तोमर बन्धुओं को HC से कोई राहत नहीं: चीफ जस्टिस की बेंच ने रायपुर एसपी से दो सप्ताह में मांगा जवाब

सूदखोर तोमर बंधु
पंकज गुप्ते- बिलासपुर। सूदखोर तोमर भाइयों को सरेंडर करने कोर्ट ने 18 अगस्त तक उद्घोषणा जारी की थी। लेकिन उद्घोषणा के एक दिन पहले तोमर बन्धुओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस की बेंच ने रायपुर एसपी को दो सप्ताह में स्वयं के शपथपत्र के साथ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। तोमर बन्धुओ का मामला चीफ जस्टिस के बेंच ने लगा था।
सेशन कोर्ट से याचिका हो चुकी है ख़ारिज
सूदखोर तोमर भाइयों ने कुर्की की कार्रवाई से बचने के लिए अग्रिम जमानत के लिए सेशन कोर्ट में पूर्व में याचिका दायर की थी, जो खारिज हो चुकी है। इसके बाद दोनों भाइयों ने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। पुलिस अफसरों के अनुसार, कोर्ट में याचिका दायर होने के बाद भी जब तक सुनवाई नहीं होती, कलेक्टर आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने आदेश जारी कर सकता है। आरोपियों के पक्ष में फैसला आने पर कुर्की हटा दी जाएगी। बचाव पक्ष के वकील ने आरोप लगाया है कि मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में पेंडिंग है, इस वजह से संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई गलत है। पुरानी बस्ती सीएसपी के अनुसार कोर्ट के प्रतिवेदन के आधार पर संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई अब राजस्व विभाग के अफसर करेंगे। संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई के दौरान पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराएगी।
आरोपियों की पतासाजी अब भी जारी
पुलिस तथा क्राइम ब्रांच की टीम फरार सूदखोर तोमर भाइयों की पतासाजी करने अब भी जुटी हुई है। तोमर भाइयों के बारे में पुलिस को अब तक किसी भी प्रकार का कोई सुराग नहीं मिला है। परिजनों के मोबाइल सर्विलांस में रखे जाने के बावजूद सूदखोर भाइयों के लोकेशन के बारे में पुलिस को अब तक जानकारी नहीं मिल पाई है। तोमर भाइयों से जुड़े लोगों से पुलिस पूछताछ लगातार जारी है।
गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस की हो रही किरकिरी
दो माह से ज्यादा समय से फरार तोमर भाइयों की अब तक गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस की किरकिरी हो रही है। इसीलिए पुलिस अफसर तोमर भाइयों की संपत्ति जल्द से जल्द कुर्क हो, इसके लिए प्रयास कर रही है। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद सूदखोर भाइयों की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई में तेजी आ सरकती है। इसकी वजह सरेंडर करने की समय सीमा समाप्त होना भी है।
