नागपंचमी पर स्कूल में अनूठा आयोजन: नागदेव की पूजा के बाद रखी गई कुश्ती प्रतियोगिता

Nag Panchami festival was celebrated in the school
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शाला में मनाया गया नाग पंचमी का पर्व 

बेमेतरा जिले में शासकीय पूर्व माध्यमिक एवं प्राथमिक शाला में नाग पंचमी मनाई गई। इस अवसर पर नाग देवता की पूजा कर बच्चों को कुश्ती खेलवाया गया।

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में बेरला विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक एवं प्राथमिक शाला भरचट्टी में नाग पंचमी मनाया गया। इस अवसर पर शाला में नाग देवता की पूजा-अर्चना कर बच्चों के लिए कुश्ती की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे सभी बच्चों ने कुश्ती खेली।

नागों को हिंदू धर्म में देवता माना जाता है। नाग पंचमी के दिन उनकी पूजा भी की जाती है। मिट्टी के महादेव और नाग बनाकर पूजा किया जाता है। नाग पंचमी के दिन कुश्ती खेलने की परंपरा मुख्य रूप से शक्ति और साहस का प्रदर्शन करने के लिए है।


तो इसलिए मनाया जाता है नाग पंचमी
शिक्षक आशीष पांडेय ने बताया कि, नाग पंचमी, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इसके पीछे कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं। राजा जनमेजय ने सर्पयज्ञ करवाया। जिसमें सांप जलने लगे तब ऋषि आस्तिक ने नागों की रक्षा की थी। भगवान कृष्ण ने यमुना नदी को कालिया नाग से बचाया और समुद्र मंथन में वासुकि नाग ने योगदान दिया था। वह नाग पंचमी का ही दिन था। तब से नाग पंचमी मनाया जाता है।

चूहा खाकर फसल की रक्षा करते हैं सांप
शिक्षिका हिरकणी साहू ने बताया कि, नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने का मुख्य उद्देश्य उनसे सुरक्षा, संरक्षण, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करना है। सांप खेतों के चूहा खाकर फसल की रक्षा करते हैं। इसलिए हमें उनका संरक्षण करना चाहिए।

कार्यक्रम में विशेष रूप से इनका रहा योगदान
इस कार्यक्रम में प्रधान पाठक शत्रुघ्न लाल ठाकुर, नीतू परगनिया, शिवकुमार मुक्ति, तरुण साहू, कल्पना मरकाम, कमलेश्वरी सेन का पूर्णतः योगदान रहा।

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