आंगनबाड़ियों में कमीशन का खेल: करोड़ों की घटिया सामग्री की सप्लाई, मंत्री की जांच के बाद के बाद मचा हडकंप

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आंगनबाड़ी

महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत आने वाले डेढ हजार से अधिक केन्द्रों में घटिया सामग्री के वितरण का खुलासा होने के बाद हडकंप की स्थिति निर्मित हो गई है।

आलोक तिवारी- दुर्ग। महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत आने वाले डेढ हजार से अधिक केन्द्रों में घटिया सामग्री के वितरण का खुलासा होने के बाद हडकंप की स्थिति निर्मित हो गई है। इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री लक्ष्मी राजवाडे ने कलेक्टर अभिजीत सिंह को जांच के आदेश दिए है। जिले में करीब आठ परियोजना अधिकारियों द्वारा कमीशन के लिए इस तरह के भ्रष्टाचार को अंजाम दिया हैं।

मिली जानकारी अनुसार, महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, भिलाई एक और दो, अहिवारा, धमधा, पाटन और कुम्हारी में सामग्री अनाज कोठी, फर्नीचर, बर्तन, सैनिटरी पैड, वज़न मापने की मशीन समेत करोडों रूपए की लागत वाले प्रोडक्ट की सप्लाई की गई है। आंगनबाडी केन्द्रों में जब सामग्री पहुंची तो सहायिका और कार्यकर्ताओं ने घटिया स्तर के सामग्री को लेकर जमकर नाराजगी भी जताई है, जिससे उच्च स्तर से शिकायत के बाद मंत्री ने जांच के आदेश दिए है।

सामग्री की गुणवत्ता पर उठे सवाल
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित किए सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। इस गडबडी की जांच के लिए रायपुर से लेकर जिला स्तर पर भी कलेक्टर को टीम गठित कर जांच रिपोर्ट मांगे गए हैं। मंत्री ने साफ शब्दों में कह दिया है कि, रिपोर्ट सामने आने के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कडी कार्यवाही की जाएगी।

उपयोग के पहले मटेरियल की गुणवत्ता फेल
दुर्ग के परियोजना कार्यालय में सप्लाई के बाद इसे सीधे आंगनबाडी केन्द्रों में भेज दिया गया। केन्द्रों में सामान पहुंचते ही घटिया स्तर के मटेरियल की पोल खुल गई। फर्नीचर, बर्तन भी घटिया स्तर के मिले है, वहीं हार्पिक की गुणवत्ता की खराब पाए जाने के बाद निचले स्तर से भी लगातार शिकायत मिलने से जिला अधिकारियों के का खडे हो गए हैं। आरोप है कि, सामानों की गुणवत्ता ठीक नहीं है। पता चला है कि, इस मामले में राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विशेष जांच टीम गठित कर दी है। मंत्री ने विभाग के सचिव को 7 मई को जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं।

अधिकारी बोले- परियोजना केन्द्रों से जांच रिपोर्ट आनी बाकी
जिला कार्यक्रम अधिकारी आरके जामुलकर ने इस बात को स्वीकार किया है। उन्होने बताया कि, केन्द्रों में घटिया स्तर के सामग्री की सप्लाई किए जाने की बात सामने आई है। दो परियोजना केन्द्रों से जांच रिपोर्ट आनी बाकी है। उनके अनुसार सामग्री की सप्लाई जिले के परियोजनाओं से की गई हैं। उन्होने कहा जांच टीम गठित कर दिए गए है। रिपोर्ट आने के बाद कलेक्टर को सौंपी जाएगी।

कलेक्टर ने भी लगाई जमकर फटकार
प्रदेश सहित दुर्ग जिले में भी घटिया सामग्री भेजे जाने की शिकायत के बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिए है। जिले के आठ परियोजना के 1505 केन्द्रों में सामग्रियों का सत्यापन किया जाएगा। ऐसी जानकारी मिली है कि, इस गडबडी की जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर अभिजित सिंह ने जिला कार्यक्रम अधिकारी आरके जामुलकर को जमकर फटकार भी लगाई है। उनके सामने बगैर सहमति के सामग्री सप्लाई को लेकर सवाल खडा कर दिया गया है। प्रदेशभर में जहां चालीस करोड की लागत से सप्लाई किया गया है। वही दुर्ग में भी एक से डेढ करोड की राशि की सप्लाई किए जाने की जानकारी सामने आई है। इसमें सामग्री वजन मशीन, पैकेजिंग मशीनों की प्रयोगशालाओं में टेस्ट कराए जाने की भी तैयारी है।

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