30 साल बाद ऐसी मंदी: आलू-प्याज की डिमांड 60 फीसदी घटी, दाम धड़ाम

आलू-प्याज की डिमांड 60 फीसदी घटी (फाइल फोटो)
रायपुर। एक तरफ कई सामानों पर महंगाई की मार पड़ रही है तो दूसरी तरफ आलू, प्याज और लहसुन के दाम डिमांड न होने के कारण बहुत कम हो गए हैं कारोबारियों के दौर 30 साल बाद देखने को मिल रहा है। इस समय आलू के दाम थोक में 14 रुपए और चिल्हर में 20 से 25 रुपए हैं। प्याज के दाम थोक में 8 से 16 रुपए और चिल्हर में 20 से 25 रुपए हैं। सबसे बड़ी बात यह कि आलू और प्याज की डिमांड 60 फीसदी तक कम हो गई है।
आलू और प्याज की कीमत ने बीते साल ही रुला दिया था। बंगाल से आने वाले आलू पर वहां की ममता बनर्जी सरकार द्वारा दूसरे राज्यों में भेजने पर प्रतिबंध लगाया गया था, इसकी वजह से आलू के दाम पहली बार 50 रुपए तक गए। प्याज के दाम तो पहले ही रुलाने का काम करते ही हैं। इसके दाम बीते साल 80 रुपए तक गए थे।
कीमत अब जमीन पर
आलू और प्याज के दाम इस साल नई फसल आने के बाद से ही कम हो गए हैं। लंबे समय से आलू के दाम थोक में 12 से 14 रुपए चल रहे हैं। जहां तक चिल्हर का सवाल है तो इसके दाम अलग-अलग बाजारों और दुकानों में अलग-अलग हैं। सब्जी मंडियों में आलू के दाम 20 से 25 रुपए हैं। किराना दुकानों में भी इसके दाम 25 रुपए हैं, लेकिन मोहल्लों और कॉलोनियों में सब्जी विक्रेता तथा ठेले वाले इोको 30 रुपए तक बेच रहे हैं। ऐसी ही स्थिति प्याज की भी है। प्याज थोक में 8 से 16 रुपए है। 16 रुपए वाला थोक का प्याज चिल्हर में 20 से 25 रुपए में मिल रहा है। कम कीमत वाला प्याज जो अच्छी क्वालिटी का नहीं है, वह 15 रुपए में मिल रहा है।
आवक आधे से भी कम
राजधानी की मंडियों में इस समय आलू-प्याज की आवक बहुत कम हो गई है। जो आलू रोज 25 ट्रक के आसपास आता था, वह डिमांड न होने के कारण इस समय 8 से 10 ट्रक ही आ रहा है। इसी तरह से प्याज की आवक जो रोज 30 से 35 ट्रक रहती थी, वह 20 ट्रक से कम हो गई है। प्रदेश की दूसरी मंडियों में भी आवक आधी हो गई है।
30 साल बाद ऐसी मंदी
भनपुरी आलू-प्याज थोक व्यापारी संघ के अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि, इस समय बाजार में जो मंदी का दौर दिख रहा है, वह 30 साल बाद देखा जा रहा है। आलू-प्याज की पहले इतनी डिमांड कभी कम नहीं रही थी। डिमांड कम होने के कारण ही दाम घट गए हैं।
