नहीं मिला मुआवजा: गैस पाइपलाइन चट कर गई 9 जिलों की फसल, गड्ढे में खेती

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प्रदेश के 9 जिले से गुजरी गैस पाइप लाइन से फसलों को भी काफी क्षति पहुंची। किसानों ने जून 2024 को अपने खेतों में रबी फसल लगा दी थी।

देवीलाल साहू - भिलाई। प्रदेश के 9 जिले से गुजरी गैस पाइप लाइन से फसलों को भी काफी क्षति पहुंची। किसानों ने जून 2024 को अपने खेतों में रबी फसल लगा दी थी और इसी दौरान गेल इंडिया कंपनी ने गैस पाइप लाइन डाल दी।

पाइप लाइन डालने की वजह से किसानों को करोड़ों रुपए की क्षति पहुंची। इस क्षति का मुआवजा अब तक कई किसानों को नहीं मिल पाया है। खास बात यह है कि रबी फसल की किसानी सीजन की फिर से शुरूआत करना है और खेतों में जेसीबी चलन से हुए गड्ढे भी कंपनी ने अब तक नहीं भरे हैं।इससे किसानों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

वर्तमान में खेतों में गड्डे, किसानी लायक नहीं
प्रभावित किसानों ने बताया कि, रबी फसल की किसानी की शुरूआत इसी महीने से होनी है। हर किसान के खेतों में पाइप लाइन डालने के बाद उसे समतल नहीं किया गया है। पांच से छह फीट तक गड्ढे हैं। सैकड़ों एकड़ जमीन इसी हाल में पड़ा है। जिसकी वजह से किसान रबी फसल किसानी शुरू नहीं कर पा रहे हैं। खेतों में खर्रा जुताई के लिए ट्रैक्टर नहीं ले जा पा रहे। न ही गुड़ाई का काम कर पा रहे।

पूर्व सीएम बघेल ने पीड़ितों के साथ किया था प्रदर्शन
गैस पाइप लाइन डालने की वजह से फसलों की क्षतिपूर्ति और जमीन मुआवजा को लेकर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीड़ितों का साथ दिया था। तब पाइप लाइन बिछाने वाली गेल इंडिया कंपनी के अधिकारियों ने एसडीएम व तहसीदार के समक्ष यह भरोसा दिलाया था कि एक महीने के भीतर ही फसल क्षतिपूर्ति व जमीन मुआवजा दे देंगे।

इन गांवों के किसान हैं प्रभावित
मुंबई से झारसुगुड़ा तक करीब 1300 किलोमीटर की गैस पाइप लाइन बिछाई गई है। इस योजना के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश के दुर्ग, बेमेतरा, राजनांदगांव, रायपुर, महासमुंद, जांजगीर चांपा और रायगढ़ जिले के किसान प्रभावित हुए। दुर्ग जिले के 21 गांव के लोगों की फसल नुकसान हुआ। इनमें अहेरी, बागडूमर, बोड़ेगांव, दौर, हिंगनाडीह, जताखर्रा, रवेलीडीह, सेमरिया से लेकर राजनांदगांव एरिया से लगे गांव भिभौंरी आदि आते हैं। इन गावों के किसान फसल क्षति मुआवजा के लिए भटक रहे हैं।

केस - 1
रेवलीडीह के किसान यासीन खान ने अपने खेत में चने की फसल लगाई थी। तीन एकड़ फसल में चना लगाया। उनके खेत के बीच को जेसीबी से खोदकर गैस पाइप लाइन डाली गई। वे बतातें है कि दो एकड़ फसल बर्बाद हो गई। मुआवजे को लेकर प्रदर्शन किया तो कहा कि एक महीने के भीतर दे देंगे लेकिन अब तक क्षतिपूर्ति नहीं मिली।

केस - 2
बोड़ेगांव के किसान रविप्रकाश ताम्रकार ने अपने खेत में टमाटर की फसल ली थी। 2 एकड़ में फसल ली। जिसमें एक एकड़ की फसल पूरी तरह तबाह कर दी। वे बतातें हैं कि गैस पाइप लाइन डालने के लिए खेतों के मेड़ को छह फीट गड्डे. कर डाला गया है। किसानों को अब तक न क्षतिपूर्ति दी है और न ही गड्डों को समतल किया गया है।

केस - 3
ननकट्ठी के किसान टिकेश्वर देवांगन ने अपने खेत में चने और टमाटर की फसल लगाई थी। चार एकड़ की फसल में आधी पाइप लाइन के. चपेट में आ गई। वे बताते हैं कि मेरे परिवार के और लोगों के साथ भी यहीं हुआ लेकिन किसी को क्षतिपूर्ति नहीं मिली है।

क्षतिपूर्ति के लिए करें आवेदन
गेल इंडिया कंपनी के डीजीएम सौरभ सिंह ने बताया कि, प्रभावित किसानों को हमने अधिग्रहित जमीन का मुआवजा बांट दिया है। फसल क्षतिपूर्ति मुआवज भी किसानों को दे दिया गया है। जिन किसानों को क्षतिपूर्ति नहीं मिल पाई है वे कार्यालय में आकर आवेदन करें। खेतों का संधारण कार्य हमने शुरू करवा दिया है। किसानी सीजन तक पूर्ण करवा देंगे।


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