बतौली में नाबालिगों से मजदूरी: श्रम विभाग ने मारा छापा, काम करते मिले आधा दर्जन बाल मजदूर

Labor department officials conducting an investigation
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जांच करते हुए श्रम विभाग के अधिकारी 

बतौली ब्लॉक में बासेन स्कूल पारा पथराई में पानी टंकी निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा नाबालिगों से मजदूरी करवाया जा रहा था। जिसके बाद गुरुवार को श्रम विभाग ने छापा मारा तो मौके पर बच्चे काम करते मिले।

आशीष कुमार गुप्ता- बतौली। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के बतौली ब्लॉक में बासेन स्कूल पारा पथराई में पानी टंकी निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा नाबालिगों से मजदूरी करवाया जा रहा था। मामला सामने आते ही गुरुवार को श्रम निरीक्षक अपनी टीम के साथ बासेन पहुंचे। जहां ठेकेदार के मुंशी द्वारा निर्माण कार्य संबंधित कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया। यह जांच जनप्रतिनिधियों, मीडिया और ग्रामीणों के समक्ष की गई। जिसमें नाबालिगों के काम करने की पुष्टि हुई है।

आपको बता दें कि नल जल योजना के ठेकेदार गुप्तेश्वर पांडे सूरजपुर निवासी द्वारा बतौली के ग्राम पंचायत बासेन स्कूल पारा पथराई में लगभग 40 लाख की स्वीकृति राशि से पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा है। जहां मध्यप्रदेश के अनूपपुर निवासी नाबालिग बालक सहित 6 मजदूर पिछले 10 महीने से कार्यरत हैं। लेकिन पानी टंकी का निर्माण अब तक पूरा नहीं हुआ है। ग्रामीण द्वारा नाबालिग से कार्य सहित गुणवत्ताहीन कार्य को लेकर विरोध किया तो ठेकेदार पीएचई अधिकारियों की सह पर मनमाने ढंग से नाबालिगों से कार्य करवाते रहा है। जिसकी खबर प्रकाशन होते ही जिला श्रम निरीक्षक अपनी टीम संग गांव पहुंची और मामले की जांच की।

पानी टंकी निर्माण के जांच में हुई खुलासा
जिला श्रम निरीक्षक जगदीश नैती, चाइल्डहेल्प लाइन दिनेश कुमार सिंह, जिला बाल संरक्षण इकाई सुशील कुमार यादव, कल्याण निरीक्षक राजेश पांडे द्वारा जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणजनों के समक्ष जांच किया गया। जिसमें ग्राम पंचायत बासेन के दो नाबालिग भाई बहन मिले। जिको ठेकेदार द्वारा 300 रुपए प्रति मजदूर भुगतान की जा रही है। जबकि, शासन द्वारा निर्धारित 365 रुपए अधिकारियों द्वारा मजदूरी राशि मिलने के जानकारी दी गई है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश अनूपपुर के 6 नाबालिग मजदूर बिना पहचान पत्र के पिछले 10 महीने से रह रहे है। लेकिन इनका नाम थाने में मुसाफिरी दर्ज नहीं है। जनप्रतिनिधियों के सवाल पर जिला श्रम निरीक्षक जगदीश नैति ने कहा कि हम सिर्फ नाबालिग के संबंध मेंजांच कर रहे हैं। निर्माण संबंधी जानकारी संबंधित अधिकारी देंगे।

सवालों के घेरे में श्रम अधिकारी की जांच
जिला श्रम निरीक्षक के द्वारा जांच प्रतिवेदन में मध्यप्रदेश के नाबालिग कमलेश पावे का उम्र 19 वर्ष लिखा गया है। जबकि बालक को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बालक 14 वर्ष लगभग का है। जिन्हें ठेकेदार के मजदूरों द्वारा फोन काल में लाइन में रहते हुए जानकारी दिया जा रहा था। जबकि श्रम निरीक्षक द्वारा कार्य से संबंधित दस्तावेज की मांग की गई तो ठेकेदार पांडे द्वारा गोल गोल घुमाया जा रहा था। जबकि वहां उपस्थित मुंशी ईश्वर द्वारा कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया। साथ ही ठेकेदार द्वारा बार जांच अधिकारियों को काल कर जांच को बाधित किया जा रहा था। तब अधिकारी भी बिना किसी पहचान संबंधित दस्तावेज के अनूपपुर मध्यप्रदेश निवासी नाबालिग को 19 वर्ष उम्र लिख कर कही, ठेकेदार को बचाने का साजिश कर जांच करने का कोरम पूरा किया गया है।

काम करते मिले दो नाबालिग मजदूर- जनप्रतिनिधि
वहां उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने कहा कि, गांव के दो नाबालिग मजदूर के कार्य करने की पुष्टि हुई है। अब ठेकेदार पर कार्रवाई होगी, तब ही यह जांच प्रक्रिया को सही माना जाएगा।

अभिलेख प्रस्तुत करने के बाद ठेकदार की जाएगी कठोर कार्रवाई- श्रम निरीक्षक
इस संबंध में जिला श्रम निरीक्षक जगदीश नैति ने कहा कि 2 नाबालिग के कार्य की पुष्टि हुई है। अभिलेख प्रस्तुत करने के बाद संबंधित ठेकदार पर कठोर कार्रवाई किया जाएगा।

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