किसानों के साथ खड़ी रही सरकार: पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई गई नैनो डीएपी और एनपीके

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय की सरकार लगातार किसानों के हित में कार्य कर रही है। देश भर में रासायनिक उर्वरकों की कमी के बाद बावजूद CM ने नैनो डीएपी और एनपीके को पर्याप्त मात्रा में किसानों को उपलब्ध करवाया। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद खाद वितरण को लेकर सतत निगरानी की जा रही है। ताकि, किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्क्तों का सामना ना करना पड़े। किसान समितियों में जाकर आसानी से बीज और खाद प्राप्त कर रहे हैं। जिससे किसानों में खुशी व्याप्त है और वे साय सरकार के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं।

नैनो डीएपी और एनपीके का किया गया अतिरिक्त भंडारण
राज्य में डीएपी की आपूर्ति में कमी से किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा इसके विकल्प के रूप में 179000 बॉटल नैनो डीएपी, एनपीके उर्वरक का लक्ष्य से 25 हजार मेट्रिक टन अधिक तथा एसएसपी का निर्धारित लक्ष्य से 50 हजार मेट्रिक टन का अतिरिक्त भंडारण किया गया है। पोटाश के निर्धारित लक्ष्य 60 हजार मेट्रिक टन के विरूद्ध अब तक 77 हजार मेट्रिक टन से अधिक म्यूरेट ऑफ पोटाश का भंडारण किया गया है। नैनो डीएपी जो कि ठोस डीएपी के विकल्प के रूप में बीज/थरहा, जड़ उपचार एवं बोआई/रोपाई के पश्चात खड़ी फसल में छिड़काव के लिए उपयोगी है। नैनो डीएपी की निरंतर आपूर्ति राज्य में सरकार द्वारा सुनिश्चित की गई है।

सहकारी क्षेत्र में उर्वरकों के भंडारण पर प्राथमिकता
चालू खरीफ सीजन के लिए डीएपी उर्वरक के निर्धारित 3.10 लाख मेट्रिक टन लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 1 लाख 63 मेट्रिक टन से अधिक का भंडारण हो चुका है। डीएपी की आपूर्ति निरंतर जारी है। अभी जुलाई माह में 48 हजार मेट्रिक टन डीएपी उर्वरक की आपूर्ति राज्य को होगी। राज्य के सहकारी क्षेत्र में उर्वरकों का भंडारण प्राथमिकता के आधार पर कराया गया है। राज्य के सहकारी क्षेत्र में डीएपी उर्वरक की उपलब्धता राज्य की कुल उपलब्धता का 62 प्रतिशत है।

सीएम ने दिए खाद की मांग और सप्लाई पर निगरानी रखने के निर्देश
सीएम श्री साय ने अपने खेती-किसानी के दीर्घ अनुभव के आधार पर कहा है कि खरीफ सीजन में किसान भाइयों द्वारा डी.ए.पी. खाद की मांग ज्यादा की जाती है। इसको ध्यान में रखते हुए डी.ए.पी. खाद की मांग और सप्लाई पर विशेष निगरानी रखी जानी चाहिए। उन्होंने खाद-बीज की गुणवत्ता को लेकर भी सेंम्पलिंग एवं प्रयोगशाला के माध्यम से जांच का विशेष अभियान संचालित किया जाए। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को अपने-अपने इलाके में खाद-बीज की मांग, भंडारण, उठाव एवं गुणवत्ता की मांनिटरिंग के निर्देश दिये है।

किसानों को हर प्रकार से मिल रहीं सहूलियतें
उन्होंने किसानों को खेती-किसानी में सहुलियतें प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक सहयोग करने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किए हैं। उन्होंने किसानों को उनकी मांग के अनुसार सुगमता के साथ प्रमाणित खाद-बीज का वितरण करने को भी कहा हैं। कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश के किसानों को अब तक 10.20 लाख मीट्रिक टन खाद और 7.22 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया जा चुका है। 21 जुलाई 2025 की स्थिति में प्रदेश में अब तक 446.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जबकि प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1238.7 मिमी है।

अधिकारियों ने बीज भंडारण के बारे में दी जानकारी
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, इस वर्ष खरीफ 2025 के लिए प्रदेश में 4.95 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें समस्त स्त्रोतों से 7.88 लाख क्विंटल बीज का भंडारण कर 7.22 लाख क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया गया है, जो मांग का 146 प्रतिशत है। जबकि खरीफ वर्ष 2024 में राज्य में बीज निगम से 4.64 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया गया था। इसी प्रकार प्रदेश में इस खरीफ सीजन में 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त लक्ष्य के विरूद्ध 13.78 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में भंडारण किया गया है। उक्त भंडारण के विरूद्ध 10.20 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का वितरण किसानों को किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 70 प्रतिशत है।

किसानों ने सीएम साय के प्रयासों को सराहा
बालोद जिले में किसानों को कृषि कार्य हेतु आदान सामग्री खाद-बीज की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। ग्राम बघमरा के किसान विमलचंद पटेल ने सेवा सहकारी समिति मेढ़की से डीएपी, पोटाश एवं यूरिया प्राप्त कर अपनी खेती के लिए आवश्यक तैयारी प्रारंभ कर दी है। श्री पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग चार एकड़ में वे धान की खेती करते हैं। उन्होंने शासन की खाद-बीज वितरण व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि समितियों में खाद और बीज की कोई कमी नहीं है और किसान अपनी आवश्यकता अनुसार सामग्री सहज रूप से प्राप्त कर पा रहे हैं। इससे समय पर कृषि कार्य आरंभ हो सका है। कृषक विमलचंद पटेल सहित अन्य किसानों ने जिले में खाद-बीज वितरण के लिए की गई प्रशासनिक व्यवस्था की सराहना की है। शासन-प्रशासन के इन सुनियोजित प्रयासों से जिले के किसान अब आत्मविश्वास के साथ कृषि कार्य में जुटे हैं।

किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं- CM
सीएम विष्णुदेव साय ने कहा है कि डीएपी खाद की कमी को लेकर किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके विकल्प के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अन्य रासायनिक उर्वरक जैसे- नैनो डीएपी, एनपीके और एसएसपी की भरपूर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इंदिरा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों के सुझाव के अनुरूप किसान डीएपी के बदले उक्त उर्वरकों का प्रयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। सोसायटियों से किसानों को उनकी डिमांड के अनुसार खाद- बीज का पर्याप्त भंडारण किया गया है।
