नक्सलियों की कायराना करतूत: जिन शिक्षादूतों की गृहमंत्री ने थपथपाई थी पीठ, उन्हें मार डाला

पुलिस मुखबिरी का लगाया आरोप ढाई दशक में 1821 की हत्या
जगदलपुर। बीजापुर के अतिसंवेदनशील फरसेगढ़ थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने दो शिक्षादूतों की हत्या कर दी। यह वे शिक्षादूत हैं, जिनके कार्यों की कुछ समय पहले प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने सराहना की थी। मंगलवार सुबह दोनों का शव पीलूर गांव के जंगल में बरामद हुए हैं। नक्सलियों ने दोनों पर पुलिस मुखबरी का आरोप लगाते हुए उनके घरों से अगवा किया, फिर कुछ ही घंटे बाद जंगल में ले जाकर उनकी हत्या कर दी। पिछले एक पखवाड़े में नक्सलियों ने पुलिस मुखबरी का आरोप लगाते हुए 6 लोगों की हत्या कर चुके है। इनमें 4 ग्रामीण और 2 छात्र शामिल हैं।
मारे गए शिक्षादूतों की पहचान पीलूर गांव निवासी विनोद मड़े और टेकमेट्टा निवासी सुरेश मेट्टा के रूप में हुई है। विनोद मड़े (32) कोंडापड़गु के शासकीय स्कूल में शिक्षादूत के रूप में पदस्थ थे। वहीं सुरेश मेट्टा (28) अपने ही गांव टेकमेट्टा के स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे थे। घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत व्याप्त है। स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक बीती रात नक्सलियों ने दोनों को अगवा किया और घटना को अंजाम दिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस व सीआरपीएफ की संयुक्त टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है और इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
गांव के करीब ही शव को फेंका
नक्सलियों ने दोनों के शव गांव के करीब जंगल में फेंक दिया था। ग्रामीणों के अनुसार बीती रात अज्ञात नक्सलियों ने दोनों को जबरन घर से उठाया और कुछ ही घंटों बाद उनकी हत्या कर दी। यह घटना फरसेगढ़ थाना क्षेत्र की है। नक्सलियों के दहशत के चलते परिजनों ने अब तक अब तक पुलिस में मामले की शिकायत दर्ज नहीं करवा सके हैं। वहीं पुलिस की ओर से इस घटना की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन क्षेत्र में दहशत का माहौल इतना गहरा है कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने तक से कतरा रहे हैं।
शिक्षादूतों की डिप्टी सीएम ने की थी सराहना
शिक्षा के दीप जलाने वाले शिक्षादूत विनोद मड्डे और सुरेश मेटा दोनों ही शिक्षादूत योजना के तहत नक्सल प्रभावित बंद स्कूलों को फिर से शुरू करने की मुहिम में लगे थे। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कुछ समय पहले जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव में पहुंचे उस दौरान इन शिक्षादूतों की सराहना भी की थी, जो विषम हालात में भी बच्चों को शिक्षा देने के कार्य में जुटे थे और उनका सम्मान भी किया था। इन शिक्षकों को राज्य सरकार की ओर से 10-12 हजार रुपए मासिक मानदेय दिया जाता है।
जिले में इस समय लगभग 350 शिक्षादूत कार्यरत हैं, जो दुर्गम इलाकों में जाकर बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। मारे गए। शिक्षादूत विनोद मड्डे के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं जबकि सुरेश मेटा अब तक अविवाहित थे। उनके परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पिल्लूर और टेकमेटा गांव में मातम छाया हुआ है। गांव वाले इस क्रूर घटना से सदमे में हैं और लगातार सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि मामले की जानकारी मिल रही है कि नेशनल पार्क के दो शिक्षादूतों की हत्या की गई है, पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।
