झोलाछाप डॉक्टर की करतूत: बंद कमरे में मरीज को चीरा लगाकर भाग निकला, खून से लथपथ युवक की मौत

40 वर्षीय पुरुषोत्तम ध्रुव की मौत
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40 वर्षीय पुरुषोत्तम ध्रुव की गलत उपचार से मौत

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में झोलाछाप डॉक्टर कारनामा सामने आया है। पेंड्रा गांव में 40 वर्षीय पुरुषोत्तम ध्रुव की मौत गलत इलाज से हो गई।

गरियाबंद। गरियाबंद जिले में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के बाद एक युवक की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि इलाज के नाम पर झोलाछाप ने मरीज से 30 हजार रुपए में ठीक करने का सौदा किया था। प्रकरण में मर्ग कायम कर पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है।

जिला मुख्यालय से 4 किमी दूर पर स्थित पेंड्रा गांव में 40 वर्षीय पुरुषोत्तम ध्रुव की मौत गलत उपचार से हो गई। बवासीर की शिकायत पर पीड़ित का उपचार ओडिशा सीमा में रहने वाले दो झोलाछाप डॉक्टरों ने शुरू किया था। बंद कमरे में मृतक के घर पर ही इलाज किया जा रहा था। 24 अगस्त को पीड़ित की मौत हो गई। मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है। जहां जिला अस्पताल की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है।

मुआवजे की मांग
घटना की जानकारी लगने के बाद जिला पंचायत संजय नेताम पीड़ित परिवार से मिलने घर पहुंचे। आदिवासी विकास परिषद के उमेदी कोर्राम, लोकेश्वरी नेताम ने कहा कि जिला मुख्यालय से लगे गांव में इस तरह की घटना कई सवाल खड़ा करता है। आदिवासी नेताओं ने पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुवावजा और मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।


बंद कमरे में तड़पता छोड़ भाग गए
मृतक के भाई धरम राज ध्रुव ने बताया कि भाई बवासीर से ग्रसित था। अस्पताल में इलाज के लिए संकोच किया। गुप्त रोग उपचार के लिए छापे गए पर्चा के आधार पर हमने बबलू तांडी और संजू राजपूत से संपर्क किया, दोनों अमलीपदर थाना क्षेत्र में कही रहते हैं, पर रहने वाले ओडिशा नवरंगपुर जिले के हैं। 20 अगस्त को उपचार शुरू हुआ। इलाज के लिए 30 हजार में सौदा किया। शुरू के दो दिन तक 20 हजार रुपए दो किस्तों में ले चुके थे। 23 को भी सुबह उपचार शुरू किया। बंद कमरे में भाई का इलाज हो रहा था, लेकिन अचानक दोनों कथित डॉक्टर कमरे से निकल कर कहा कि इंजेक्शन लगाया गया है, कोई अंदर मत जाना। आराम करने दो। यह कह कर बचत 10 हजार मांगे निकल गए। डॉक्टरों के जाते ही बेटी कमरे में दाखिल हो गई। खून से लथपथ तड़प रहा था। आनन फानन में जिला अस्पताल लिया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

असावधानी पूर्वक लगाया था चीरा
चिकित्सा अधिकारी हरीश चौहान ने बताया कि, बगैर किसी सावधानी के मल द्वार में चीरा लगाया गया। नस कटने से खून ज्यादा निकला, जिसके कारण पीड़ित की मौत हो गई।

जांच के बाद होगी कार्रवाई
एएसपी जितेंद्र चंद्राकर ने बताया कि, मामले में कोतवाली थाने में मर्ग कायम किया गया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद मामले में आगे की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

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