आपातकाल के 50 वर्ष: सांसद कश्यप बोले- इंदिरा ने आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर लगाई इमरजेंसी, लोगों के मौलिक अधिकारों को कुचला

MP Mahesh Kashyap talking to the media
X

मिडिया से बातचीत करते हुए सांसद महेश कश्यप 

आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर सांसद महेश कश्यप ने कहा कि, 25 जून 1975 की आधी रात को तात्कालिक PM इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर देश पर आपातकाल थोप दिया था।

श्याम करकू- बीजापुर। आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर सोमवार को बस्तर के सांसद महेश कश्यप बीजापुर पहुंचे। सांसद महेश कश्यप ने प्रेस वार्ता कर कहा कि, आपातकाल 25 जून 1975 की आधी रात को तात्कालिक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल थोप दिया था। यह निर्णय किसी युद्ध या विद्रोह के कारण नहीं बल्कि अपने चुनाव को रद्द किए जाने और सत्ता बचाने की हताशा में लिया गया था।

उन्होंने आगे कहा कि, कांग्रेस पार्टी ने इस काले अध्याय में न केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं को रौंदा बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता न्यायपालिक की निष्पक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचलकर यह स्पष्ट कर दिया कि जब-जब उनकी सता संकट में होती है, वे संविधान और देश की आत्मा को ताक पर रखने से पीछे नहीं हटते। आज 50 वर्ष बाद भी कांग्रेस इस मानसिकता के साथ चल रही है, आज भी सिर्फ तरीकों का बदलाव हुआ है, नियत आज भी वैसे ही तानाशाही वाली है। सांसद श्री कश्यप ने आगे कहा कि मार्च 1971 में लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीतने के बावजूद इंदिरा गांधी की वैधानिकता को चुनौती मिली। उनके विपक्षी उम्मीदवार राज नारायण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनाव को भ्रष्ट आचरण और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के आधार पर चुनौती दी देश की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही थी, जिससे जनता में असंतोष बढ़ता जा रहा था। देश पहले से ही आर्थिक बदहाली महंगाई और खाद्यान्न संकट से जूझ रहा था।

बिहार और गुजरात में छात्रों के नेतृत्व में खड़ा हुआ था आंदोलन
उन्होंने आगे कहा कि, बिहार और गुजरात में छात्रों के नेतृत्व में नवनिर्माण आंदोलन खड़ा हो चुका था। 8 मई 1974 को जॉर्ज फर्नांडिस के नेतृत्व में ऐतिहासिक रेल हड़ताल ने पूरे देश को जकड़ लिया। इस आंदोलन को रोकने के लिए 1974 में गुजरात में इंदिरा गांधी ने राष्ट्रपति शासन लगा दिया। यही राष्ट्रपति शासन 1975 में लगने वाले आपातकाल की एक शुरुआत था। इस दौरान रूपसिंह, घासीराम नाग, पूर्व श्रीनिवास मुदलियार, जिलाराम राना के अलावा भाजपा के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story