बीजापुर में विस्थापन प्रक्रिया शुरू: इंद्रावती टाइगर रिजर्व से हटेंगे 21 गांव

बीजापुर में विस्थापन प्रक्रिया शुरू : इंद्रावती टाइगर रिजर्व से हटेंगे 21 गांव
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इंद्रावती टाइगर रिजर्व (फाइल फोटो)

बीजापुर जिले के इंद्रावती टाइगर रिजर्व के तहत आने वाले गांवों के लिए विस्थापन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो परिवार अपनी मर्जी से विस्थापित होना चाहते हैं।

महेन्द्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। बीजापुर जिले के इंद्रावती टाइगर रिजर्व के तहत आने वाले गांवों के लिए विस्थापन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो परिवार अपनी मर्जी से विस्थापित होना चाहते हैं उन्हें 15 लाख रुपए और रहने के लिए जमीन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। रिजर्व के 21 गांव को लोगों को प्रशासन की तरफ से 15 लाख रुपए के साथ रहने के लिए जमीन भी दी जाएगी। इंद्रावती टाइगर रिजर्व के कोर इलाके के ग्रामीणों के विस्थापन के लिए तेज कर दी है। इंद्रावती टाइगर रिजर्व के तहत 76 गांव आते हैं। पहले चरण में विस्थापन के लिए प्रशासन ने 21 गांवों का चयन किया गया है।

इंद्रावती टाइगर रिजर्व के दायरे में आने वाले कुछ गांव के लोग नक्सलवाद के कारण गांव छोड़ चुके हैं। कई लोगों ने विस्थापन के लिए आवेदन करना भी शुरू कर दिया है, जिसमें से एक गांव के ग्रामीणों ने विस्थापन के लिए सहमति दी है। इंद्रावती टाइगर रिजर्व बीजापुर के उप निदेशक संदीप बलगा ने बताया कि इसके लिए कुछ गांव के ग्रामीण आवेदन कर रहे हैं।

लोगों को सुरक्षित बसाने का प्रयास
वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव एवं इंद्रावती टाइगर रिजर्व के क्षेत्रीय निदेशक श्रीमती स्टायलो मांडवी ने बताया कि इंद्रावती टाइगर रिजर्व बीजापुर इंद्रावती नदी के किनारे होने का कारण ही इस टाइगर रिजर्व का नाम इंद्रावती रखा गया है। यह देश के सबसे प्रसिद्ध बाघ अभयारण्यों में से एक है। वन्य जीव ग्रामीण इलाकों में घुस जाते हैं, जिससे यहां के लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में लोगों को सुरक्षित बसाने के लिए प्रशासन ने इन 21 गांव का चयन किया है।

रिजर्व के 21 गांव चयनित
इंद्रावती टाइगर रिजर्व बीजापुर में 76 गांव में से 21 गांव उसकामेटा, मोदकवाया, पुम्बाली, मुचलेर, मर्रादगपाल, पावम, बीवरी, पालदेवी, चुचकोन्टा, बडेगुण्डम, डोडीमरका, गुमनेर, ओरसनपल्ली, बोरमेटा, कुपरेल, बडे आलवाड़ा, गुटटामारका, गोरगुंडा, रामगुटटा एवं पेनगुंडा को विस्थापित के लिए चयनित हुए हैं।

विस्थापित के बाद पर्यटकों के लिए खुल जाएगा रिजर्व
बताया जा रहा है कि, इंद्रावती टाइगर रिजर्व लाल आतंक के चलते 40 सालों से पर्यटकों से दूर रहा। ग्रामीणों के विस्थापित होने के बाद यह खूबसूरत नेशनल पार्क देश दुनिया के पर्यटकों के लिए खुल | जाएगा, जहां आम लोग भी आसानी से राजकीय पशु वन भैंसा, टायगर, चीता एवं अन्य वन प्राणी को देख सकेंगे। यह रिजर्व तीन राज्यों से घिरा हुआ है, तेलेंगाना, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा में 2799 वर्ग किलोमीटर फैला हुआ है।

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