छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को उड़ाने की धमकी: 'मद्रास टाइगर्स फॉर अजमल कसाब' नामक संगठन ने भेजा ईमेल, कोर्ट परिसर में मचा हड़कंप

Chhattisgarh High Court receives
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को मिली बम से उड़ाने की धमकी


छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को 'मद्रास टाइगर्स फॉर अजमल कसाब' संगठन से बम धमकी मिलने के बाद कोर्ट परिसर खाली कर जांच की गई, लेकिन कोई विस्फोटक नहीं मिला।

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्याय व्यवस्था के लिए सोमवार 9 जून का दिन बेहद तनावपूर्ण रहा जब हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी भरा एक ईमेल मिला। यह धमकी 'मद्रास टाइगर्स फॉर अजमल कसाब' नामक एक कथित संगठन की ओर से भेजी गई थी। ईमेल में कोर्ट परिसर में विस्फोटक लगाने की बात कही गई थी, जिससे पूरे न्यायिक और सुरक्षा तंत्र में हड़कंप मच गया।

ईमेल से मची अफरा-तफरी
धमकी मिलने के समय समर वेकेशन के बाद कोर्ट में कार्यवाही पुनः शुरू हुई ही थी। जैसे ही कोर्ट के आईटी सिस्टम पर यह ईमेल प्राप्त हुआ, उसमें लिखे गए शब्दों ने सबको डरा कर रख दिया। ईमेल में यह दावा किया गया था कि हाईकोर्ट परिसर में 'अमोनियम सल्फर आधारित आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज)' लगाए गए हैं और जल्द ही विस्फोट किया जाएगा।

कोर्ट परिसर खाली कराया गया
इस संदेश की गंभीरता को देखते हुए तुरंत हाईकोर्ट के प्रोटोकॉल अफसरों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने बिना समय गंवाए पूरे परिसर को खाली कराया। जज, वकील, स्टाफ और पक्षकारों को बाहर निकाला गया और पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया।

बम स्क्वाड और स्निफर डॉग्स ने की जांच
बिलासपुर पुलिस के साथ-साथ विशेष बम निरोधक दस्ते (BDS)और डॉग स्क्वॉड को मौके पर बुलाया गया। हाईकोर्ट परिसर के हर हिस्से की बारीकी से जांच की गई। गाड़ियों, कमरों, लॉबी, रिकॉर्ड रूम और पार्किंग क्षेत्र तक को खंगाला गया। लगभग तीन घंटे चली तलाशी में किसी प्रकार का विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई।

धमकी में संवेदनशील मुद्दों का किया गया उल्लेख
पुलिस सूत्रों के अनुसार, ईमेल 'abdia@outlook.com' आईडी से भेजा गया था। इसमें 'मद्रास टाइगर्स फॉर अजमल कसाब' नामक संगठन का उल्लेख था, जो अभी तक किसी भी आधिकारिक रिकॉर्ड या खुफिया रिपोर्ट में सामने नहीं आया था। संदेश में अजमल कसाब को दी गई फांसी, कुछ मुसलमानों की हिरासत और कथित अन्यायपूर्ण कार्रवाइयों को इस हमले की वजह बताया गया। ईमेल में धमकी देने वाले ने इसे पवित्र मिशन बताया और चेतावनी दी कि भारतीय न्यायपालिका को सबक सिखाया जाएगा। यह ईमेल सांप्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय माना जा रहा है।

FIR दर्ज, साइबर एक्सपर्ट्स और ATS जांच में जुटे
इस गंभीर मामले को लेकर चकरभाठा थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं और यूएपीए (Unlawful Activities Prevention Act) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है। साथ ही राज्य और केंद्रीय एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया गया है। साइबर सेल इस ईमेल की उत्पत्ति और IP ऐड्रेस की जांच कर रही है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, ईमेल किसी विदेशी सर्वर से भेजा गया हो सकता है। एसएसपी रजनेश सिंह ने मीडिया को बताया, हमने प्राथमिक जांच पूरी कर ली है और किसी तरह का विस्फोटक नहीं मिला है, पर हम इस मामले को अत्यधिक गंभीरता से ले रहे हैं। पूरी साइबर जांच के लिए केंद्रीय एजेंसियों की मदद ली जा रही है।

हाईकोर्ट की सुरक्षा बढ़ाई गई, जजों और अधिकारियों को विशेष सुरक्षा
इस घटना के बाद हाईकोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को पहले से अधिक मजबूत कर दिया गया है। परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। कोर्ट आने-जाने वाले सभी वाहनों की सघन जांच की जा रही है। इसके साथ ही जजों और महत्वपूर्ण अधिकारियों को अस्थायी रूप से विशेष सुरक्षा प्रदान की गई है।

विशेषज्ञों की राय- साइबर आतंकवाद का नया चेहरा
राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना साइबर आतंकवाद की ओर इशारा करती है। सुरक्षा विश्लेषक संदीप मिश्रा का कहना है कि, यह केवल एक धमकी नहीं है, बल्कि दबाव बनाने का प्रयास है। उन्होंने कहा जांच एजेंसियों को इसे प्राथमिकता पर लेकर कार्य करना चाहिए।

भारत की न्यायिक संस्थाएं भी अब आतंकवाद और साइबर अपराध के निशाने पर हैं
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को मिली धमकी भले ही झूठी निकली हो, लेकिन यह घटना यह संकेत देती है कि भारत की न्यायिक और संवैधानिक संस्थाएं भी अब आतंकवाद और साइबर अपराध के निशाने पर हैं। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के सामने अब यह चुनौती है कि इस ईमेल के पीछे छिपे व्यक्तियों या संगठनों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने की पुख्ता व्यवस्था की जाए।

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