गांधीवादी समाजसेवी डॉ. द्विवेदी का अवसान: स्वामी विवेकानंद कुष्ठ मुक्त आश्रम के संस्थापक रहे

Dr. Mithila Sharan Dwivedi passed away
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पत्रकार और राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ. मिथिला शरण द्विवेदी का निधन 

गांधीजी और आचार्य विनोबा भावे से प्रेरणा लेकर कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए स्वामी विवेकानंद कुष्ठ मुक्त आश्रम की स्थापना करने वाले डॉ. मिथिला शरण द्विवेदी का निधन हो गया।

आलोक तिवारी- भिलाई। गांधीवादी समाजसेवी, लेखक, पत्रकार और राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ. मिथिला शरण द्विवेदी का सोमवार की सुबह निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे। वे अपने पीछे पत्नी सुशीलादेवी, पुत्र अशोक एवं अरुण, पुत्री अर्चना त्रिपाठी एवं आराधना तिवारी, मनीषा, जमाता रामकृषण त्रिवेदी एंव दुर्गेश तिवारी, अमित शुक्ला, पुत्रवधु शोभा एवं आभा और नाती पोतों का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं. उनकी अंत्येष्टि मंगलवार सुबह 10 बजे रामनगर मुक्तिधाम में संपन्न होगी।गांधीजी और आचार्य विनोबा भावे से प्रेरणा लेकर कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए स्वामी विवेकानंद कुष्ठ मुक्त आश्रम की स्थापना करने वाले डॉ. मिथिला शरण द्विवेदी का सोमवार की सुबह निधन हो गया।

डॉ. साहब ने कोयला खदानों से लेकर चंबल की बीहड़ों तक में चिकित्सा सेवाएं दीं। भिलाई भी उनका आगमन एक चिकित्सक के रूप में ही हुआ। गांधीजी और आचार्य विनोबा भावे की प्रेरणा से उन्होंने कुष्ठ रोगियों एवं रोग मुक्तों की सेवा के लिए स्वामी विवेकानंद कुष्ठ मुक्त आश्रम की स्थापना की। वे साक्षरता अभियान से भी जुड़े रहे। उन्होंने लगातार 30 वर्षों तक पत्रकारिता की। श्रमिक बच्चों के लिए कैम्प क्षेत्र में एक विद्यालय प्रारंभ किया। दीर्घकाल तक वे जिला कांग्रेस के महामंत्री भी रहे।

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