जुगाड़ में शिक्षा विभाग: नए सत्र में भी रंगमंच या किराये के मकान में होगी पढ़ाई, स्कूल भवन की उम्मीद में नौनिहाल

स्कूल भवनों के जर्जर होने के बाद भवनों में पढ़ने को मजबूर बच्चे
एनिशपुरी गोस्वामी- मोहला। छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार चाहे जितने भी प्रयास और कदम उठाए, लेकिन मोहला- मानपुर जिले की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। लाल आतंक का पर्याय रहे मानपुर विकासखंड के 13 स्कूल भवनों को 2022 में डेंजर घोषित कर डिस्मेंटल कर दिया गया था। इसके बाद न तो नए भवन बन पाया हैं और न ही स्थायी व्यवस्था की गई है।
आगामी शिक्षण सत्र में क्या बच्चों की पढ़ाई फिर से किराए या जुगाड़ के भवनों के साथ- साथ रंगमंच में ही चलेगा। मानपुर विकासखंड के आलकन्हार, मोरचुल,घोड़ाझरी,हालाँजुर ,दोरदे,बसेली,रानवही,तोलुम, नवागांव,तेरेगाव,भैसारा तोला,ठाकुरटोला,हनईकल, स्कूलों को तकनीकी टीम ने जर्जर घोषित किया गया था। इन स्कूलों के लिए न तो टेंडर प्रक्रिया पूरी हो सकी, न ही बजट की स्पष्टता सामने आई है।

सामुदायिक भवन में चल रहा है स्कूल
स्कूल किराए के मकान, रंगमंच, सामुदायिक भवन में चल रहा है। फिलहाल इन स्कूलों को किराए के मकानों, रंग मंच या फिर सामुदायिक भवन में अस्थायी रूप से शिफ्ट किया गया है, जहाँ न पर्याप्त कमरे हैं, न शौचालय, न पेयजल व्यवस्था। इससे आदिवासी छात्र-छात्राओं की पढ़ाई और शिक्षकों की कार्यशैली दोनों प्रभावित हो रही हैं।
अव्यवस्थित जगहों में पढ़ने को मजबूर बच्चे
शिक्षकों और अभिभावकों की चिंता-ग्रामीणों ने बताया की सरकार की नीयत सही हो सकती है, लेकिन जब तक अफसरो का क्रियान्वयन धरातल पर नहीं दिखेगा, तब तक शिक्षा व्यवस्था बेहतर नहीं हो सकती। वहीं अभिभावकों का कहना है कि, वे अपने बच्चों को ऐसे असुरक्षित और अव्यवस्थित जगहों में पढ़ाने को मजबूर हैं।

स्थानीय प्रशासन ने साधी चुप्पी
प्रशासन की चुप्पी, बच्चों का भविष्य अधर में-इन स्कूलों में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चों का भविष्य फिलहाल सवालों के घेरे में है। स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट टाइमलाइन नहीं दी गई है कि नए भवन कब तक स्वीकृत होंगे नया भवन कब बनेगा। सरकार उच्च शिक्षा को लेकर गंभीर है, लेकिन ज़िला प्रशासन की लापरवाही और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से ज़मीनी स्तर पर हालात नहीं सुधर रहे हैऔर ना ही यहां अध्यनरत आदिवासी बच्चों जिंदगी को लेकर इन्हें कोई फर्क पड़ रहा है।
34 स्कूलों के निर्माण की आस में बच्चे
जिले के 34 स्कूल फिर जुगाड़ के सहारे- मानपुर विकासखंड के 13 स्कूल जहां विगत वर्षों से जुगाड़ में चल रहे हैं वहीं पूरे जिला में जर्जर और धराशाई किए गए 34 स्कूलों में अध्यनरत बच्चों को पढ़ने के लिए उनका खुद का विद्यालय नहीं है। प्रशासनिक अधिकारी अलॉटमेंट और भवन की स्वीकृति का रोना रो रहे हैं। जिले भर के 34 स्कूल निर्माण को लेकर शासन को पत्र प्रेषित किया गया है। जिसकी लागत 8 करोड रुपए है। स्वीकृति मिलने के पश्चात ही व्यवस्था में सुधार आएगी।
