कर्मचारियों का शुक्रवार से आंदोलन: पहले चरण में कलमबंद- फिर बेमुद्दत हड़ताल, राजपत्रित अधिकारियों का भी समर्थन

कर्मचारियों का शुक्रवार से आंदोलन : पहले चरण में कलमबंद - फिर बेमुद्दत हड़ताल, राजपत्रित अधिकारियों का भी समर्थन
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File Photo 

शासकीय सेवक एक बार फिर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। आंदोलन के तहत 22 अगस्त को राज्यभर में कलमबंद हड़ताल होगी।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के शासकीय सेवक एक बार फिर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। क्रमबद्ध रूप से होने वाले आंदोलन के तहत 22 अगस्त को राज्यभर में कलमबंद हड़ताल होगी। इसके बाद भी अगर मांग नहीं मानी गई, तो अक्टूबर से बेमुद्दत हड़ताल होगी। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के इस आह्वान को राजपत्रित अधिकारियों के संगठन का भी समर्थन मिल गया है।

इसलिए कर रहे हैं आंदोलन
राजपत्रित अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल वर्मा ने बताया कि, कई वर्षों से कर्मचारी वर्ग अपनी जायज मांगों को लेकर ज्ञापन, पत्राचार और शांतिपूर्ण विरोध करता आ रहा है, लेकिन सरकार की ओर से सकारात्मक पहल नहीं हुई है। ऐसे में अब कर्मचारियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। प्रांतीय बैठक में अविनाश तिवारी, नंदलाल चौधरी, दिलदार सिंह मरावी, पूषण साहू, युगल वर्मा, ईश्वरी साहू, के के ध्रुव, एस के साहू, सुनील उपाध्याय, मीनू दास, नीरज शाह, राजेश गुप्ता, आर डी मेहरा सहित भारी संख्या में राजपत्रित अधिकारी उपस्थिति रहे ।

राजपत्रित अधिकारी भी आए साथ
इस आंदोलन के सिलसिले में छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ की आपात बैठक इंद्रावती भवन में आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कमल वर्मा ने अधिकारियों को आंदोलन की रणनीति, मांगों की वैधता और सरकार की उदासीनता से अवगत कराते हुए आंदोलन को प्रदेशभर में सफल बनाने का आह्वान किया। इस प्रस्ताव का सर्वसम्मति से समर्थन किया गया। प्रदेश अध्यक्ष ने विभागाध्यक्ष कार्यालयों में पदस्थ अधिकारियों को जिला, ब्लॉक स्तर तक कार्यरत अधिकारियों को आंदोलन में शामिल होने के लिए ठोस रणनीति बनाने के लिए सुझाव दिया। बैठक में विभागों के अधिकारियों ने बताया कि सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी एकजुट होकर आंदोलन में भागीदारी के लिए लामबंद हो रहे हैं।

ये है फेडरेशन की प्रमुख मांग
केंद्र सरकार के समान कर्मचारियों एवं पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता लागू किया जाए। डीए एरियर्स की राशि कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में समायोजित की जाए। सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान, लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवगों की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए। पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए। सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए। नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दी जाए। अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण किया जाए। प्रदेश में कैशलेश सुविधा लागू हो। अर्जित अवकाश नकदीकरण 300 दिवस की जाए। दैनिक, अनियमित, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बने। सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जावे।

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