तीन जिलों तक फैला फर्जी नौकरी का जाल: सरकार सख्त हुई तो, जेल जाएंगे तीन जिला के शिक्षा अधिकारी

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, मोहला
एनिशपुरी गोस्वामी- मोहला। छत्तीसगढ़ के मोहला में फर्जी तरीके से शासकीय नौकरी करने का मामला सामने आया है। यहां पर नौ लोग मोहला- मानपुर और खैरागढ़ ज़िले में फर्जी आदेश के पर पिछले 38 माह से बाकायदा रेगुलर कर्मचारियों के रूप में कार्यरत हैं। इतना ही नहीं सरकारी कोषालय को लाखों रुपए का वेतन के नाम पर चूना लगाने के मामले में एक से बढ़कर एक हैरान कर देने वाला तथ्य सामने आ रहा हैं।
मामले में राजनांदगांव के तात्कालिक जिला शिक्षा अधिकारी और वर्तमान में संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्ग के ज्वाइंट डायरेक्टर आर एल ठाकुर की भूमिका बेहद संदिग्ध बताई जा रही है। जिन्होंने फर्जी नियुक्ति के नौ जालसाजों को राजनांदगांव जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जॉइनिंग देकर मोहला- मानपुर, अंबागढ़- चौकी और खैरागढ़ शिक्षा विभाग में पद स्थापना दिला दिया।
कई लोग आ सकते हैं लपेटे में
अब इस मामले में फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बावजूद मोहला मानपुर जिला शिक्षा अधिकारी फत्तेराम कोसरिया, लंबे समय से विकासखंड शिक्षा अधिकारी मोहला का कुर्सी संभाल रहे राजेंद्र देवांगन अपने पद का दुरुपयोग करते हुए इन फर्जी कर्मचारियों का अलग-अलग हाई स्कूलों से पद के विरुद्ध वेतन निकाल रहे है। जानकारों की माने तो अगर मामले में सरकार सख्त हुई और ईमानदारी पूर्वक जांच हुई तो नौ कूट रचित व्यक्तियों के साथ-साथ तीन जिले के जिला शिक्षा अधिकारी जेल के सलाखों तक पहुंच सकते हैं।

पिछले 38 माह से हैं कार्यरत
उल्लेखनीय है कि, हरिभूमि को मिले दस्तावेजों के मुताबिक 9 जालसाज राजनांदगांव, मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी तथा खैरागढ़ जिला शिक्षा अधिकारियों से सांठगांठ कर पिछले 38 माह से रेगुलर शासकीय कर्मचारी कंप्यूटर ऑपरेटर तृतीय वर्ग श्रेणी कर्मचारी के रूप में पदस्थ किए गए हैं। ये तमाम लोगों का पूरा नाम, संपूर्ण पता, योग्यता, नियुक्ति के सरकार का शासकीय आदेश खैरागढ़ और मोहला- मानपुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में नहीं है। इधर इन फर्जी कर्मचारियों को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय और कलेक्ट्रेट के वित्तीय शाखा, खनिज न्यास मद, एल डब्ल्यू ई मद आवक जावक शिकायत शाखा जैसे महत्वपूर्ण विश्वसनीय शाखाओं में सरकारी कर्मचारियों के रूप में चार्ज देकर महिनो वर्षों से रखा गया है।
कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश
शिकायत होने और मामला उजागर होने के बावजूद इनका वेतन जिला शिक्षा अधिकारी फत्तेराम कोसरिया और विकासखंड शिक्षा अधिकारी मोहला राजेंद्र देवांगन अपने ड्रॉइंग पावर का गलत इस्तेमाल कर जिले के अलग-अलग हाई स्कूलों से वेतन बीते कई महीनों से निकलवा रहे हैं। विभाग-फर्जी शासकीय नौकरी के मामले में शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर तूलिका प्रजापति ने मामले की सच्चाई के पड़ताल के लिए डीईओ मोहला को निर्देश दिए हैं।
अब तक नींद में प्रशासन
फर्जी नौकरी लगने के तमाम दस्तावेजों को अपने दफ्तर मे दबाकर बैठे शिक्षा विभाग के अधिकारी जांच के नाम पर कुंभकरणीय नींद में सोए हुए हैं और बड़े आराम से इन फर्जीवाड़ा में लिप्त लोगों का सरकारी वेतन निकाला जा रहा है। सेवा पुस्तिका में शिक्षा आयोग का फर्जी सील साइन-मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले के विकासखंड शिक्षा अधिकारी और हाई स्कूलों में कंप्यूटर ऑपरेटर, तृतीय वर्ग श्रेणी कर्मचारियो को स्कूलों में सरकारी नियुक्ति दिखाते हुए पद स्थापना की गई है उनकी सेवा पुस्तिका में शिक्षा आयोग सचिव ओपी मिश्रा के फर्जी सील साइन अंकित है जिसे कूट रचित बताया जा रहा है।
फर्जी तरीके से दी गई पदस्थापना
राजनांदगांव के तत्कालीन डीईओ ने कराया जॉइनिंग-पुख्ता जानकारी और साक्ष्य के मुताबिक शिक्षा आयोग के सचिन ओपी मिश्रा, शिक्षा विभाग के तत्कालीन अवर सचिव सरोज उइके के नाम पर कूट रचित दस्तावेजों के साथ राजनांदगांव के तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी और वर्तमान ज्वाइन डायरेक्टर संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्ग के पद पर विराजमान आर एल ठाकुर ने इन जालसाजों को षड्यंत्र के मुताबिक पहले 4 मई 2022 को राजनांदगांव जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जॉइनिंग कराया और उसके बाद 5 मई 2022 को खैरागढ़ मोहला- मानपुर, अंबागढ़- चौकी जिले में इन लोगों को शिक्षा विभाग के सरकारी कर्मचारियों के रूप में बांट दिया।
शिक्षा अधिकारी भी आ सकते हैं लपेटे में
आशंका जेल जाएंगे तीन जिले के शिक्षा अधिकारी- जालसाजी, कूट रचना, जाली फ़ेंक दस्तावेजों के आधार पर जिन नौ लोग सरकारी नौकरी कर रहे हैं। उनके साथ-साथ राजनांदगांव, खैरागढ़, मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले के जवाबदेह शिक्षा अधिकारी भी इस जांच और कार्रवाई के दायरे में आएंगे जिनकी भूमिका को लेकर कठोर दंडात्मक कार्रवाई के लिए शिकायत के साथ अब इस जिले से मांग की जा रही है।
नहीं है पुख्ता दस्तावेज
बायोडाटा नहीं है विभाग के पास-कुटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे नौ लोगों का शिक्षा विभाग के पास पूरा नाम, पिता का नाम, कहां के रहने वाले हैं छत्तीसगढ़ के हैं कि बाहर के, सरकार के नियुक्ति पत्र,ऐसी कोई भी पुख्ता दस्तावेज और जानकारी विभागीय अफसरों के पास नहीं है।
