मिशन हॉस्पिटल केस में प्रशासन की जीत: हाईकोर्ट ने माना- लीज की शर्तों का हुआ उल्लंघन, सरकारी खाते में जाएगी सौ करोड़ की संपत्ति

Bilaspur Mission Hospital High Court admits lease terms violated
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हाईकोर्ट बिलासपुर

बिलासपुर के मिशन अस्पताल में सेवा के नाम पर लीज की शर्तों का उल्लंघन किया गया। सरकारी जमीन पर 30 साल से अवैध कब्जा पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।

पंकज गुप्ते - बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के बीचोंबीच स्थित मिशन अस्पताल की 11 एकड़ सरकारी जमीन के मामले को लेकर विशेष कदम बढ़ाया गया है। यह जमीन अस्पताल को गरीबों की सेवा के नाम पर लीज पर दी गई थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने लीज की शर्तों का जमकर उल्लंघन करते हुए करोड़ों रुपये की कमाई शुरू कर दी थी। जमीन की लीज साल 1994 में ही खत्म हो चुकी थी, लेकिन बिना नवीनीकरण कराए जमीन पर कब्जा बनाए रखा और परिसर की जमीनों को किराए पर चढ़ाकर हर महीने लाखों रुपये वसूले जाते रहे।

जिला प्रशासन ने जब जांच की तो मामले में गंभीर गड़बड़ियां उजागर हुईं। तत्कालीन कलेक्टर अवनीश शरण ने कार्रवाई के आदेश दिए, जिस पर लीज खत्म होने के बावजूद अवैध कब्जा कर रहे अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ बेदखली की प्रक्रिया शुरू की गई। अस्पताल प्रबंधन ने कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाईकोर्ट ने प्रशासन के पक्ष में फैसला सुनाया है।


तो ये है पूरा मामला
मिशन अस्पताल की स्थापना 1885 में हुई थी। सेवा के उद्देश्य से अस्पताल प्रबंधन को चांटापारा, बिलासपुर में लगभग 11 एकड़ जमीन लीज पर दी गई थी। यह लीज 1966 में नया होकर 1994 तक के लिए बढ़ाई गई थी। शर्त थी कि, जमीन का केवल सेवा कार्यों के लिए ही उपयोग किया जाएगा, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने जमीन का व्यवसायिक उपयोग करना शुरू कर दिया। लीज की अवधि खत्म होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने जमीन खाली नहीं की। उल्टा कई हिस्सों को लोगों को किराए पर देकर और कुछ जमीन बेचकर मोटी रकम वसूली। डायरेक्टर रमन जोगी ने जमीन को चौपाटी, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल, कॉलेज, दुकान और बाजार के लिए किराए पर चढ़ा दिया। कुछ हिस्से रजिस्ट्री के जरिए बेच दिए गए। लीज नवीनीकरण की कई कोशिशें की गईं लेकिन प्रशासन और कोर्ट ने सब खारिज कर दिया।

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
हाईकोर्ट ने 18 जुलाई 2025 को सुनाए फैसले में कहा कि, याचिकाकर्ता ने कोर्ट को गुमराह किया, लीज की शर्तों का घोर उल्लंघन किया और सेवा के नाम पर व्यवसायिक लाभ कमाया। कोर्ट ने कहा कि, प्रशासन का निर्णय वैधानिक और सही है। सेवा के नाम पर मिली जमीन से करोड़ों की कमाई का खेल चलाया जा रहा था। प्रशासन ने बेदखली की कार्रवाई शुरू की जिसे हाईकोर्ट ने सही ठहरा दिया है। अब जमीन पर फिर से सरकार के कब्जे में लिया जाएगा।

जमीन का ऐसे हुआ इस्तेमाल

1- मिशन अस्पताल 10770 वर्ग फीट में है।
2- महादेव नर्सिंग कॉलेज एवं हॉस्टल 14462 वर्गफीट एवं 16196 वर्ग फीट 80000 मासिक किराए पर दिया गया है।
3- वंदना हॉस्पिटल 5269 वर्ग फीट 175000 मासिक किराए पर दिया गया है। वेल्लाह मिनी चौपाटी 4696 वर्गफीट 5 हजार मासिक राहुल
4- डा जोगी को और 30 हजार रुपए वार्षिक यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्दर्न इंडिया ट्रस्ट संगठन को दिया गया है।
5- तिब्बती वूलन मार्केट के लिए प्लाट नंबर 21 रकबा 40500 वर्ग फीट में से खुले क्षेत्र को शीतकाल में किराए पर दिया गया।
6- यूनिवर्सल मोटर सर्विस को 10 हजार वर्ग फिट दिया गया है।
7- चर्च और प्रेयर हाल के लिए 6967 वर्गफीट रखा गया है।
8- कम्युनिटी सेंटर को 2330 वर्ग फिट दिया गया है।
9- स्टाफ क्वार्टर के लिए 20046 वर्गफीट रखा गया है।
10- डायरेक्टर आवास के लिए 6889 वर्गफीट रखा गया है।

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