CGBSE की ही पुस्तकें पढ़ाने की अनिवार्यता नहीं: कोर्ट ने कहा- नहीं थोपी जा सकती ऐसी बाध्यता

बिलासपुर हाईकोर्ट
पंकज गुप्ते-बिलासपुर। निजी स्कूलों पर अब छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल सीजीबीएसई से प्रकाशित पुस्तकों को ही पढ़ाने की अनिवार्यता नहीं होगी। हाईकोर्ट ने ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह स्पष्ट किया कि, ऐसी बाध्यता नहीं थोपी जा सकती। कोर्ट ने निर्देश जारी करते हुए याचिका निराकृत कर दी।
बता दें कि जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) बिलासपुर ने शासन के निर्देश के तहत आदेश जारी कर कहा था कि, पहली से आठवीं तक केवल सीजीबीएसई की ही पुस्तकें पढ़ाई जाएंगी। इस आदेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओं ने कहा कि, अगर मंडल की पुस्तकें समय पर उपलब्ध कराई जाएं तो पढ़ाने में कोई आपत्ति नहीं, लेकिन उपलब्ध न होने पर बाजार से निजी प्रकाशकों की पुस्तकें चलाने की अनुमति होनी चाहिए। सुनवाई के दौरान यह भी उदाहरण दिए गए कि, अन्य स्थानों पर भी निजी स्कूलों को इसी कारण निजी प्रकाशकों की किताबें चलानी पड़ रही हैं।
यह था मामला
राज्य के विभिन्न जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) द्वारा फरवरी से जून 2025 के बीच निर्देश जारी किए गए थे कि, कक्षा एक से 10 तक केवल एनसीईआरटी/एससीईआरटी की किताबें ही प्रयोग में लाई जाएं अन्यथा संबंधित स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। इसके साथ ही निजी प्रकाशकों की पुस्तकों के उपयोग पर भी रोक लगा दी गई थी।
