सद्गुरू कबीर प्राकट्य समारोह: आचार्य मंगल साहेब बोले -ऐसे सत्संग तभी सार्थक होंगे जब हम कबीर साहेब के विचारों पर अमल करेंगे

सद्गुरू कबीर प्राकट्य समारोह
दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 15 जून रविवार को सदगुरु कबीर साहेब समिति के तत्वाधान में सद्गुरू कबीर प्राकट्य समारोह बहुत हर्षोल्लास-धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत ध्वाजारोहण से हुई। इसके बाद कबीर साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया फिर दीप प्रज्वलित की गई। इसके बाद अतिथियों का स्वागत सत्कार किया गया।
लेखराम साहू अध्यक्ष के स्वागत भाषण के बाद आचार्य मंगल साहेब, कबीर मठ नादिया ने अपने प्रवचन में कहा कि, ऐसे सत्संग कार्यक्रम को मनाना तभी सार्थक होगा जब हम कबीर साहेब के शब्द, साखी, रामैनी में वर्णित सत्य वचनों को अपने जीवन में उतारें। हम थोड़ी-थोड़ी बातों में दूसरों से बैर कर जाते हैं, जिसके लिए कबीर साहेब ने कहा है कि, "कबीरा खड़ा बाजार में, सबकी मांगे खैर, न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर"। जब हम किसी को जीवन नहीं दे सकते तो किसी का जीवन लेने का कोई हक नहीं है। जियो और जीने दो, के नियम को अपने जीवन में उतारें।

समाज में ऊंच नीच, छुआ-छूत की भावना हमें आपस में बांटती है
सत्येन्द्र साहेब धर्माधिकारी ने कहा कि, समाज में ऊंच नीच, छुआ-छूत की भावना हमें आपस में बांटती है। यही कारण है कि, हम सदियों तक गुलाम रहे। ऐसी ही विकट परिस्थिति में कबीर साहेब का आगमन संवत् 1456 में हुआ और उन्होंने समाज में फैली तमाम कुरीतियों, पाखंडों का विरोध किया। आगे उन्होंने कहा कि, पहलगाम की घटना एक ऐसा ही जीता जागता उदाहरण है जहां निर्दोष पर्यटकों की उनके जाति-धर्म के आधार पर हत्या कर दी गई। यदि वैश्विक स्तर पर कबीर साहेब की वाणियों का अध्ययन मनन कराया जाए तो ऐसी घटनाओं का होना असंभव है।
संतो की वाणी, उनका सानिध्य ही ईश्वर तक पहुंचने का द्वार है
जागेश्वर साहू पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि, संतो की वाणी, उनका सानिध्य ही वह द्वार है जहां से हमें परमात्मा की प्राप्ति हो सकती है। जब जाति-पाती, छुआछूत ऊंच नीच अपने चरम सीमा पर थी तब कबीर साहेब आए और वे पहले ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने कहा कि, सभी मानव समान हैं। साहेब के दरबार में कोई भेदभाव नहीं है। वे सबके प्रति समान प्रेम और सद्भावना रखते हैं, सबका कल्याण चाहते हैं।

सभी जीव परमात्मा के अंश हैं- प्रीतपाल बेलचंदन
प्रीतपाल बेलचंदन पूर्व अध्यक्ष केंद्रीय सहकारी बैंक दुर्ग ने कहा कि, सभी जीव परमात्मा के अंश हैं। जाति-पाती ऊंच नीच, राग द्वेष हमारे द्वारा बनाए गए हैं जिसे दूर करने कबीर साहेब जैसे महान संतो की वाणियों का श्रवण करना चाहिए और अपने जीवन में उतारना चाहिए।
समाज भौतिक चकाचौंध की ओर अधिक प्रभावित है- वरिष्ठ समाज सेवी
कबीर साहू, वरिष्ठ समाज सेवी ने कहा कि, आज समाज भौतिक चकाचौंध की ओर अधिक प्रभावित है जिससे समाज में नशापान, मांसाहार जैसी अनेक प्रकार की बुराइयां पनप रही हैं। बाल्यावस्था से कबीर साहेब की प्रेरणा से मैं ऐसी तमाम बुराइयों से दूर हूं। ऐसे आयोजनों से समाज को अच्छा संदेश प्राप्त होता है जिससे एक संस्कारित समाज का निर्माण हो सकता है।
प्रमुख दानदाताओं, पदाधिकारियों और सेवाभावी सदस्यों का हुआ सम्मान
कार्यक्रम के आयोजन में प्रमुख दानदाताओं, पदाधिकारियों और विशेष सेवाभावी सदस्यों का आचार्य मंगल साहेब के कर कमलों से सम्मानित किया गया। अंत में संतो की भेंट-पूजा, आरती और भोजन भंडारा, आभार प्रदर्शन किया गया।
