मूल पदस्थापना पर नहीं जा रही शिक्षिका: शासन के आदेश की कर रही अवेलना, स्कूल में हेडमास्टर की कुर्सी पर हैं डटी

शाला प्रवेशोत्सव पर नहीं गई शिक्षिका
पंकज भदौरिया- दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के गीदम ब्लॉक में पदस्थ एक महिला प्रधानाध्यापक शासन के आदेश का जमकर मजाक बना रही है। जहाँ शिक्षिका खुली चुनौती प्रशासनिक आदेश को दे रही है। ऐसा लग रहा जैसे वो सरकार से कह रहीं हो कि, सुनो सरकार, मैं प्रधानाध्यापक हूं, मूल पदस्थापना पर नही जाऊंगी। सरकार की तमाम कवायद शिक्षा को बेहतर करने में ना कामयाब हो रही है।
इस तरह के जो शिक्षक होते है उनके पीछे राजनैतिक बड़ी शक्ति काम करती है। इस महिला प्रधानाध्यापक का पति भी कांग्रेसी नेता है। वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव है। बताया जाता है कि वे भाजपा में भी अच्छा-खासा दखल रखते हैं। यही वजह है कि शासन के तमाम आदेशों की आवेहलना खुलेआम की जा रही है। हद तो तब हो गई जब वे शाला प्रवेशोत्सव में भी अपनी मूल पदस्थापना पर नही पहुंची। इस दिन वह जावंगा स्थित स्कूल पहुंची। वहां वह प्राचार्य की कुर्सी पर बैठी। कोई अधिकारी कुछ भी नहीं कर पा रहा है। अधिकारी कह रहे है क्या कर सकते है, वह अपनी मूल पदस्थापना नही जा रही है? हालांकि उनका वेतन पूरी तरह से रोक दिया गया है। वह अप्रैल माह से नो वर्क नो पमेंट पर पनिशमेंट के तौर पर है। इस महिला प्राचार्य का नाम फरहाना रिजवी है। और उनके पति सकील रिजवी है। इनकी भाजपा और कांग्रेस दानों दलों के नेताओं में प्रदेश स्तरीय राजनेताओं से पकड़ बताई जाती है। इसी रौब के चलते बीईओ, डीईओ और जेडी से नोटिस मिलने के बाद भी प्रवेशोत्सव पर पद स्थापना पर नहीं पहुंची।

प्राचार्य को तीन नोटिस जारी हुए
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यलय से 7 मई को पत्र जारी हुआ है। विभागीय जांच का हवाला देते हुए प्रधानाध्यापक फरहाना रिजवी को उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रेका पदस्थ होने के लिए आदेश जारी हुआ। इस पत्र के बावजूद वे मूल संस्था में नहीं गई। न ही पत्र का कोई जबाब दिया। ठीक इसी तरह विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से 14 मई को फरहाना रिजवी को नोटिस जारी हुआ। इस नोटिस में लिखा था मूल पदस्थपा पहुंच कर कार्य भार संभालने की बात लिखी गई। डीईओ और बीईओ दोनों कार्यालयों के पत्र की खुली आवेहलना कर रही है।
जेडी कार्यालय के पत्र में साफ लिखा है संलग्नीकरण रद्द किया जाए
हाल में ही शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक ने 13 जून को सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याताओं के सलंग्नीकरण पर सरकार के स्थांतरण नीति का हवाला देते पत्र जारी किया था। इस पर साफ तौर पर लिखा था कि शिक्षक का संलग्नीकरण शेष नही रहना चाहिए। यदि ऐसा नही हुआ तो अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। शासन की तमाम कोशशों के बाद भी दर्जनों शिक्षक अभी भी मूल पदस्थापना पर नहीं पहुंचे है। इस महिला प्रधानाध्यपक को पनिश भी किया गया है। उन पर नो वर्क नो पेंमेंट की कार्रवाई की गई है।

DEO बोले- मूल पद पर क्यों नही जा रही है मालूम नहीं?
cजिला शिक्षा अधिकारी एस के अंबिस्टा का कहना है प्रधानाध्यापक फरहाना रिजवी को लगतार नोटिस जारी किया गया है। उनका मूल पद रेका पंचायत का उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है। उन्होंने किसी भी नोटिस का जबाब भी नहीं दिया है। अप्रैल माह से वेतन को रोक दिया गया है। फिलहाल वे नो वर्क नो पेमेंट पर है। यह कार्रवाई शिक्षा विभाग के द्वारा की गई है।
