गोबरा नवापारा तहसील का चना बीज घोटाला: पहली रिपोर्ट में दो लोग पाए गए दोषी, अब होगी विभागीय जांच

पहली रिपोर्ट में दो लोग पाए गए दोषी
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चना बीज वितरण घोटाला

चना बीज वितरण घोटाला मामले में दोषी पाए गए दो कृषि विस्तार अधिकारी मिथिलेश कुमार साहू और विनय कुमार सिंह के विरुद्ध अब विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।

रायपुर। गोबरा नवापारा तहसील क्षेत्र के ग्रामों में चना बीज वितरण घोटाला मामले में दोषी पाए गए दो कृषि विस्तार अधिकारी मिथिलेश कुमार साहू एवं विनय कुमार सिंह के विरुद्ध अब विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। इस जांच में पूर्व में अभनपुर एसडीएम स्तर पर की गई। जांच में जो कमी पाई गई है, उसे लेकर विभाग जांच कर रहा है। यह जांच पूरी होते ही कार्रवाई की जाएगी।

गोबरा नवापारा तहसील क्षेत्र के ग्राम भुरका-तोरला और ग्राम टीला-चंपारण ग्रामों में चना बीज वितरण में घोटाले का यह मामला नवंबर 2024 का है। इस घोटाले की जांच दिसंबर में की गई। जांच के बाद यह फाइल करीब तीन माह तक तहसील कार्यालय में डंप रही। इसके बाद इस मामले ने जब तूल पकड़ा तो फाइल जिला कृषि विभाग को भेजी गई। जांच रिपोर्ट में दोनों अधिकारियों को दोषी पाए जाने पर भी विभाग ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया और फाइल को करीब ढाई माह तक विभाग में ही दबी रही।

नए अधिकारी के आते ही मामले की विभागीय जांच शुरू
जिला कृषि विभाग के अधिकारी का तबादला होने के बाद नए अधिकारी के आने के बाद अब इस घोटाले की गंभीरता को देखते हुए विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। इसके तहत पुरानी जांच रिपोर्ट में जो कमी है, उसे दूर कर नई रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

सामान्य सभा में मामला उठने के बाद भी जागा नहीं विभाग
जिला पंचायत की सामान्य सभा में उपाध्यक्ष संदीप यदु एवं सदस्य यशवंत साहू ने भी इस मामले को उठाया था। इसके बाद विभाग में हड़कंप मचा था, जिसके बाद आनन-फानन में विभाग के तत्कालीन जिला अधिकारी राजेंद्र कश्यप ने जांच रिपोर्ट में 14 किसानों के बयान नहीं होने का हवाला देकर एक बार फिर मामले को शांत कर दिया और दोबारा घोटाला की जांच कराने की बात कहते रहे।

12 लाख का घोटाला
चना बीज घोटाला लगभग 12 लाख रुपए का है। विभाग के अनुसार इस क्षेत्र के ग्रामों में चना की खेती को बढ़ावा देने तथा इसके प्रदर्शन के लिए विभाग ने योजना के तहत 100 हेक्टेयर में फसल लगाने के लिए निशुल्क चना बीज वितरित कराया था। इसके लिए विभाग ने 100 किसानों की सूची भी बनाई थी। इन किसानों को एकड़ के अनुसार चना बीज का वितरण किया जाना था, लेकिन दोनों कृषि विस्तार अधिकारियों ने 100 हेक्टेयर की जगह 6 प्रतिशत से भी कम हेक्टेयर के लिए बीज का वितरण किया, शेष बीज बाजार में बेच दिया। जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा भी हुआ है।

जांच रिपोर्ट की कमी दूर कर रहे
जिला कृषि अधिकारी सतीश अवस्थी ने बताया कि, चना बीज घोटाले की पुरानी जांच रिपोर्ट में दोनों अधिकारी देोषी पाए गए है। इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होना तय है, लेकिन जांच रिपोर्ट में कुछ कमी है, जिसे दूर किया जा रहा है।

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