एक पेड़ मां के नाम: बीजागोड़ स्कूल में लगाए गए पेड़-पौधे, पर्यावरण संरक्षण का दिया गया संदेश

एक पेड़ मां के नाम : बीजागोड़ स्कूल में लगाए गए पेड़-पौधे, पर्यावरण संरक्षण का दिया गया संदेश
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एक पेड़ मां के नाम के तहत लगाए पेड़-पौधे

बेमेतरा जिले के शासकीय प्राथमिक शाला बीजागोड़ में एक पेड़ मां के नाम वृक्षारोपण किया गया।

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के शासकीय प्राथमिक शाला बीजागोड़ में वृक्षारोपण किया गया। यह वृक्षारोपण एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत लगाया गया है। वन महोत्सव के उपलक्ष्य में शाला परिवार ने मिलकर अपने-अपने नाम से फलदार और फुलदार पेड़ कनेर, अशोक, ऑवला, आम, जाम, कटहल, नींबू, बेला, गेंदा, गुड़हल, गुलाब तथा मीठा नीम जैसे छायादार और फलदार पेड़ लगाए।

नवाचारी शिक्षिका चंदा सिन्हा ने जनमानस को भी एक पेड़ माँ के नाम लगाने के प्रधानमंत्री के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने की अपील की। कुछ दिन पहले ही संकुल समन्वयक मनीराम श्रीवास ने भी अपने जन्म दिवस पर विद्यालय में पौधारोपण किया।


इन वृक्षों में होता है देवताओं का वास
नवाचारी शिक्षिका चंदा सिन्हा ने बताया कि, पौराणिक कथाओं के अनुसार इन वृक्षों में देवताओं का वास होता है। तभी तो तुलसी, ऑवला के वृक्ष की घरों में पूजा की जाती है। वृक्षों के महत्व पर बच्चों से चर्चा करते हुए कहा कि कनेर के फूल पूजा में काम आते हैं यह कई रंगों में पाया जाता है इसके फूलों से हम बहुत सुंदर रंगोली बनाते है और साज श्रृंगार में उपयोग करते हैं। ऑवला नवमी में आँवले के पेड़ की पूजा करते है और उसके नीचे बैठ भोजन करने की पौराणिक कथाओं में वर्णन है। ऐसा करने से बहुत पुण्य की प्राप्ति होती है।

पेड़ भूमि संरक्षण में हैं सहायक
उन्होंने ने कहा कि, नींबू और मीठा नीम भोजन में स्वाद बढ़ाने के काम आता है। इसके साथ ही हमें पेड़ों से हमें फल, फूल, लकड़ी, छाया और औषधि मिलती है। पेड़ भूमि संरक्षण में भी सहायक है। साथ ही विभिन्न जीव जंतुओं के आश्रयदाता भी होते हैं। शाला के प्रधान पाठक विशेषर नेताम और शाला परिवार ने पर्यावरण के प्रति लगाव के लिए पौधों की सुरक्षा का संकल्प लेकर जनमानस को एक सुंदर प्रेरणा दी।

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