जालसाज ने बैंक को ठग लिया: नियमित ग्राहक बनकर ठग लिए 17 लाख

हाईटेक जालसाज ने बैंक को भी नहीं छोड़ा नियमित ग्राहक बन ठग लिए 17 लाख
X

File Photo 

रामसागार स्थित स्टेट बैंक की शाखा के साथ अज्ञात जालसाज ने बैंक का ग्राहक बनकर ऑनलाइन 17.80 लाख रुपए की ठगी कर ली।

रायपुर। रामसागार स्थित स्टेट बैंक की शाखा के साथ अज्ञात जालसाज ने बैंक का ग्राहक बनकर ऑनलाइन 17.80 लाख रुपए की ठगी कर ली। बैंक के साथ ऑनलाइन ठगी का यह संभवतः पहला मामला है। जालसाज ने जिस ग्राहक के नाम से बैंक के साथ ऑनलाइन ठगी की, उसी ग्राहक ने बैंक प्रबंधन को उसके साथ ठगी होने की जानकारी दी, तब बैंक प्रबंधन को अपने साथ ठगी होने की जानकारी मिली। घटना आजाद चौक थाना क्षेत्र की है। बैंक मैनेजर आशुतोष कुमार ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई है।

आशुतोष ने पुलिस को बताया कि, बैंक के पूर्व मैनेजर कार्तिकेय ने उसके पास आठ अगस्त को कॉल किया। उसने बताया कि उसके पास कृष्णा बिल्डर्स के पार्टनर सुनील थापड़िया का कॉल आया था। पूर्व मैनेजर ने वर्तमान मैनेजर को बताया कि सुनील बैंक का पुराना ग्राहक है, उन्हें रकम की जरूरत है। पूर्व मैनेजर ने वर्तमान से ग्राहक के लिए रकम फाइनेंस करने कहा। दो दिन बाद 11 अगस्त को जालसाज ने सुनील थापड़िया बनकर बैंक मैनेजर को कॉल किया और पैसों की जरूरत होने की बात कही। कारोबारी ने बैंक मैनेजर से रकम एनईएएफटी करने कहा।

वाट्सएप से डिटेल भेज ठगी
आशुतोष के अनुसार, जालसाज ने कॉल कर किसी काम से रजिस्ट्री ऑफिस में होना बताते हुए वाट्सएप में अपनी बैंक डिटेल देने के साथ एक आवेदन दिया। वाट्सएप से मिले आवेदन के आधार पर बैंक मैनेजर ने 17.80 हजार रुपए एनईएफटी कर दिया। सुनील थापड़िया के पास एनईएफटी का मैसेज आया, तो उसने बैंक मैनेजर को कॉल कर किसी तरह से एनईएफटी करने की बात से इनकार करते हुए बैंक प्रबंधन को उनके साथ ठगी होने की जानकारी दी। जिस अकाउंट में रकम ट्रांसफर की गई है, वह अकाउंट राजस्थान के किसी सरफराज अंसारी के नाम से है।

ऐसे की ठगी
पुलिस को आशंका है कि, जालसाज को सुनील के बैंक तथा उसके अकाउंट के बारे में पहले से जानकारी होगी। इसके बाद जालसाज ने मैनेजर का नंबर गूगल से सर्च कर हासिल किया होगा। आशुतोष एक माह पूर्व ट्रांसफर होकर आया है। आशुतोष का बैंक में नंबर अपडेट नहीं हुआ होगा। इस वजह से जालसाज ने जिस नंबर पर कॉल किया, वह बैंक के पूर्व मैनेजर के पास लग गया। इसके बाद जालसाज ने बैंक के पूर्व मैनेजर से वर्तमान मैनेजर का नंबर हासिल कर कॉल किया। पूर्व तथा वर्तमान मैनेजर के पास जो कॉल आया, उसमें टू कॉलर में सुनील थापड़िया तथा वाट्सएप में उसी का फोटो दिख रहा था।

बैंक प्रबंधन की लापरवाही
सायबर पुलिस के अनुसार, बैंक प्रबंधन की लापरवाही का फायदा उठाते हुए जालसाज बैंक को चूना लगाने में कामयाब रहा। एक्सपर्ट के अनुसार एनईएफटी करने के पूर्व कारोबारी के बैंक में रजिस्टर्ड नंबर पर कॉल कर पुष्टि करनी थी। इसके अलावा जानकार वाट्‌सएप से आवेदन स्वीकार करने पर सवाल उठा रहे हैं। एक्सपर्ट के अनुसार कारोबारी की उपस्थिति में बैंक प्रबंधन को एनईएफटी करना था।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story