रायगढ़ पहला डिजिटल पंचायत जिला: छत्तीसगढ़ में दिखने लगा डिजिटल क्रांति का असर, सभी 549 ग्राम पंचायतों में लगा QR कोड

छत्तीसगढ़ में दिखने लगा डिजिटल क्रांति का असर, सभी 549 ग्राम पंचायतों में लगा QR कोड
X

कार्यालय ग्राम पंचायत महलोई

रायगढ़ के गांवों में अब मोबाइल से टैक्स वसूली हो रही है। यूपीआई के माध्यम से डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिल रहा है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला प्रदेश में तकनीकी नवाचार का नया उदाहरण बनकर उभरा है। यह प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया है, जहां सभी 549 ग्राम पंचायतों में टैक्स और शुल्क वसूली की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल हो गई है। अब ग्रामीणजन यूपीआई (UPI) के माध्यम से अपने मोबाइल फोन से ही प्रॉपर्टी टैक्स, बाजार शुल्क, जलकर और स्वच्छता कर जैसे भुगतान कर पा रहे हैं।


हर पंचायत में QR कोड, पारदर्शी व्यवस्था

पंचायत भवनों और सार्वजनिक स्थानों पर यूपीआई आधारित QR कोड लगाए गए हैं, जिससे ग्रामीण घर बैठे टैक्स जमा कर सकते हैं। इससे न केवल भुगतान प्रक्रिया आसान हुई है, बल्कि पारदर्शिता और लेखा प्रबंधन में भी सुधार आया है। तत्कालीन कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने 12 मार्च 2025 को प्रधानमंत्री अवॉर्ड स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष इस नवाचार की प्रस्तुति दी थी। उन्होंने बताया कि डिजिटल टैक्स कलेक्शन में बीते वित्तीय वर्ष की तुलना में 117% की वृद्धि दर्ज की गई है। कई पंचायतों में टैक्स वसूली पहले से दोगुनी हो चुकी है।

आदिवासी क्षेत्रों में भी डिजिटल क्रांति
रायगढ़ के 7 ब्लॉकों में से 5 आदिवासी बहुल हैं और इन क्षेत्रों में भी यह प्रणाली सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है। खास बात यह है कि 330 पीवीटीजी बिरहोर परिवारों ने भी यूपीआई के जरिए टैक्स देना शुरू कर दिया है, जिसे डिजिटल समावेशन की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

ग्राम सभाओं में बढ़ी सहभागिता
डिजिटल भुगतान प्रणाली लागू होने के बाद ग्राम सभाओं में सहभागिता में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। तीन पंचायतों में हुए विश्लेषण में पाया गया कि ग्राम सभा में लोगों की उपस्थिति में 57% तक का इजाफा हुआ है, जिससे स्पष्ट है कि ग्रामीणजन अब पंचायत व्यवस्था में अधिक रुचि ले रहे हैं।

महिला समूहों की डिजिटल भागीदारी भी बढ़ी

महिला स्व-सहायता समूहों और बीसी सखियों द्वारा किए गए डिजिटल लेनदेन में भी निरंतर वृद्धि हो रही है।

वर्ष 2022-23 में: ₹3969.30 लाख

वर्ष 2023-24 में: ₹4236.50 लाख

वर्ष 2025 (फरवरी अंत तक): ₹4650.80 लाख

यह डेटा दर्शाता है कि गांवों में डिजिटल लेनदेन की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है।

डिजिटल पंचायत की ओर निर्णायक कदम
डिजिटल टैक्स कलेक्शन से खाता रखरखाव, ऑडिट प्रक्रिया और कैश बहीखाता मिलान अब सरल और त्रुटिरहित हो गया है। प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध होने से वित्तीय प्रणाली और अधिक पारदर्शी और प्रभावशाली बन गई है।

प्रशासन का सक्रिय मार्गदर्शन
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जितेन्द्र यादव ने बताया कि यह पहल वित्त मंत्री ओ पी चौधरी और तत्कालीन कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के मार्गदर्शन में शुरू की गई थी। पंचायतों के अकाउंट्स को यूपीआई से लिंक कर क्यूआर कोड के माध्यम से टैक्स वसूली शुरू की गई। वर्तमान कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के नेतृत्व में जिले की 100% पंचायतों को डिजिटल टैक्स कलेक्शन से जोड़ने का कार्य सफलतापूर्वक चल रहा है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story