रवि भगत से खास बातचीत: भूपेश कहीं दिखते नहीं, खुद को चर्चा में लाने मेरे नाम का ले रहे सहारा

रवि भगत से खास बातचीत : भूपेश कहीं दिखते नहीं, खुद को चर्चा में लाने मेरे नाम का ले रहे सहारा
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हरिभूमि-आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ हिमांशु द्विवेदी की रवि भगत से खास बातचीत। 

हरिभूमि-आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ हिमांशु द्विवेदी की BJYM के पूर्व अध्यक्ष रवि भगत से खास बातचीत। देखिए वीडियो -

रायपुर। भाजयुमो के अध्यक्ष पद से निवृत हुए रवि भगत का कहना है कि प्रदेश के वित्तमंत्री ओपी चौधरी के विकास के काम की हम भी सराहना करते हैं। मैं उनका कोई विरोधी नहीं हूं। मेरा बस इतना कहना है कि डीएमएफ का पैसा प्रभावित क्षेत्र के लिए खर्च होना चाहिए, लेकिन ऐसा न होने के कारण ही मुझे सार्वजनिक रूप से अपनी बात कहनी पड़ी। रवि भगत के साथ हरिभूमि-आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने सार्थक संवाद किया। पेश हैं प्रमुख अंश-

नई परिस्थिति को किस तरह से देख रहे हैं, भूपेश बघेल को आप बहुत भा रहे है?
भूपेश बघेल को अपने ही काम समझ नहीं आते हैं। भगवान ने उनको मौका दिया था, डीएमएफ की राशि से जन जातियों का भला करने के लिए तो कुछ किया नहीं। डीएमएफ की बंदरबाट करने का काम किया गया। हमने युवा मोर्चा में इसके लिए बहुत संघर्ष किया और इस मामले को उठाने का काम भी किया। भूपेश बघेल आज कल कहीं दिखते नहीं हैं, इसलिए अपने को चर्चा में लाने के लिए मेरे नाम का सहारा ले रहे हैं।

अपनी ही पार्टी में बेसहारा होने की स्थिति में क्यों दिख रहे हैं?
विषय क्षेत्र के भले का है। लंबे समय से लैलूंगा में भाजपा के विधायक न होने के कारण वहां का विकास नहीं हो पा रहा है। केंद्र सरकार ने डीएमएफ योजना बहुत अच्छी बनाई है। डीएमएफ का पैसा क्षेत्र में खर्च होना चाहिए, बस इतनी सी बात है। मैं पार्टी या सरकार का विरोध कर रहा हूं ऐसी कोई बात नहीं है। मेरे आंदोलन करने की छवि रही है, क्षेत्र में बात होती है कि अब रवि क्यों नहीं बोल रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इस क्षेत्र के सांसद रहे और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं, क्या वे सीएम बनने के बाद भी इस क्षेत्र का ध्यान नहीं रख रहे हैं क्या?
आप इस बात से अच्छी तरह से परिचित हैं कि रायगढ़ में क्या हो रहा है। मैं इस बार ज्यादा कुछ कहना नहीं चाह रहा हूं। रायगढ़ में डीएमएफ की राशि एक ही विशेष क्षेत्र में खर्च हो रही है। उसी बात को मैंने कहा है कि जहां प्रभावित क्षेत्र है, वहां पर राशि खर्च होनी चाहिए। मुख्यमंत्री हमारे बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। श्री साय के कार्यकाल में रायगढ़ लोकसभा में बहुत अच्छा विकास हुआ है, इसमें कोई दो मत नहीं है। मेरा कहना यह है कि हमारे जो वित्त मंत्री ओपी चौधरी हैं, वे रायगढ़ में डीएमएफ की ज्यादातर राशि रायगढ़ में ही खर्च कर रहे हैं।

ओपी चौधरी कैसा काम कर रहे हैं, भाजपा में उनको संभावना के रूप में देखा जाता है, क्या आपको ओपी चौधरी जम नहीं रहे हैं?
ओपी चौधरी अच्छा काम कर रहे हैं। उनका विरोधी मैं भी नहीं हूं, उनके विकास की सराहना सब कर रहे हैं, हम भी करते हैं। हमारा बस यह कहना है कि डीएमएफ की राशि प्रभावित क्षेत्र में खर्च होनी चाहिए।

कौन सा ऐसा काम है जो लग रहा है नहीं हो रहा है?
तमनार में सड़कों की स्थिति खराब है।अस्पताल की स्थिति अच्छी नहीं है। वहां पर खेल कूद के लिए मैदान होना चाहिए। कॉलेज में लाइब्रेरी की स्थिति जैसे कई विषय हैं, जिनके बारे में मैंने कलेक्टर को ध्यान दिलाया है।

भूपेश सरकार में या फिर साय सरकार में लैलूंगा के लिए डीएमएफ में ज्यादा बेहतर काम हुआ है?
उस समय जो बंदरबांट हुई है, वह किसी से छुपी नहीं है। उस समय भ्रष्टाचार हुआ है। उसी का परिणाम कांग्रेस ने भुगता है।

कांग्रेस सरकार में काम नहीं हुआ भ्रष्टाचार भी बहुत हुआ, इसके बाद भी लैलूंगा में भाजपा को जीत क्यों नहीं मिली?
लैलूंगा को लेकर भाजपा के हर कार्यकर्ता और जनता के मन में था कि कोई नया प्रत्याशी होना चाहिए। अगर कोई नया प्रत्याशी रहता तो जरूर लैलूंगा में भाजपा की जीत होती।

आपने जो बात सार्वजनिक रूप से कही है, क्या वह संगठन से बंद कमरे में कही थी, क्या मुख्यमंत्री या ओपी चौधरी से मिले थे?
मैं उस विषय पर कुछ ज्यादा नहीं कहूंगा। जिस माध्यम से मुझे जाना था, वह प्रयास मैंने किया था, लेकिन यह नहीं हो सका, इसलिए इस माध्यम को मैंने अपनाया है।

नोटिस मिलना कितना खराब लगा?
भाजपा की अपनी परंपरा है, भाजपा को लगता है कि अनुशासन तोड़ा गया है, तो फिर मैं रहूं या कोई भी रहे, उससे जवाब मांगा जाता है। मुझे नोटिस मिला मैंने जबाव दे दिया, अब संगठन को जो फैसला करना होगा, वह करेगा।

अपना भविष्य भाजपा में देख रहे हैं या फिर और कुछ ?
मैं विद्यार्थी परिषद में रहा हूं। इसके बाद कल्याण आश्रम में जाकर काम कर रहा था। मुझे राजनीति में भेज दिया गया। मैं राजनीति में रहूं या न रहूं। मैं किसी दूसरी पार्टी में जाने के स्थान पर मैं जनजाति के लिए काम करूंगा, धर्मांतरण रोकने के लिए काम करूंगा। मैं किसी और राजनीतिक दल में नहीं जाऊंगा। मैंने हमेशा कांग्रेस का विरोध किया है। मैंने भूपेश बघेल के पिता की बातों का भी विरोध किया है। मैं आज भी कांग्रेस का विरोध करता हूं और उस पार्टी में जाने वाला नहीं हूं।

भूपेश बघेल कहते हैं अडानी का विरोध करने के कारण रवि भगत को यह सब देखना पड़ रहा है?
भूपेश बघेल के घर में अगर कोई मच्छर भी आ जाएगा, तो लगेगा यह अडानी ने करवाया है। उनके घर में एक लोटा पानी गिर जाएगा तो लगेगा अडानी ने किया है। उनको लगता है अडानी-अडानी करते रहेंगे तो कछ हो जाएगा।

अडानी के विषय में आप क्या सोचते हैं?
अडानी हमारे देश के उद्योगपति हैं, वे कई क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। भूपेश बघेल जब मुख्यमंत्री थे, तब कहते थे, आपको बिजली चाहिए तो पेड़ तो कटेंगे, आज जब विपक्ष में हैं तो यू टर्न मारकर विरोध कर रहे हैं।

रवि भगत लैलूंगा के लिए क्या करेंगे?
मैं अपने क्षेत्र के लिए हमेशा काम करूंगा। मेरा सपना है कि हमारे क्षेत्र का कोई युवा ओलिंपिक में खेलने जाए। युवाओं को खेलों के लिए प्रेरित करूंगा। युवाओं के रोजगार के लिए भी काम करूंगा।

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