चुनावों पर अरबों रुपये खर्च: केदार कश्यप ने कहा- 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' से होगी देश की प्रगति

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एक राष्ट्र एक चुनाव संगोष्ठी


केदार कश्यप ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की अवधारणा का समर्थन करते हुए कहा कि चुनावों पर होने वाला अरबों रुपए का खर्च शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।

अनिल सामंत-जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में बस्तर जिले के जगदलपुर में छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की अवधारणा का समर्थन करते हुए कहा कि चुनावों पर अरबों रुपये खर्च हो रहे हैं, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास कार्यों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।

जगदलपुर के श्यामाप्रसाद मुखर्जी टाउन हॉल में आयोजित एक सामाजिक संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए, मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की पहल किसी एक पार्टी के लिए नहीं, बल्कि देश के सभी नागरिकों के लिए है। उन्होंने बताया कि चुनावों पर होने वाला खर्च अगर एक साथ चुनाव के आयोजन से बचता है, तो वह राशि शिक्षा, स्वास्थ्य, और अधोसंरचना के विकास में खर्च की जा सकती है, जिससे देश आर्थिक रूप से मजबूत होगा।


आवास, राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड वितरण

संगोष्ठी में मंत्री कश्यप ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नवीन आवासों की चाबी, राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड लाभार्थियों को वितरित किए। उन्होंने बताया कि इस राशि की बचत से बस्तर क्षेत्र जैसे विकासशील इलाकों में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।


चुनाव पर खर्च का आंकड़ा

मंत्री कश्यप ने कहा कि 2024 के चुनावों में देशभर में लगभग 60 हजार करोड़ रुपये का व्यय हुआ, जिसमें प्रतिदिन 40-50 लाख रुपये खर्च हो रहे थे। यह आंकड़ा सरकार की रिपोर्ट से लिया गया है, जिसमें राजनीतिक दलों के खर्च को शामिल नहीं किया गया है।

चुनाव में शिक्षकों की भूमिका

कैबिनेट मंत्री ने इस दौरान कहा कि चुनाव में शासन-प्रशासन, पुलिस प्रशासन और शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। चुनावी ड्यूटी में लगे शिक्षकों की वजह से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होती है, जिससे बच्चों का भविष्य संकट में पड़ता है।

मंत्री ने की समर्थन देने की अपील
खचाखच भरे हाल में आयोजित एक राष्ट्र एक चुनाव संघोष्टि में कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप मुख्यवक्ता के रूप में उपस्थित जनों से समर्थन देने की अपील की। उन्होंने इस ज्वलन्त मुद्दे को रेखांकित करते कहा प्रधानमंत्री की मंशा है,की समूचे देश मे इस विषय पर सामूहिक चर्चा हो,ताकि सभी के सुझाव मिले और एकमत से सबकी सहमति मिले। कश्यप ने कहा देश मे पहला आम चुनाव 1952 में प्रारम्भ हुआ। 1952 से 1967 तक एक राष्ट्र एक चुनाव होता था,1967 के बाद देश की तत्कालीन सरकार के हस्तक्षेप के चलते व्यवस्था में बदलाव हुआ और तब से आज तक अलग-अलग चुनाव की परिपाटी चली आ रही है। प्रधानमंत्री ने इसी परिपाटी को खत्म करने के लिए एक राष्ट्र एक चुनाव की अवधारणा समूचे देशवासियों के समक्ष लाया है। इस दौरान सर्व हिन्दू समाज के जिलाध्यक्ष धर्मचन्द शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश पांडे, देवांगन समाज के देवेंद्र देवांगन, बस्तर जिला पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष मनीष गुप्ता, उत्कल समाज के जिलाध्यक्ष राजेश दास, आरण्यक ब्राम्हण समाज के देवशंकर पंडा ने एक राष्ट्र एक चुनाव का खुलकर समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री के इस अवधारणा को उचित कदम बताया। चित्रकोट विधायक विनायक गोयल ने आभार व्यक्त करते हुए जिला के सभी समाज, संगठन से प्रधानमंत्री के इस अवधारणा को आगे ले जाने के लिए समर्थन मांग कर आभार व्यक्त किया।

ये रहे मौजूद
इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप,महापोर संजय पांडे,निगम अध्यक्ष खेमसिंह देवांगन,जनपद अध्यक्ष पडलाम नाग,विद्याशरण तिवारी,शिवनारायण पांडे,श्रीनिवास मिश्रा,योगेंद्र पांडे,प्रकाश झा,रजनीश पाणिग्राही, रूपसिंह मंडावी,सुधा मिश्रा,अविनाश श्रीवास्तव, सुधीर पांडे,गीता नाग,पुरुषोत्तम जोशी,सोमारू मंडावी,मंगतूराम कश्यप,प्रवीण सांखला,पीताम्बर कश्यप,नरेश पाणिग्राही,हरिराम मंडावी,देवीप्रसाद बेंजाम,नारायण ठाकुर,बलदेव मंडावी,महेंद्र सेठिया,लछूराम कश्यप,रामबती मंडावी,सुधीर पांडे,सुरेश गुप्ता,निर्मल पाणिग्राही,लक्ष्मण झा,पंकज आचार्य,विक्रम सिंह यादव,आरबी सिंह समेत बड़ी संख्या में मातृ शक्तियां और पुरुष कार्यकर्ता, रंजीत पांडे, नरेंद्र पाणिग्राही, उत्तमलाल वर्मा समेत बड़ी संख्या में सामाजिक संगठन से जुड़े प्रतिनिधि सम्मलित थे।

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