छत्तीसगढ़ में आई रेल क्रांति: बस्तर के कोने-कोने तक पहुंचेगी ट्रेन, हजारों करोड़ की परियोजनाओं पर काम चालू

CM विष्णुदेव साय के कार्यकाल में रेल परियोजनाओं को मिली स्वीकृति
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय के डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में रेल मार्गों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश में अब तक 47 हजार करोड़ रुपये की रेल विकास परियोजनाएं प्रगति पर हैं। ऐसे में वर्ष 2030 तक रेल नेटवर्क वर्तमान से दोगुना हो जाएगा। 32 अमृत भारत स्टेशन में वर्ल्ड क्लास सुविधाएं होंगी और नई रेल परियोजनाओं का सर्वे अंतिम चरण में है। रेल सुविधाओं के साथ ही पर्यटन, व्यापार, उद्योग और रोजगार की संभावनाएं बढेंगी। इसके अलावा राजधानी रायपुर के रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास के स्तर पर तैयार किया जा रहा है, जिसका कार्य शुरू हो चुका है।
सीएम विष्णु देव साय की पहल पर विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना को पूरा करने और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए नई- नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी मिल रही है। वर्ष 1853 से लेकर 2014 तक 161 साल में छत्तीसगढ़ में केवल 1100 रूट किलोमीटर रेल लाइन बिछाई गई थी। लेकिन पीएम नरेन्द्र मोदी नेतृत्व में वर्ष 2014 से वर्ष 2030 तक प्रदेश में रेल नेटवर्क दोगुना बढ़कर 2200 रूट किलोमीटर हो जाएगा।

दो नई वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 के बजट में छत्तीसगढ़ को 6925 करोड़ रूपए राशि आबंटित की गई है। वर्तमान में केन्द्र सरकार की मदद से छत्तीसगढ़ में 47 हजार करोड़ रुपए की लागत से रेल विकास परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है। राज्य को दो नई वंदे भारत ट्रेन रायपुर-विशाखापटनम और रायपुर-नागपुर की सौगात मिली है। इसके अलावा राज्य सरकार ने मेट्रो ट्रेन के लिए सर्वे कराने का भी निर्णय लिया है। गौरतलब है कि, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में बिलासपुर में जोनल कार्यालय को मंजूरी दी गई थी। छत्तीसगढ़ को नई और प्रगतिरत रेल परियोजना के पूर्ण होेने से राज्य में रेल सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के साथ ही यहां पर्यटन, व्यापार, उद्योग के साथ-साथ रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। इन रेल परियोजनाओं से सामाजिक-आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

32 स्टेशनों को बनाया जा रहा वर्ल्ड क्लास रेल्वे स्टेशन
छत्तीसगढ़ के 32 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये स्टेशन आधुनिक यात्री सुविधाओं से युक्त, विश्वस्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित बनाए जा रहे हैं। हाल में ही पीएम नरेन्द्र मोदी ने अमृत भारत रेल्वे स्टेशन योजना के तहत राज्य के 5 पुनर्विकसित अंबिकापुर, उरकुरा, भिलाई, भानुप्रतापपुर एवं डोंगरढ़ स्टेशनों का लोकार्पण किया गया है। अमृत भारत रेल्वे स्टेशन योजना में लगभग 1680 करोड़ रूपए की लागत से 32 रेल्वे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। जिनमें तीन प्रमुख स्टेशनों बिलासपुर (लागत 435 करोड़), रायपुर (लागत-463 करोड़) एवं दुर्ग स्टेशन (लागत-456 करोड़) का व्यापक पुनर्विकास भी शामिल है। अमृत भारत स्टेशन के अंतर्गत भाटापारा, भिलाई पावर हाउस, तिल्दा नेवरा, बिल्हा, बालोद, दल्लीराजहरा, हथबंद, सरोना, मरोदा, मंदिरहसौद, निपानिया, भिलाई नगर, रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़, बाराद्वार, चाम्पा, नैला, जांजगीर, अकलतरा, कोरबा, उसलापुर, पेंड्रा रोड, बैकुंठपुर रोड, बिलासपुर, महासमुंद, जगदलपुर के स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है।

47 हजार करोड़ रुपये की रेल परियोजनाओं पर चल रहा काम
वर्तमान में छत्तीसगढ़ में 47 हजार करोड़ रूपए की लागत से स्वीकृत रेल परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इनमें प्रमुख परियोजनाएं इस प्रकार है- राजनांदगांव-नागपुर तीसरी लाइन लम्बाई 228 किमी, छत्तीसगढ़ में 48 किमी, लागत 3544.25 करोड़, बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी लाइन, लंबाई-206 किमी, छत्तीसगढ़ में 153 किमी, लागत 2135.34 करोड़, खरसिया-धरमजयगढ़ नई रेललाइन, लंबाई-162.5 किमी, लागत 3438.39 करोड़, गौरेला-पेंड्रा रोड-गेवरा रोड परियोजना, लंबाई 156.81 किमी, लागत 4970.11 करोड़, केन्द्री-धमतरी एवं अभनपुर-राजिम आमान परिवर्तन, लंबाई-67.20 किमी, लागत- 544 करोड़, बोरिडांड-अम्बिकापुर दोहरीकरण, लंबाई 80 किमी, लागत-776 करोड़, चिरमिरी-नागपुर न्यू हॉल्ट लाइन, लंबाई-17 किमी, लागत-622.34 करोड़ रूपए शाामिल हैं।

बस्तर के लिए नई रेल परियोजनाएं की गईं स्वीकृत
भारत सरकार के रेल मंत्रालय ने रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन (140 किमी) परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस परियोजना पर 3513.11 करोड़ रुपए की लागत आएगी। यह निर्णय बस्तर अंचल के सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा। रावघाट-जगदलपुर रेललाइन की मंजूरी से बस्तर अंचल में यात्रा, पर्यटन, व्यापार और रोजगार की सम्भावनाएं बढ़ेंगी। यह रेल परियोजना नक्सलवाद के उन्मूलन की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। बस्तर में केके रेल लाईन (कोत्तवलसा से किंरदुल) दोहरीकरण का काम तेजी से चल रहा है। 446 किलोमीटर लम्बाई के रेल लाईन का 170 किलोमीटर हिस्सा छत्तीसगढ़ में है। छत्तीसगढ़ में इस रेल लाईन का 148 किलोमीटर दोहरीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है।

सुकमा-दंतेवाड़ा-बीजापुर तक होगी रेल कनेक्टिविटी
कोठागुडेम (तेलंगाना) से किरंदुल तक प्रस्तावित 160.33 किमी लंबी नई रेललाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे कार्य को केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद सर्वे अब अंतिम चरण में है। इस प्रस्तावित रेललाइन का 138.51 किमी हिस्सा छत्तीसगढ़ के सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर से होकर गुजरेगा, जो अब तक रेल कनेक्टिविटी से वंचित रहे हैं। यह परियोजना न केवल आवागमन को सरल बनाएगी, बल्कि इन जिलों के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।

16,834 करोड़ रुपये रेल परियोजनाओं का डीपीआर तैयार
छत्तीसगढ़ में अम्बिकापुर-बरवाडीह 200 किलोमीटर लागत 9718 करोड़, खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा नई रेल लाइन 278 किलोमीटर लागत 7854 करोड़, रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन 140 किलोमीटर लागत 3513 करोड़, सरदेगा-भालूमाड़ा नई रेललाइन 37.24 किलोमीटर लागत 1282 करोड़ रूपए और धरमजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा 301 किलोमीटर लागत 16,834 करोड़ रूपए रेल परियोजनाओं का डीपीआर तैयार हो रहा है। धरमजयगढ़-लोहरदगा और अंबिकापुर-बरवाडीह रेल परियोजना के लिए सर्वेक्षण का काम अंतिम चरण में।

कटघोरा- डोंगरगढ़ रेल लाइन के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा रेल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए कटघोरा से डोंगरगढ़ रेल लाईन निर्माण के लिए 300 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। इस रेल लाईन के बनने से नागपुर-झारसुगुड़ा रेल मार्ग पर चलने वाली माल-गाड़ियों का लोड कम होगा। छत्तीसगढ़ खनिज विकास निधि सलाहकार समिति द्वारा छत्तीसगढ़ रेलवे कॉरपोरेशन को डोंगरगढ़-कबीरधाम-मुंगेली-कटघोरा रेलमार्ग हेतु भू-अर्जन एवं प्रारंभिक निर्माण कार्य के लिए 300 करोड़ रुपए की राशि दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।
