कांस्टेबल बर्खास्तगी मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: आदेश में कहा- बिना पुराने रिकॉर्ड बताए सजा देना असंवैधानिक

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 7वीं बटालियन CAF, भिलाई के आरक्षक शिव पूजन गर्ग की बर्खास्तगी को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश के हेड नोट में स्पष्ट कहा है कि- अगर बर्खास्तगी का आधार पूर्ववर्ती रिकॉर्ड है, तो उसे कारण बताओ सूचना (शो-कॉज नोटिस) में दर्ज करना अनिवार्य है। ऐसा न करना संविधान के अनुच्छेद 311(2) का उल्लंघन है।
दरअसल, यह मामला 2017 का है जब आरक्षक शिव पूजन गर्ग पर आरोप लगा कि उन्होंने नशे की हालत में पकड़े गए एक अन्य जवान को मेडिकल जांच से भगाने में मदद की। विभागीय जांच के बाद 2019 में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। उनकी अपील और दया याचिका भी खारिज हो गई थी। हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने दलील दी कि बर्खास्तगी का आदेश उनके पुराने दंडों के आधार पर दिया गया, लेकिन अंतिम शो-कॉज नोटिस में उन दंडों का जिक्र नहीं था।
सुप्रीम कोर्ट के एक मामले का दिया गया हवाला
सुप्रीम कोर्ट के एक मामले के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया कि यह प्रक्रिया अवैध है। हाईकोर्ट ने इस दलील को मानते हुए बर्खास्तगी का आदेश रद्द कर दिया और विभाग को निर्देश दिया कि वह नए सिरे से शो-कॉज नोटिस जारी कर पूरी प्रक्रिया का पालन करे।
