DSP केस में नया मोड़: तंवर समाज ने लगाई न्याय की गुहार, एफआईआर दर्ज होने पर उठे सवाल

Tanwar samaj
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मिडिया से चर्चा करते हुए तंवर समाज के पदाधिकारी 

बिलासपुर जिले में तंवर समाज ने डीएसपी पर एफआईआर दर्ज नहीं होने पर सवाल उठाया है। लोगों ने मामले में पुलिस पर एकतरफा करवाई करने और DSP पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।

पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी डीएसपी और उनके परिवार को तंवर समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है। वहीं अब इस पूरे प्रकरण में एक नया मोड़ आ गया है। तंवर समाज के दर्जनों बुजुर्ग, महिलाएं और युवा न्याय की गुहार लगाते हुए बिलासपुर पहुंचे और डीएसपी पर गंभीर आरोप लगाए।

दरअसल, आरोप है कि, कांकेर जिले में डीएसपी के पद में पदस्त मैंखलेंद्र प्रताप सिंह ने समाज के बाहर की युवती से विवाह किया था। इसको लेकर तंवर समाज के लोगों ने उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया। इसी के विरोध में डीएसपी के परिवार ने तंवर समाज के कुछ प्रतिष्ठित लोगों पर कोटा थाने में मामला दर्ज कराया है। समाज के लोगों का आरोप है कि, डीएसपी ने अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए कोरबा जिले की घटना की एफआईआर बिलासपुर जिले के कोटा थाना में दर्ज करवाई है।

एकतरफा कार्रवाई का आरोप
समाज ने कहा कि, यह न केवल कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है बल्कि एक पक्षीय कार्रवाई भी है। समाज की शिक्षिका, महिलाएं और वरिष्ठ नागरिकों ने बताया कि जिन लोगों पर मामला दर्ज कराया गया है, वे समाज के सम्मानित लोग हैं। समाज का कहना है कि, यह रिपोर्ट पूरी तरह झूठी, बेबुनियाद और बदले की भावना से प्रेरित है। समाज ने पुलिस विभाग की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि डीएसपी के पद का लाभ उठाकर पुलिस ने भी निष्पक्ष जांच नहीं की। समाज के प्रतिनिधियों ने बताया कि इस मामले की शिकायत एसपी और आईजी से भी की गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

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