अब रोपवे की खाली ट्रॉली पलटी: डोंगरगढ़ में एक और हादसा टला, प्रशासन और ट्रस्ट को हादसे का इंतजार?

अब रोपवे की खाली ट्रॉली पलटी : डोंगरगढ़ में एक और हादसा टला, प्रशासन और ट्रस्ट को हादसे का इंतजार?
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डोंगरगढ़ में फिर डिरेल हुईं रोपवे की ट्रॉली

डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी मंदिर के रोपवे में फिर से बड़ा हादसा होते-होते टल गया। बुधवार की शाम मंदिर से खाली लौट रही ट्रॉली अचानक डिरेल होकर झुक गई।

राजा शर्मा- डोंगरगढ़। राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी मंदिर का रोपवे फिर से एक बार गिर गया। बुधवार की शाम मंदिर से खाली लौट रही ट्रॉली जैसे ही नीचे स्टेशन पर पहुंची, वह अचानक डिरेल होकर झुक गई। हादसे के वक्त ट्रॉली खाली थी, वरना एक और बड़ा हादसा हो सकता था।

खास बात ये रही कि, यह घटना उसी जगह हुई है, जहां डेढ़ महीने पहले वीआईपी नेताओं से भरी ट्रॉली पलट गई थी। तब भरत वर्मा, रामसेवक पैकरा और ख़ुद मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष घायल हुए थे। उस समय कहा गया था कि, रोपवे बंद रहेगा, जांच होगी, सब सुधारा जाएगा। इसके बाद कुछ दिन मरम्मत चली कागज़ पर कार्रवाई हुई और फिर सबकुछ ‘ठीक’ बताकर रोपवे फिर शुरू कर दिया गया।


ट्रस्ट खुद को पाक साफ साबित करने में लगा
सूत्रों की माने तो पूरी जांच हुए बिना सिस्टम को ऑटोमैटिक सेफ्टी मोड में लाए बस मैन्युअल तरीके से ही चला दिया। अब जब फिर ट्रॉली डिरेल हुई है, तो सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है क्या ट्रस्ट और प्रशासन वाकई हादसे से कुछ सीख रहे हैं, या बस किस्मत पर ही भरोसा है? शुरुआत में मंदिर ट्रस्ट ने इस घटना से साफ इंकार कर दिया। लेकिन जब वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ, तब सबकी बोलती बंद हो गई। फिर वही पुराना ढर्रा, कंपनी पर आरोप, तकनीकी बहाने, बिजली विभाग को दोष, और ट्रस्ट खुद को पाक साफ साबित करने की कोशिश।

हो चुके हैं कई हादसे
याद दिला दें कि ये पहली बार नहीं है, फरवरी 2021 में मजदूर गोपी गोड़ की मौत हो चुकी है। अप्रैल 2024 में कलेक्टर और एसपी हवा में ट्रॉली में फंसे थे। मई में वीआईपी ट्रॉली पलटी और नेता घायल हुए और अब फिर डिरेल हो गई। हर बार की तरह ट्रस्ट ने कहा कि, हम सुरक्षित हैं पर अब जनता कह रही है, हमें जवाब चाहिए। पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा खुद कुंदरगढ़ मंदिर में रोपवे लगाने की योजना लेकर डोंगरगढ़ आए थे। या खुद रोपवे को समझने आए थे और जिस ट्रॉली में बैठे वही पलट गई, जो डोंगरगढ़ का रोपवे नहीं संभाल पाए वो कुंदरगढ़ में क्या लगाएंगे?

कब जागेगा ट्रस्ट और प्रशासन
जब हादसे के बाद भी वही खामी दोबारा सामने आ गई। जब हर बार जान बचना सिर्फ संयोग रह गया। जब ट्रस्ट की जुबान हर बार वीडियो के बाद खुलती है। तो मां बम्लेश्वरी ट्रस्ट आखिर चाहती क्या है? क्या वो किसी बड़े जनहानि के बाद ही जागेगी? अब वक्त है, सिर्फ जांच का नहीं, जवाबदेही तय करने का। क्योंकि अगली बार ट्रॉली खाली नहीं भी हो सकती है, और तब किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा?

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