अस्पताल की लापरवाही पर हाईकोर्ट सख्त: जनहित याचिका के रूप में की सुनवाई, सितंबर तक जारी रहेगी मानिटरिंग

High Court
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बिलासपुर हाई कोर्ट

गरियाबंद जिला अस्पताल में लापरवाही बरतने के मामले में बिलासपुर हाई कोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की।

पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला अस्पताल में मरीज को इंजेक्शन लगाने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था। जिसके बाद अब मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कड़ा रुख दिखाते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा- फिलहाल कोर्ट इस पर मानिटरिंग जारी रखेगा।

दरअसल, मामले की अगली सुनवाई अब सितंबर में होगी। बता दें कि, मामला उजागर होते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया और तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। वहीं मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने खुद इस पर संज्ञान लिया और इसे भी जनहित याचिका के रूप में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। सुनवाई में हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन की रिपोर्ट और कलेक्टर की कार्रवाई को देखते हुए कहा कि, अभी कोर्ट इस पूरे मामले की निगरानी करेगा।

महिला सुरक्षा गार्ड ने मरीज को लगाया था इंजेक्शन
यह पूरा मामला तब सामने आया जब एक पूर्व नगरपालिका पार्षद अपने भतीजे का इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचे। इलाज के दौरान महिला सुरक्षा गार्ड ने मरीज को इंजेक्शन लगा दिया। पार्षद ने इस घटना को मोबाइल में कैद कर लिया और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

अगली सुनवाई सितंबर में होगी

मामला सामने आने के बाद गरियाबंद कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वी.एस. नवरत्न और सिविल सर्जन डॉ. यशवंत ध्रुव को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई थी। अंत में कोर्ट ने साफ किया है कि स्वास्थ्य सेवाओं में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और मामले पर अगली सुनवाई सितंबर में होगी।

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