार, भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रायपुर के साथ मिलकर पब्लिक पॉलिसी एंड गवर्नेंस में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित कर रही है।

सीएम साय ने विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ अंजोर विजन डॉक्युमेंट की प्रति भेंट की
चयनित फेलोज को शासन के विभिन्न विभागों में प्रायोगिक प्रशिक्षण के अवसर भी दिए जाएंगे। भगत ने बताया कि, फेलोज शासन के निर्णय-निर्माण प्रक्रिया में डेटा आधारित नीति निर्धारण, प्रशासनिक प्रक्रियाओं के सरलीकरण, संसाधनों के कुशल उपयोग, ई-गवर्नेंस को मजबूती, और नीतियों के जमीनी प्रभावों के विश्लेषण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने फेलोशिप के प्रोस्पेक्टस का विमोचन, अंजोर विजन डॉक्युमेंट भी भेंट किया। सीएम साय ने सुशासन फेलोशिप कोर्स के प्रोस्पेक्टस का विमोचन किया। विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ अंजोर विजन डॉक्युमेंट की प्रति भी भेंट की।

कार्यक्रम में इनकी रही मौजूदगी
इस अवसर पर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ ने भी छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अविनाश चम्पावत, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के विशेष सचिव, रजत बंसल, संयुक्त सचिव, मयंक अग्रवाल, आईआईएम रायपुर के प्रोफेसर्स एवं अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

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