नेशनल हाइवे बना तालाब: स्कूली बच्चों और राहगीरों को हो रही परेशानी, साफ-सफाई नहीं होने से नाली हुआ जाम

Heavy waterlogging in NH
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NH में भारी जलभराव 

सरगुजा जिले के बतौली में बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर शांतिपारा मार्ग तालाब में तब्दील हो गया है। नाली जाम और विभागीय लापरवाही से स्कूली बच्चों, ग्रामीणों और राहगीरों को परेशानी हो रही है।

आशीष कुमार गुप्ता - बतौली। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के बतौली में हो रहे लगातार बारिश से राष्ट्रीय राजमार्ग 43 मुख्य मार्ग शांतिपारा पानी के जमाव से तालाब बन गया है। जिससे आवागमन कर रहे स्कूली बच्चों सहित राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

गौरतलब है कि, बतौली विकासखंड मुख्यालय में लगातार बारिश से राष्ट्रीय राजमार्ग 43 भी लबालब हो गए है जिससे मुख्य मार्ग तालाब का रूप ले लिया है।जहां विभागीय अनदेखी के कारण बरसात का मौसम पहुंचने पर भी एनएच विभाग द्वारा साइड शोल्डर को साफ सफाई नहीं किया गया है साथ ही नाली भी बंद पड़े हुए है। इसी के परिणाम स्वरूप गुरुवार को शांतिपारा मुख्य मार्ग तालाब बन गया है। जहां अब स्कूल खुलने पर हजारों को संख्या में स्कूली बच्चे भी आवागमन करते है इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, तहसील कार्यालय में भी ग्रामीण जनोंं आवागमन कर लगा हुआ है। एनएच के अधिकारियों को लापरवाही कहे या उनकी अनदेखी जिससे तालाब की स्थिति राष्टीय राजमार्ग 43 में बनी हुई है।

गंदगी-कीचड़ और पानी से शराबियों के साथ कर्मचारी भी परेशान
वहीं 27 जून रविवार को एक शराब दूकान से सम्बंधित एक खबर आई थी। एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार आबकारी दुकानों से करोड़ों रुपये के राजस्व का संग्रह कर राज्य के खजाने को भर रही है, वहीं दूसरी ओर उन्हीं दुकानों की बुनियादी सुविधाएं पूरी तरह नजरअंदाज की जा रही हैं। बलौदाबाजार जिले के पलारी स्थित अंग्रेजी एवं देशी मदिरा दुकान की ताजा स्थिति यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि, राज्य शासन को सिर्फ कमाई से मतलब है, न कि व्यवस्था और सुविधा से।

शराब दूकान तालाब में तब्दील
मानसून की पहली ही तेज़ बारिश में पलारी की शराब दुकान पूरी तरह पानी में डूब गई है। दुकान के सामने एक से डेढ़ फीट तक गंदा पानी भर गया है, जिसके बीच से होकर शराब प्रेमियों को शराब खरीदने दुकान तक पहुंचना पड़ रहा है। फिसलन, गंदगी, कीचड़ और जलभराव ने पूरी दुकान को अस्थायी तालाब में तब्दील कर दिया है। दुकानदारों को आशंका है कि, अगर इसी तरह बारिश जारी रही तो पानी दुकान के भीतर तक घुस जाएगा, जिससे शराब के स्टॉक को नुकसान पहुंच सकता है।

हर साल वही स्थिति, लेकिन प्रशासनिक की आंखें बंद
स्थानीय नागरिकों और ग्राहकों का कहना है कि, यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। हर साल मानसून में यही स्थिति उत्पन्न होती है। इसके बावजूद न तो, स्थानीय नगरीय प्रशासन और ना ही आबकारी विभाग की ओर से कोई ठोस पहल की जाती है और न ही नगर पंचायत या नगर पालिका की ओर से कोई स्थायी इंतजाम।

अन्य क्षेत्रों में भी यही स्थिति
पलारी ही नहीं, बलौदाबाजार जिले के रोहाँसी, भाटापारा, कसडोल, सिमगा और बिलाईगढ़ जैसे अन्य क्षेत्रों में संचालित शराब दुकानों की हालत भी कुछ अलग नहीं है। लगभग सभी जगहों पर जलभराव, कीचड़, बैठने की व्यवस्था का अभाव, छांव की कमी और साफ-सफाई की दुर्दशा साफ देखी जा सकती है। इन दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों के साथ-साथ ग्राहक भी प्रतिदिन असुविधा का शिकार हो रहे हैं।

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