तहसील स्तरीय राजस्व शिविर: आधे घंटे में ही खत्म हुआ शिविर, लोगों बोले- आवेदन देने के बाद नहीं मिली पावती

आवेदन लेते प्रशासनिक अधिकारी
राजा शर्मा- डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ के राजनांदगाव जिले के डोंगरगढ़ विकासखंड में तहसील स्तरीय एक दिवसीय राजस्व शिविर प्रशासन के द्वारा आयोजित किया गया है। इस शिविर में शहरी एवं ग्रामीणों ने अपने मुख्य मांगो को लेकर आवेदन किया। शिविर का मुख्य उद्देश्य आम जनता को सुशासन त्यौहार में जिन समस्याओं का निराकरण नही हुआ हैं उन समस्याओं का निराकरण करना है। जो कि पूर्णतः असफल नज़र आया। आधे घंटे में ही शिविर में आवेदन ख़त्म होने से आम जनता में काफ़ी असुविधा और आक्रोश देखने को मिला।
प्रशासनिक अधिकारियों की लचर कार्यशैली के कारण ही शासन पर सवालिया प्रश्न उठता है। अधिकारियों की लचर कार्यशैली से जनता का शासन पर विश्वास उठता हुआ दिखाई पड़ रहा हैं। सूत्रों की माने तो सिर्फ गरीबों एवम् मध्यम वर्ग के लोगों के साथ प्रशासनिक कर्मचारी शिविर की माध्यम से छल करते नजर आ रहे हैं। आम नागरिक अपनी समस्या का समाधान होगा सोच कर आते हैं। लेकिन शिविर में भी इनको सिर्फ गोलमोल जवाब दे कर वापस कर दिया जाता है। इतना ही नहीं कई ऐसे मामले हैं जिसमें आवेदन तो स्वीकार करते लेकिन पावती नहीं दिया जाता है। ऐसे में आवेदक को कैसे जानकारी होगी की उनकी समस्या का निराकरण होगा। बहरहाल देखना यह हैं की इस शिविर में भी आम जनता के समस्या का निराकरण होता है या सिर्फ प्रशासनिक अधिकारी खाना पूर्ति कर शिविर के नाम पर लाखों रुपए का बिल निकाल अपना जेब गर्म करते हैं।
डोंगरगढ़ विकासखंड में तहसील स्तरीय एक दिवसीय राजस्व शिविर प्रशासन के द्वारा आयोजित किया गया है। इस शिविर में शहरी एवं ग्रामीणों ने अपने मुख्य मांगो को लेकर आवेदन किया है। @RajnandgaonDist #Chhattisgarh pic.twitter.com/FAIlyZOvnu
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) June 5, 2025
सभी आवेदनों के किए जाएंगे समाधान
इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने कहा कि, ऐसे प्रकरण जो सुशासन त्यौहार में आवेदन करना था वो छूट गया होगा। ध्यान में रखते हुए 15 दिनों में जितना पॉसिबल है उन समस्याओं का निराकरण हम करेंगे। पट्टों की मांग कुछ ऐसे जगहों में मांग की गई हैं, उसे शासन को भेज दिया गया है। शासन के निर्देश आने के बाद नियमानुसार किया जाएगा। दूसरा स्वामित्व योजना के तहत जो लोग आबादी भूमि में बसे हुए हैं, उनको आने वाले समय में पट्टा वितरण किया जाएगा। कुछ ऐसे भी मामले हैं जिनका कोई प्रावधान ही नहीं है, उनका निराकरण नहीं किया जा सकता है।
