भांग खरीदी में बड़ा बदलाव: 25 लाख रुपए सालाना फीस पर मिलेगा ठेका

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में भांग की खरीदी करने के लिए आबकारी विभाग पहले निविदा जारी करता था। इसके तहत प्रति किलो 100 रुपए की दर से भांग दूसरे राज्य से विभाग खरीदी करता था, जिसे बाद में प्रदेश के लाइसेंसधारी दुकानों को उनकी मांग के अनुसार इसकी सप्लाई की जाती थी। यह सिस्टम सालों से चला आ रहा था, लेकिन अब इस सिस्टम में बदलाव किया गया है। नए सिस्टम के तहत अब विभाग भांग खरीदना बंद कर इसकी जगह थोक दुकानदार को इसका ठेका दे रहा है। इसके लिए सालाना फीस 25 लाख रुपए निर्धारित की है। चालू वर्ष में भांग खरीदी का जिसे ठेका मिला है, उसके द्वारा ही प्रदेश के अन्य लाइसेंसधारी दुकानों में इसकी सप्लाई भी की जा रही है।
पहले दुकानों को 350 रुपए किलो में उपलब्ध कराता था विभाग पहले शासकीय चिल्हर भांग विक्रेताओं को 350 रुपए किलो की दर से भांग उपलब्ध कराता था। विभाग 153 रुपये 83 पैसे किलोग्राम की दर से भांग खरीदता था। इसमें ड्यूटी चार्ज 100 रुपए और परमिट फीस 200 रुपए मिलाकर कुल 350 रुपए में दुकानों को उपलब्ध कराता था, जिसे दुकानदार 12 सौ से 13 सौ रुपए में बेचा करते थे।
25 लाख सालाना लाइसेंस फीस पर दिया जा रहा ठेका
रायपुर आबकारी विभाग के उपायुक्त राजेश शर्मा ने बताया कि,भांग की खरीदी विभाग ने बंद कर दी है। अब 25 लाख रुपए सालाना लाइसेंस फीस पर इसका ठेका एक दुकान को दिया जा रहा है। यह व्यवस्था पिछले दो साल से लागू है। चिल्हर दुकानदार अब थोक दुकानदार से भाग खरीद रहे हैं।
तब से ढाई गुना कीमत बढ़ी
विभाग के पास स्टॉक खत्म होने के बाद वर्ष 2022 में मई से कुछ दुकानदारों ने अपने स्तर पर थोक में भांग खरीदना शुरू कर दिया। इसके बाद दुकानदारों ने भी मांग की कीमत मनमाने रूप से बढ़ा दी। विभाग जब तक खरीदी करता रहा, तब तक दुकानों में गीला एवं सूखा भांग किलो में 1200 रुपए एवं 1500 रुपए था, जो बाद में 3000 से 4000 रुपए किलो तक पहुंच गया है।
विभाग की कमाई बढ़ी पर आम लोगों की कट रही जेब
इस नए सिस्टम से विभाग की कमाई बढ़ गई है। थोक दुकानदार से सालाबा 25 लाख रुपए तथा प्रत्येक चिल्हर दुकान से 2 और 3 लाख उपार की आय होने से विभाग की कमाई जरूर बढ़ा दी है. लेकिन इससे भांग के शौकीन लोगों को राहत नहीं मिली है, क्योंकि मांग की कीमत में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि कीमत और बढ़ने की संभावना है।
चिल्हर दुकानों के लिए 2 से 3 लाख सालाना लाइसेंस फीस
विभाग ने चिल्हर भांग दुकानों को लाइसेंस जारी करने के लिए भी नई दर लागू की है। इसके तहत सामान्य क्षेत्र के लिए सालाना दो लाख रुपए लाइसेंस फीस रखी है, वहीं अनुसूचित जाति, जनजाति क्षेत्र में संचालित दुकान के लिए 3 लाख रुपए सालाना फीस निर्धारित की है। इन चिल्हर दुकानदारों को थोक दुकानदार उनकी मांग के अनुसार भांग की सप्लाई कर रहे हैं।
वर्ष 2020 से भांग खरीदना बंद
आबकारी विभाग ने आखिरी बार वर्ष 2019 में भांग की खरीदी की थी। इस वर्ष में प्रदेश में संचालित 12 लाइसेंसधारी दुकानों के लिए 12 हजार किलोग्राम भांग खरीदा गया था। इसके बाद विभाग ने भांग खरीदना बंद कर दिया। यह भांग करीब दो साल तक चला। विभाग के वेयर हाउस में रखे भांग को मांग के अनुसार दुकानों में भेजा जाता था, लेकिन इस बीच जब भांग का स्टॉक खत्म हो गया, तो कुछेक दुकानदारों ने अपने स्तर पर भांग की खरीदी शुरू कर दी।
