83 लाख से अधिक का गबन: सूरजपुर के पूर्व सीएमएचओ समेत पांच के खिलाफ हुआ अपराध दर्ज

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सूरजपुर

सूरजपुर जिले में ऑक्सीजन प्लांट को लेकर 83 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा किया गया था। इस मामले में पूर्व सीएमएचओ सहित पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है।

अंबिकापुर। सूरजपुर जिले में कोरोना काल के दौरान आपदा में अवसर निकालते हुए ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना कराने के बाद फर्जी कंपनी को भुगतान कर 83 लाख रुपए से अधिक के गबन का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने कंपनी की शिकायत पर जांच उपरान्त तत्कालीन सीएमएचओ, फर्जी कंपनी संचालक समेत अन्य लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, रायपुर पंडरी स्थित यूनिक इंडिया कंपनी के संचालक जयंती चौधरी द्वारा आईजी से शिकायत की गई थीं कि उसके द्वारा वर्ष 2021 में उसके द्वारा ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की गई थी लेकिन प्लांट स्थापित होने के बाद भुगतान के लिए तत्कालीन अधिकारियों द्वारा दौड़ाया गया। बाद में जानकारी दी गई कि कंपनी के नाम पर भुगतान हो गया है. लेकिन राशि उसे नहीं मिली। अधिकारियों द्वारा मिलीभगत कर राशि उसकी कंपनी से मिलते जुलते फर्जी फर्म को जारी की गई। आईजी के निर्देश पर सूरजपुर पुलिस द्वारा शिकायत की जांच की गई। जांच में यह बात सामने आई कि सूरजपुर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा गेम पोर्टल के माध्यम से ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के लिए टेंडर निकाला गया था। इस दौरान रायपुर पंडरी के प्रज्ञा कॉम्प्लेक्स स्थित युनिक इण्डिया कंपनी के संचालक जयंत चौधरी को 83 लाख 21 हजार रूपए में प्लांट की स्थापना का 13 सितम्बर 2021 को टेंडर मिला था। टेंडर मिलने के बाद जयंत

बचेली के आरईएस कालोनी के नाम पर 83 लाख 21 हजार रूपए की ठगी

चौधरी की कम्पनी द्वारा बताए गए स्थान पर संयंत्र की स्थापना की गई और उसके बाद भुगतान के लिए संपर्क किया गया तो सीएमएचओ आरएस सिंह व अन्य अधिकारियों द्वारा टाल मटोल किया जा रहा था जिससे परेशान होकर उसने अनुबंध निरस्त करने का भी आवेदन किया गया था लेकिन इस दौरान पता चला कि अनुबंध पूर्ण हो चुका है और सम्पूर्ण राशि का भुगतान भी कर दिया गया है। जब आवेदक ने इसकी जानकारी निकाली तो पता चला कि युनिक इंडिया कंपनी दंतेवाड़ा बचेली के आरईएस कालोनी के नाम पर 83 लाख 21 हजार रूपए का भुगतान किया गया है जबकि उक्त कंपनी उसकी नहीं है। ऐसे में उसने इस मामले की शिकायत सीएमएचओ डॉ. आरएस सिंह से की थी लेकिन उन्होंने शिकायतकर्ता की कोई बात नहीं सुनी और लगातार वह वर्षों से कार्यालय के चक्कर लगाता रहा। इस बीच सीएमएचओ के रूप में कपिल देव पैकरा की पदस्थापना हो गई तो उसने नव पदस्थ सीएमएचओ से भी मामले की शिकायत की थी।

इन पर दर्ज किया गया मामला

पुलिस के अनुसार पूर्व सीएमएचओ डॉ. आरएस सिंह, लिपिक सहायक जेम्स कुमार बेक, सेवा निवृत्त लेखापाल विजय सिन्हा, फार्मासिस्ट सकिरन दास व दंतेवाड़ा निवासी युनिक इंडिया के संचालक आशीष कुमार बोस द्वारा मिली भगत कर 83 लाख 21 हजार रूपए का गबन किया गया। 5 व 31 जनवरी 2022 को क्रमशः 50 लाख व 32 लाख रूपए का भुगतान किया गया। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 120बी, 419, 420, 467, 468, 471 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है और मामले की जांच चल रही है।


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