कोल डस्ट पर भड़के सीजे: कहा- यह तो वही बात हो गई कि, हम शराब बेचते हैं, बाकी पीने वाला जाने

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बिलासपुर। एसईसीएल द्वारा बेचे गए कोयले के परिवहन के दौरान उड़ रही डस्ट और जनता को हो रही परेशानी के मामले में बुधवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने एसईसीएल की कार्यप्रणाली पर सख्त टिप्पणी की। नाराज चीफ जस्टिस ने यहां तक कह दिया कि एसईसीएल का रवैया इस प्रकार है कि हम कोयला बेचते हैं, बाकी परिवहन करने वाला जानें। यह तो वही बात हुई कि शराब बेचने वाला कहे हम तो शराब बेचते हैं, बाकी पीने वाला जाने। चीफ जस्टिस ने पूरे मामले में जरूरी बिंदुओं पर दिशा निर्देश जारी करने के अलावा नया शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं।
इस मामले में बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। पूर्व में हुई सुनवाई में इसमें शपथ पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि आप प्लांट चलाइए कोई दिक्कत नहीं है कोई रोकता नहीं है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आपके कारण कोई अस्थमा से मर जा रहा है, बरसात का मौसम है, सड़कें खराब हैं, कीचड़ है, आदमी चल नहीं पा रहा, एक्सीडेंट हो रहा, इस तरह का रवैया मत रखिए। एसईसीएल द्वारा प्रस्तुत एफिडेविट और जवाब पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताई।
जिम्मेदारियों से बच नहीं सकते
एसईसीएल का जवाब कुछ इस तरह का था कि हम कोयला खदान से कोल प्रोडक्शन करते हैं पर इसका ट्रांसपोर्टेशन हमारे द्वारा नहीं किया जाता, इसे खरीदने वाले ट्रांसपोर्ट करते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि परिवहन का काम ट्रांसपोर्टर को दे दिया है यह कहकर एसईसीएल अपनी जिम्मेदारियां से बच नहीं सकता। चीफ जस्टिस ने कहा कि एनटीपीसी, एसईसीएल बाकी जितनी भी ऐसी कंपनियां हैं वे देश के विकास के लिए जो काम कर सकती हैं, वह करें। इसका मतलब यह भी नहीं है कि आप दूसरों को इसके लिए तकलीफ दें। आपके कोल परिवहन करने वाले 18 चक्के वाली गाड़ियों से सड़कों की स्थिति खराब है, सड़कें धंसी हुई हैं। 5 किलोमीटर में 25 गड्ढे हो गए हैं, जो हम आपको दिखा सकते हैं और आप कहते हैं कि ये हमारी जवाबदारी नहीं है, हम केवल कोयला प्रोडक्शन करते हैं, बाकी ट्रांसपोर्ट करने वाला जाने। चीफ जस्टिस ने कहा कि यदि ऐसा है तो हम ट्रांसपोर्टिंग बंद करवा देते हैं, आप रखे रहिए अपना कोयला अपने पास आप मैन्युफैक्चरर है आपकी रिस्पांसिबिलिटी है ऐसा नहीं है कि छोड़ दिए ट्रांसपोर्टर पर।
दिए गए कड़े निर्देश
एसईसीएल के अधिवक्ताओं ने अपना तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि, माइनिंग एरिया में इस बात का बराबर ध्यान रखा जा रहा है कि नियमों का पालन हो, तब चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या ध्यान दिया जा रहा है, माइनिंग एरिया में मर्डर हो गया, कल आप ही तो आए थे उसको अपोज करने के लिए। ट्रांसपोर्टरों की आपसी लड़ाई में कि कौन पहले कोयला निकालेगा, कौन ट्रक ले जाएगा। 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर हुआ हैं, सीधा मर्डर है ये, और आप कह रहे हैं कि हमारा काम सिर्फ कोयला निकालना है। ऐसा न करें। चीफ जस्टिस ने कहा कि हम सिर्फ इसी काम के लिए नहीं है। आपके पास बड़े-बड़े सलाहकार हैं।
