12 कॉलोनाइजर्स को नोटिस जारी: भाटापारा में अवैध कॉलोनियों पर प्रशासन मेहरबान, RTI से उजागर हुआ खुलासा

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भाटापारा नगर पालिका क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों के मामले में प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। वार्ड क्रमांक 25 में 40 घर के परिवार निवासरत हैं जो नगर पालिका के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है।

तुलसीराम जायसवाल- भाटापारा। नगर पालिका क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों के मामले में प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। सूचना के अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त जानकारी से खुलासा हुआ है कि भाटापारा नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 25, लाल बहादुर शास्त्री वार्ड, पटपर (पटवारी हल्का नंबर 39), तहसील भाटापारा में बनी कॉलोनी के संबंध में नगर पालिका के पास कोई अधिकृत जानकारी उपलब्ध नहीं है। बताया जा रहा है कि इस कॉलोनी में लगभग 40 घर के परिवार निवासरत हैं, बावजूद इसके यह कॉलोनी अब तक नगर पालिका के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है।

सूचना के अधिकार के तहत एक आवेदक द्वारा 20 जनवरी 2025 को जन सूचना अधिकारी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया था। निर्धारित समय सीमा में कोई जवाब नहीं मिलने पर, आवेदक ने 27 फरवरी 2025 को प्रथम अपील दायर की। इसके बाद नगर पालिका भाटापारा द्वारा जो जानकारी दी गई, उसने प्रशासनिक उदासीनता की पोल खोल दी।


RTI में मांगी गई जानकारी में जल बिहार कॉलोनी (जो कि उपरोक्त क्षेत्र में स्थित है) से संबंधित निम्नलिखित दस्तावेज मांगे गए थे:

1. नगर पालिका द्वारा स्वीकृत ले-आउट की छाया प्रति

2. कॉलोनी का पूर्ण नक्शा जिसमें निस्तारी, रास्ते एवं मुख्य मार्ग से जुड़ाव हो

3. रेरा अथवा टीएनसी की स्वीकृति की छाया प्रति

4. कॉलोनी के नियमितीकरण से संबंधित दस्तावेज

हालांकि, नगर पालिका ने जवाब में सभी जानकारी को निरंक बताया है, यानी उनके पास कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।

12 कॉलोनाइज़र्स को जारी किया गया था नोटिस
गौरतलब है कि 7 नवम्बर 2024 को कलेक्टर कार्यालय द्वारा अवैध कॉलोनी विकसित करने वाले 12 कॉलोनाइजर्स को नोटिस जारी किया गया था। इनमें ग्राम पटपर स्थित कॉलोनी के डेवेलपर्स के नाम भी शामिल थे। प्रशासन की यह चुप्पी और अनदेखी अब गंभीर सवाल खड़े कर रही है। क्या अवैध कॉलोनियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है? और यदि नहीं, तो अब तक इनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई? वहीं नगरवासियों की मांग है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

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